जेन जेड की डेटिंग संस्कृति में बदलाव डबल डेट्स का नया ट्रेंड

जेन जेड की डेटिंग संस्कृति में बदलाव डबल डेट्स का नया ट्रेंड

प्रेषित समय :23:14:00 PM / Sun, Aug 31st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

युवा पीढ़ी यानी जेन जेड ने जीवनशैली के लगभग हर क्षेत्र में नए प्रयोग किए हैं. चाहे वह फैशन हो, करियर विकल्प हों या सोशल मीडिया का उपयोग, हर जगह उन्होंने अपनी अलग पहचान बनाई है. अब वही रुझान रिश्तों और डेटिंग की दुनिया में भी देखने को मिल रहा है. पारंपरिक अर्थों में डेटिंग का मतलब होता था किसी एक साथी के साथ समय बिताना, उसे समझना और रिश्ते को आगे बढ़ाना. लेकिन जेन जेड के बीच अब एक नया चलन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है—डबल डेट्स. इसमें एक जोड़ा अकेले मिलने के बजाय दोस्तों या किसी अन्य जोड़े के साथ समय बिताना पसंद कर रहा है. यह बदलाव सिर्फ एक ट्रेंड नहीं, बल्कि गहरी सामाजिक और मनोवैज्ञानिक प्रवृत्ति का प्रतीक है.

आज के दौर में रिश्तों के मायने बदल रहे हैं. पहले जहां दो लोगों के बीच अकेलेपन में बातचीत और गहराई तलाशने की परंपरा थी, वहीं अब युवा अपने साथी को दोस्तों की मौजूदगी में परखना अधिक सहज मान रहे हैं. उन्हें लगता है कि दोस्तों के बीच बिताया गया समय वास्तविक व्यक्तित्व को सामने लाता है. दरअसल, जेन जेड रिश्तों में पारदर्शिता और सामूहिक अनुभव को ज्यादा महत्व देते हैं. इसीलिए डबल डेट उनके लिए एक सुरक्षित और आनंददायक विकल्प बन गया है.

इस बदलाव के पीछे कई सामाजिक और मनोवैज्ञानिक कारण छिपे हैं. सबसे पहला कारण है भावनात्मक सुरक्षा. आज की पीढ़ी डेटिंग को लेकर सतर्क रहती है. ऑनलाइन ऐप्स और सोशल मीडिया के ज़माने में साथी से पहली मुलाकात करना कभी-कभी जोखिम भरा महसूस हो सकता है. ऐसे में जब दो जोड़े या दोस्त एक साथ बाहर जाते हैं तो यह न सिर्फ भरोसा बढ़ाता है बल्कि अनजाने डर को भी कम करता है. लड़की या लड़के को यह आश्वासन रहता है कि वह अकेला नहीं है. यह मानसिक सुरक्षा उन्हें अधिक आत्मविश्वास देती है और सहज बातचीत का अवसर पैदा करती है.

दूसरा पहलू है साझा अनुभवों का महत्व. जेन जेड खुद को एक सामाजिक पीढ़ी मानते हैं, जो समूहों में सोचने और निर्णय लेने में विश्वास करती है. जब वे दोस्तों के साथ किसी कैफे, रेस्टोरेंट या मूवी डेट पर जाते हैं तो वहां सिर्फ दो लोगों की निजी बातचीत नहीं होती, बल्कि चार या उससे अधिक लोगों का मज़ा साझा होता है. इस दौरान हंसी-मजाक, गेम्स, म्यूज़िक और चर्चाओं से रिश्ते में बोझिलपन कम होता है. यह युवाओं को यह भी समझने में मदद करता है कि उनका साथी दोस्तों के बीच कैसे व्यवहार करता है, यानी उसके सामाजिक व्यवहार और व्यक्तित्व का वास्तविक रूप सामने आता है.

तीसरा पहलू है आधुनिक जीवन की तेज़ रफ्तार. पढ़ाई, नौकरी और करियर की चुनौतियों के बीच अकेले समय निकालना मुश्किल होता जा रहा है. ऐसे में युवा अपने सोशल सर्कल और रिश्ते दोनों को संतुलित रखने के लिए डबल डेट को प्राथमिकता देते हैं. इससे समय भी बचता है और रिश्तों में दूरी भी नहीं आती.

डबल डेट का यह ट्रेंड सोशल मीडिया पर भी खूब दिखाई दे रहा है. इंस्टाग्राम और टिकटॉक पर #DoubleDate और #GroupDating जैसे हैशटैग लाखों व्यूज़ पा रहे हैं. तस्वीरों और रील्स में युवा कैफे, आइसक्रीम पार्लर या आउटडोर ट्रिप पर अपने दोस्तों और पार्टनर के साथ एन्जॉय करते नजर आते हैं. यह एक तरह से "फ्रेंडली डेटिंग कल्चर" को जन्म दे रहा है, जहां रिश्ते सिर्फ दो लोगों की दुनिया तक सीमित नहीं रहते बल्कि मित्र मंडली का हिस्सा बन जाते हैं.

समाजशास्त्री और रिलेशनशिप काउंसलर मानते हैं कि इस चलन का सकारात्मक पहलू यह है कि यह रिश्तों में खुलेपन को बढ़ाता है. जब रिश्ते दोस्तों के बीच पनपते हैं तो उनमें छुपाव कम होता है और आपसी भरोसा गहरा होता है. साथ ही, डबल डेट्स रिश्तों को हल्का-फुल्का और मजेदार बनाए रखते हैं. हालांकि, विशेषज्ञ यह भी मानते हैं कि कभी-कभी इस तरह का समूह अनुभव व्यक्तिगत भावनाओं को पीछे धकेल सकता है. रिश्ते में गहराई और निजी बातचीत के लिए दो लोगों का अकेले समय बिताना भी उतना ही जरूरी है.

दिलचस्प बात यह है कि डबल डेट का विचार बिल्कुल नया नहीं है. पश्चिमी समाज में यह लंबे समय से मौजूद रहा है. भारत में भी शहरी इलाकों में इसे धीरे-धीरे अपनाया जा रहा है. लेकिन जेन जेड की वजह से यह अब एक सोशल ट्रेंड का रूप ले चुका है. छोटे शहरों में भी कॉलेज के छात्र-छात्राएं अपने दोस्तों के साथ इस चलन को अपनाते दिख रहे हैं.

फिल्मों और वेब सीरीज़ ने भी इस संस्कृति को लोकप्रिय बनाने में अहम भूमिका निभाई है. कई शो में दिखाया गया है कि दोस्त और कपल्स मिलकर डिनर या ट्रिप पर जाते हैं, जहां रिश्ते और दोस्ती दोनों साथ-साथ चलते हैं. युवा इन दृश्यों से प्रभावित होकर वास्तविक जीवन में इसे अपनाने लगे हैं.

आर्थिक पहलू भी इसमें अहम है. अकेले डेट पर खर्च करना कभी-कभी जेब पर भारी पड़ सकता है. लेकिन जब दो जोड़े साथ बाहर जाते हैं तो बिल साझा करना आसान होता है. इससे खर्च भी कम होता है और मनोरंजन भी बढ़ जाता है.

जेन जेड की इस सोच का असर पारिवारिक मान्यताओं पर भी देखा जा रहा है. पहले जहां माता-पिता बच्चों की डेटिंग को संदेह की नज़र से देखते थे, वहीं अब उन्हें यह भरोसा रहता है कि बच्चा अकेले नहीं, बल्कि दोस्तों के साथ बाहर गया है. इससे परिवारों में भी खुलेपन की भावना बढ़ रही है.

कुल मिलाकर, डबल डेट्स का ट्रेंड इस बात का संकेत है कि जेन जेड रिश्तों को बोझ नहीं, बल्कि उत्सव की तरह देखती है. उनके लिए प्यार और दोस्ती अलग-अलग रास्ते नहीं बल्कि एक साझा यात्रा है. यह पीढ़ी भावनात्मक सुरक्षा, पारदर्शिता और सामूहिक अनुभव को प्राथमिकता देती है.

भविष्य में यह चलन और भी मजबूत हो सकता है क्योंकि समाज और तकनीक दोनों ही सामूहिकता की ओर बढ़ रहे हैं. वर्चुअल मीटिंग्स, ऑनलाइन ग्रुप्स और सोशल मीडिया के इस युग में डबल डेट्स युवाओं के लिए एक स्वाभाविक विकल्प बन चुकी हैं. यह न सिर्फ रिश्तों में ताजगी लाता है, बल्कि दोस्ती और प्यार के बीच की दूरी को भी पाट देता है.

इस तरह डबल डेटिंग जेन जेड की जीवनशैली का हिस्सा बन चुकी है. यह बदलाव सिर्फ डेटिंग संस्कृति में नहीं, बल्कि रिश्तों की परिभाषा में भी नए अध्याय जोड़ रहा है. प्यार अब सिर्फ दो लोगों के बीच का रहस्य नहीं रहा, बल्कि यह दोस्तों की हंसी-खुशी और साझा अनुभवों के बीच पनपने वाला उत्सव बन गया है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-