स्मार्ट मीटर लगाने की होड़, पर बुनियादी सुरक्षा से लापरवाही: दमोहनाका में बिजली के तारों का मकड़जाल बना खतरा

स्मार्ट मीटर लगाने की होड़, पर बुनियादी सुरक्षा से लापरवाही: दमोहनाका में बिजली के तारों का मकड़जाल बना खतरा

प्रेषित समय :18:04:25 PM / Sun, Aug 31st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. मध्यप्रदेश विद्युत मंडल जहां एक ओर शहरभर में तेजी से स्मार्ट मीटर लगाने की कार्रवाई कर रहा है, वहीं दूसरी ओर बुनियादी बिजली सुरक्षा व्यवस्था को लेकर गंभीर लापरवाही सामने आ रही है. शहर के कई इलाकों में स्मार्ट मीटर का विरोध दर्ज किया जा रहा है, लेकिन उससे भी बड़ी समस्या उन जगहों पर है जहां विद्युत तारों का जाल खतरे में तब्दील हो चुका है.

त्रिमूर्ति नगर का मामला
दमोहनाका स्थित त्रिमूर्ति नगर, कृष्णा कॉलोनी इसका ताजा उदाहरण है. यहां खंभों के सहारे व्यवस्थित तार लगाने के बजाय लकड़ी के बांसों पर बिजली के तार कस दिए गए हैं. यह नजारा लोगों के लिए आश्चर्य का विषय बना हुआ है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि विद्युत मंडल के कर्मचारी और अधिकारी इस स्थिति से भली-भांति वाकिफ हैं, बावजूद इसके कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.

खतरे का अंदेशा
लोगों का कहना है कि समय रहते व्यवस्थाओं को दुरुस्त नहीं किया गया तो कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. लकड़ी पर टिके तार अत्यधिक भार झेलने की स्थिति में टूट सकते हैं और सीधे जमीन पर गिर सकते हैं. इससे क्षेत्र में न केवल करंट लगने का खतरा है बल्कि आगजनी और जनहानि जैसी स्थिति भी उत्पन्न हो सकती है.

स्मार्ट मीटर बनाम बुनियादी ढांचा
स्थानीय लोगों का तर्क है कि स्मार्ट मीटर लगाना गलत नहीं है, लेकिन जब तक मौजूदा बिजली व्यवस्था सुरक्षित और स्थिर नहीं होगी तब तक सिर्फ मीटर बदलने से जनता को राहत नहीं मिलेगी.

एक ओर अधिकारी मीटर बदलने की कार्रवाई में तत्परता दिखा रहे हैं.

दूसरी ओर बिजली खंभे, तार और ट्रांसफार्मर जैसी आधारभूत व्यवस्थाओं की उपेक्षा हो रही है.

लोगों की नाराजगी
क्षेत्रवासियों ने कहा कि बिजली विभाग को सबसे पहले पुराने खंभों, झूलते तारों और बेतरतीब वायरिंग की मरम्मत करनी चाहिए. इसके बाद ही स्मार्ट मीटर लगाने की कवायद आगे बढ़नी चाहिए. अन्यथा यह सब महज दिखावटी सुधार रह जाएगा.

त्रिमूर्ति नगर का यह मामला सवाल उठाता है कि जब विद्युत मंडल को समस्या की जानकारी है तो क्यों अभी तक कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई. स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य पारदर्शिता और बेहतर सुविधा देना है, लेकिन अगर बुनियादी ढांचा ही सुरक्षित न हो तो यह पूरी कवायद जनता के लिए नई परेशानियों और संभावित हादसों का कारण बन सकती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-