मप्र आर्चरी एकेडमी ने 12 निशानेबाजों को बाहर किया: अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मुस्कान किरार की बहन सलोनी भी सूची में शामिल

मप्र आर्चरी एकेडमी ने 12 निशानेबाजों को बाहर किया: अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी मुस्कान किरार की बहन सलोनी भी सूची में शामिल

प्रेषित समय :23:01:12 PM / Sun, Aug 31st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. मध्यप्रदेश आर्चरी एकेडमी जबलपुर ने बड़ा निर्णय लेते हुए 12 निशानेबाजों को एकेडमी से निष्कासित कर दिया है. इसमें सबसे चौंकाने वाला नाम है सलोनी किरार, जो कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकीं आर्चरी खिलाड़ी मुस्कान किरार की बहन हैं. निर्णय का आधार बताया गया है—खिलाड़ियों का लंबे समय से प्रदर्शन सुधार न पाना और चयन मानकों पर खरा न उतरना.जबलपुर स्थित इस आर्चरी एकेडमी का संचालन मध्यप्रदेश राज्य खेल विभाग करता है. अधिकारियों ने कहा कि नियमित मूल्यांकन प्रक्रिया के दौरान 12 खिलाड़ियों को प्रदर्शन में अपेक्षित सुधार न दिखाने पर बाहर किया गया है.मप्र आर्चरी एकेडमी का यह निर्णय न सिर्फ खिलाड़ियों बल्कि खेल नीति और प्रशिक्षण पद्धति पर भी सवाल खड़ा करता है. जहां एक ओर अनुशासन और परफॉर्मेंस के मानक बनाए रखना जरूरी है, वहीं दूसरी ओर उभरते खिलाड़ियों को समय और सहारा देना भी उतना ही महत्वपूर्ण है. सलोनी किरार का नाम इस पूरे प्रकरण को खास बना देता है क्योंकि वह एक अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी की बहन हैं.आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि बाहर किए गए खिलाड़ी इस चुनौती को किस तरह स्वीकार करते हैं—क्या वे अपने प्रदर्शन में सुधार कर फिर से वापसी करेंगे, या यह निर्णय उनके खेल जीवन की दिशा बदल देगा.

एकेडमी के निदेशक अनिल यादव ने कहा:

“हम हर छह महीने परफॉर्मेंस रिव्यू करते हैं. कई खिलाड़ियों को बार-बार मौके दिए गए, लेकिन उन्होंने राष्ट्रीय और राज्य स्तर की प्रतियोगिताओं में उम्मीद के अनुरूप प्रदर्शन नहीं किया. मजबूरी में हमें उन्हें बाहर करना पड़ा.”

सलोनी किरार का नाम क्यों चर्चा में
सलोनी किरार का नाम इसलिए सुर्खियों में है क्योंकि उनकी बहन मुस्कान किरार भारत की अग्रणी आर्चर हैं, जिन्होंने एशियन और वर्ल्ड चैंपियनशिप में पदक जीते हैं. परिवार की पृष्ठभूमि को देखते हुए माना जा रहा था कि सलोनी भी उसी राह पर आगे बढ़ेंगी. लेकिन एकेडमी के मूल्यांकन में उनका प्रदर्शन संतोषजनक नहीं पाया गया.

स्थानीय खेल पत्रकारों का कहना है कि सलोनी ने जूनियर और सीनियर लेवल पर कई प्रतियोगिताओं में भाग लिया, लेकिन अंक और रैंकिंग के लिहाज से वह अपेक्षा पूरी नहीं कर सकीं.

कई खिलाड़ियों और उनके परिजनों ने इस निर्णय को कठोर बताया है. उनका तर्क है कि खेल में निरंतर सुधार के लिए अधिक अवसर और मानसिक परामर्श की आवश्यकता होती है.

एक अभिभावक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा:

“बच्चों से तुरंत परिणाम की उम्मीद करना ठीक नहीं है. कभी-कभी एक खिलाड़ी को अपनी लय पाने में वक्त लगता है. एकेडमी को उन्हें बाहर करने की बजाय अतिरिक्त ट्रेनिंग और काउंसलिंग देनी चाहिए थी.”

वहीं कुछ खिलाड़ियों ने माना कि प्रतिस्पर्धा बहुत कठिन है और एकेडमी का यह कदम बाकी खिलाड़ियों के लिए चेतावनी है कि केवल नाम या पारिवारिक पृष्ठभूमि के आधार पर यहां टिकना संभव नहीं.

खेल विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय खेल नीति और टैलेंट निखारने के दृष्टिकोण से मिला-जुला असर डाल सकता है.

सकारात्मक पक्ष यह है कि इससे खिलाड़ियों में अनुशासन और प्रदर्शन पर फोकस बढ़ेगा.

नकारात्मक पहलू यह है कि जिन खिलाड़ियों को बाहर किया गया, उनमें कुछ भविष्य में सुधार कर सकते थे, लेकिन अब उनके अवसर सीमित हो सकते हैं.

डॉ. रवि मिश्रा (स्पोर्ट्स साइकोलॉजिस्ट) कहते हैं:

“खिलाड़ियों परफॉर्मेंस प्रेशर से गुजरते हैं. कई बार लगातार बाहर करने के बजाय उन्हें मानसिक और शारीरिक स्तर पर मजबूत बनाने की ज़रूरत होती है. यह निर्णय दीर्घकालिक परिणामों को भी प्रभावित कर सकता है.”

मध्यप्रदेश ने हाल के वर्षों में आर्चरी के क्षेत्र में मजबूत पहचान बनाई है. जबलपुर की इस अकादमी से निकलने वाले कई खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीते हैं.

मुस्कान किरार इसका बड़ा उदाहरण हैं, जिन्होंने वर्ल्ड आर्चरी चैंपियनशिप और एशियन गेम्स में देश का नाम रोशन किया.

सरकार ने इस खेल को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक उपकरण, विशेषज्ञ कोच और नियमित कैंप उपलब्ध कराए हैं.

लेकिन अब 12 खिलाड़ियों को बाहर किए जाने के बाद सवाल उठ रहे हैं कि क्या चयन प्रक्रिया में लचीलापन होना चाहिए था या नहीं.

खेल विभाग का कहना है कि बाहर किए गए खिलाड़ियों को स्थायी रूप से अवसरों से वंचित नहीं किया गया है. यदि वे भविष्य में अपने प्रदर्शन में सुधार दिखाते हैं और चयन मानकों पर खरे उतरते हैं, तो उन्हें दोबारा प्रवेश दिया जा सकता है.

इस बीच, एकेडमी ने खाली हुई सीटों पर नए प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को मौका देने की योजना बनाई है. इसके लिए आने वाले महीने में ओपन ट्रायल्स आयोजित होंगे.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-