जीएसटी में नवरात्रि में होगा बड़ा बदलाव, 4 की जगह अब सिर्फ 2 टैक्स स्लैब, जानिए लोगों को यह फायदा होगा

जीएसटी में नवरात्रि में होगा बड़ा बदलाव, 4 की जगह अब सिर्फ 2 टैक्स स्लैब, जानिए लोगों को यह फायदा होगा

प्रेषित समय :14:28:08 PM / Wed, Sep 3rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. त्योहारों का मौसम आने वाला है और सरकार आम आदमी को एक बड़ा तोहफा देने की तैयारी में है. ख़बरों के मुताबिक, केंद्र सरकार नवरात्रि तक जीएसटी की नई दरें लागू कर सकती है, जिससे कई चीजें सस्ती हो सकती हैं. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में आज 3 सितम्बर को जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई, जिसमें टैक्स सिस्टम को आसान बनाने पर चर्चा की गई.

आखिर क्यों बदल रहा है जीएसटी सिस्टम

सरकार जीएसटी सिस्टम में यह बड़ा बदलाव इसलिए कर रही है, क्योंकि पिछले 8 सालों के आंकड़ों से एक बहुत दिलचस्प बात सामने आई है.
अभी जीएसटी के चार स्लैब हैं - 5 प्रतिशत, 12 प्रतिशत, 18 प्रतिशत और 28 प्रतिशत.
सरकार की कुल जीएसटी कमाई का लगभग 67 प्रतिशत हिस्सा अकेले 18 प्रतिशत वाले स्लैब से आता है. वहीं, 12 प्रतिशत वाले स्लैब से सबसे कम, सिर्फ 5 प्रतिशत की कमाई होती है. 5 प्रतिशत वाले स्लैब से 7 प्रतिशत और 28 प्रतिशत वाले स्लैब से 11 प्रतिशत की कमाई होती है. इन आंकड़ों को देखकर मंत्रियों के एक समूह ने सुझाव दिया है कि टैक्स सिस्टम को आसान बनाया जाए.

क्या है नया प्लान?

सरकार का प्लान है कि 4 टैक्स स्लैब की जगह अब सिर्फ 2 स्लैब रखे जाएं.
12 प्रतिशत और 28 प्रतिशत स्लैब को खत्म करना- सरकार 12त्न वाले स्लैब को इसलिए हटाना चाहती है, क्योंकि इससे बहुत कम टैक्स आता है. वहीं, 28 प्रतिशत वाले स्लैब को हटाने का मकसद लग्जरी और महंगी चीजों के दाम कम करना है. माना जा रहा है कि 28 प्रतिशत टैक्स की वजह से लोग कार, फ्रिज, टीवी जैसी चीजें खरीदने से कतराते हैं.
सिर्फ 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत स्लैब रहेंगे- अगर यह बदलाव होता है तो देश में जीएसटी के मुख्य रूप से सिर्फ दो स्लैब - 5 प्रतिशत और 18 प्रतिशत - रह जाएंगे. ज्यादातर चीजें इन्हीं दो स्लैब में आ जाएंगी.

आम आदमी को यह फायदा होगा

सस्ती होंगी कई चीजें: जो चीजें अभी 28 प्रतिशत टैक्स स्लैब में आती हैं, जैसे कि कार, मोटरसाइकिल, कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स (टीवी, फ्रिज, एसी) और सीमेंट-पेंट जैसी चीजें, वे 18त्न वाले स्लैब में आ सकती हैं. इससे इनकी कीमतें काफी कम हो जाएंगी.
बचत और खरीदारी बढ़ेगी: जब चीजें सस्ती होंगी, तो लोग ज्यादा खरीदारी करेंगे. इससे मध्यमवर्गीय परिवारों की बचत भी बढ़ेगी.
नई नौकरियां मिल सकती हैं: जब चीजों की मांग बढ़ेगी तो उन्हें बनाने वाली कंपनियों को ज्यादा लोगों को काम पर रखना पड़ेगा. इससे ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे सेक्टर में नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे दिवाली का शुरुआती तोहफा कहा है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का भी कहना है कि इससे छोटे कारोबारियों को कागजी कार्रवाई से राहत मिलेगी और उन्हें व्यापार करने में आसानी होगी.

लागू करने में थोड़ी अड़चनें

 इस बदलाव को लागू करना इतना आसान नहीं है. त्रस्ञ्ज काउंसिल की बैठक में इस पर सभी राज्यों की सहमति बनानी होगी. कई गैर-बीजेपी शासित राज्य, जैसे तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल, इसका विरोध कर सकते हैं. उन्हें डर है कि टैक्स स्लैब कम होने से उनके राज्य की कमाई घट सकती है. वे इसकी भरपाई के लिए सिगरेट, तंबाकू जैसे सिन गुड्स पर टैक्स बढ़ाने का सुझाव दे सकते हैं.
सरकार का मानना है कि भले ही शुरुआत में टैक्स कलेक्शन थोड़ा कम हो, लेकिन जब लोग सस्ती चीजें ज्यादा खरीदेंगे तो कुल मिलाकर कमाई बढ़ जाएगी. यह बदलाव ऐसे समय में हो रहा है जब दुनिया भर में आर्थिक चुनौतियां हैं, इसलिए सरकार घरेलू मांग को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था को मजबूत करना चाहती है. अगर सब कुछ प्लान के मुताबिक रहा तो इस नवरात्रि आपके लिए खरीदारी करना पहले से ज्यादा फायदेमंद हो सकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-