धर्मराज सिंह
जबलपुर. कहते हैं दिया तले अंधेरा और यह कहावत शहीद स्मारक गोलबाजार इलाके में पूरी तरह चरितार्थ होती नजर आ रही है. स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत यहां लाखों रुपये खर्च कर आधुनिक फुटपाथ का निर्माण कराया गया था, लेकिन निर्माण कार्य पूरा होने के कुछ ही समय बाद से चोरी की वारदातें लगातार सामने आने लगीं. फुटपाथ पर लगे काले ग्रेनाइट और महंगे मार्बल की ईंटें चोरों के निशाने पर हैं. अब तो स्थिति यह है कि गोलबाजार में लगाए गए स्ट्रीट लाइट के खंभे तक सुरक्षित नहीं बचे.
स्थानीय लोगों का कहना है कि रात होते ही यहां से ग्रेनाइट और पत्थरों की चोरी की जाती है, और अब खंभों की फिटिंग तक उखाड़कर ले जाई जा रही है. हैरानी की बात यह है कि गोलबाजार शहर का व्यस्ततम मार्ग है और यहां से कुछ ही दूरी पर लार्डगंज थाना स्थित है. इसके बावजूद चोरों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे नियम-कानून की परवाह किए बिना वारदातों को अंजाम दे रहे हैं.
निवासियों ने बताया कि यहां प्रतिदिन प्रशासनिक अधिकारियों का आना-जाना लगा रहता है, लेकिन सुरक्षा व्यवस्था नाम मात्र की है. इस लापरवाही का सीधा फायदा चोर उठा रहे हैं. लोगों की चिंता यह है कि अगर समय रहते सुरक्षा उपाय नहीं किए गए तो गोलबाजार में लगे अन्य कीमती सामान—जैसे बैठने की बेंचें, डेकोरेटिव लाइट्स और लोहे की रेलिंग तक गायब हो सकती हैं.
फुटपाथ और सड़क सौंदर्यीकरण में लगाया गया सार्वजनिक धन अब खुलेआम असुरक्षित है. सवाल यह है कि जब शहर को स्मार्ट बनाने की योजनाओं पर करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं, तो क्या इन पर निगरानी और सुरक्षा की जिम्मेदारी भी स्मार्ट नहीं होनी चाहिए? फिलहाल, लोगों को यही डर सता रहा है कि अगर हालात यूं ही बने रहे तो जल्द ही गोलबाजार का नजारा फिर से पुराने, जर्जर हालात में लौट आएगा.

