जबलपुर हत्याकांड, 4 साल बाद 7 दोषियों को उम्रकैद, घूरने की रंजिश पर की थी महिला की हत्या

जबलपुर हत्याकांड, 4 साल बाद 7 दोषियों को उम्रकैद

प्रेषित समय :15:23:52 PM / Sun, Aug 31st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. पाटन जिला कोर्ट ने झलौन गांव में हुए सनसनीखेज हत्याकांड में सात आरोपियों को आजीवन कारावास और 4500-4500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई है. नवंबर 2021 में सिर्फ घूरने की बात पर शुरू हुआ विवाद लाठी-डंडे व धारदार हथियारों तक जा पहुंचा था. इसमें मोहनलाल की मां जिज्जो बाई की मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हुए थे. करीब चार साल चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने सभी आरोपियों को दोषी करार दिया.

22 नवंबर 2021 की सुबह करीब 10.30 बजे झलौन गांव निवासी मोहनलाल अपनी पत्नी रेवता बाई और मां जिज्जो बाई के साथ घर के काम में लगा था. तभी आरोपी डल्लू उर्फ डालचंद फरसा लेकर अपने साथियों नीलेशए दीपक उर्फ भिम्मा, धनीराम, संतू, राधा व शिवकुमारी के साथ पहुंचा और धारदार हथियारों से हमला कर दिया. उसी सुबह मोहनलाल और डल्लू के बीच घूरने को लेकर कहासुनी हुई थी. गांववालों ने विवाद शांत कराया, लेकिन आरोपी बदला लेने की नीयत से दोपहर को फिर हथियार लेकर पहुंच गए. डल्लू और उसके साथियों ने घर पहुंचकर मोहनलाल को बाहर बुलाया.

जैसे ही वह पत्नी के साथ बाहर निकलाए आरोपी नीलेश ने रेवता बाई पर कुल्हाड़ी से सिर पर वार कर दिया. मोहनलाल बीच-बचाव करने आया तो दीपक व संतू ने लाठियों से हमला कर उसे घायल कर दिया. गांव के लोग भगवत और प्रहलाद विवाद सुलझाने आए, लेकिन आरोपियों ने उन पर भी हमला किया. मोहनलाल की मां जिज्जो बाई बेटे को बचाने दौड़ीं तो पानी की टंकी के पास डल्लू ने फरसा मारकर उनके सिर में गंभीर चोट पहुंचा दी. राधा और शिवकुमारी ने भी जिज्जो बाई और रेवता बाई पर लाठियां बरसाईं.  घटना में घायल जिज्जो बाई को बेलखेड़ा अस्पताल भेजा गया. जहां से उन्हें मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया. लेकिन रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.

पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 294, 323, 307 भादवि के तहत केस दर्ज कर जांच शुरू की और सभी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. मामले की विवेचना निरीक्षक विजय अम्भोरे ने की. अभियोजन की ओर से विशेष लोक अभियोजक संदीप जैन ने उपसंचालक अभियोजन विजय कुमार उइके के मार्गदर्शन में केस की पैरवी की. कोर्ट में 12 गवाह पेश किए गए. अभियोजन के ठोस तर्कों से सहमत होते हुए अपर सत्र न्यायाधीश ओमप्रकाश रजक ने सभी आरोपियों को दोषी ठहराया. कोर्ट ने सातों आरोपियों को धारा 302/149 भादवि में आजीवन कारावास और 2000 रुपए अर्थदंड, धारा 148 में छह माह की कैद और 500 रुपए अर्थदंडएसाथ ही धारा 323ध्149 (चार मामलों में) छह-छह माह की कैद और 500-500 रुपए अर्थदंड की सजा सुनाई.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-