बागी 4 में संजय दत्त का भावुक जुड़ाव दर्शकों को वास्तव की याद दिलाने वाला संबंध

बागी 4 में संजय दत्त का भावुक जुड़ाव दर्शकों को वास्तव की याद दिलाने वाला संबंध

प्रेषित समय :18:53:29 PM / Thu, Sep 4th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

बॉलीवुड अभिनेता संजय दत्त ने अपने लंबे अभिनय करियर में कई यादगार किरदार निभाए हैं, लेकिन वास्तव में रघु का किरदार आज भी दर्शकों की स्मृतियों में जीवित है. अब एक बार फिर संजय दत्त सुर्खियों में हैं, और इस बार वजह बनी है टाइगर श्रॉफ की बहुप्रतीक्षित फिल्म बागी 4. संजय दत्त ने हाल ही में कहा कि इस फिल्म के किरदार और कहानी ने उन्हें भीतर तक छू लिया और उन्हें वास्तव जैसे गहरे भावुक अनुभव की याद दिला दी.

संजय दत्त का यह बयान फिल्मी दुनिया और दर्शकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है. वास्तव 1999 की वह फिल्म थी जिसने मुंबई के अंडरवर्ल्ड की कठोर सच्चाई को परदे पर उतारा और संजय दत्त के अभिनय को नई ऊँचाइयों तक पहुँचा दिया. इस फिल्म ने उन्हें राष्ट्रीय पुरस्कार दिलाया और हिंदी सिनेमा में उनका नाम अभिनय के पर्याय के रूप में स्थापित कर दिया. जब संजय दत्त बागी 4 की स्क्रिप्ट और भावनाओं को वास्तव से जोड़ते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि यह फिल्म सिर्फ एक्शन तक सीमित नहीं रहने वाली है.

बागी श्रृंखला अब तक अपने रोमांचक एक्शन, स्टंट और टाइगर श्रॉफ की फिटनेस के लिए जानी जाती रही है. लेकिन इस बार संजय दत्त जैसे अनुभवी कलाकार के जुड़ने से इसमें भावनात्मक गहराई भी जुड़ गई है. उनका कहना है कि कहानी के कुछ हिस्सों ने उन्हें उनके पुराने दर्द और संघर्ष की याद दिलाई. यही वजह है कि दर्शकों की अपेक्षाएँ अब पहले से कहीं अधिक बढ़ गई हैं.

संजय दत्त का फिल्म से यह भावनात्मक जुड़ाव यह भी दर्शाता है कि एक कलाकार के लिए किरदार केवल अभिनय का माध्यम नहीं होते, बल्कि वे उसकी आत्मा को भी छूते हैं. वास्तव के रघु की असहायता, दर्द और संघर्ष ने उन्हें जैसे झकझोरा था, वैसा ही अनुभव अब बागी 4 ने दिया है. यही कारण है कि उन्होंने खुले तौर पर इसे अपने दिल के बेहद करीब बताया है.

फिल्म समीक्षकों का मानना है कि संजय दत्त की मौजूदगी बागी 4 को एक अलग स्तर पर ले जाएगी. टाइगर श्रॉफ जहां अपनी ऊर्जा और शानदार एक्शन से युवाओं को आकर्षित करते हैं, वहीं संजय दत्त का अनुभव और गहराई इस फिल्म को संतुलित और प्रभावशाली बनाएगी. यही कारण है कि सोशल मीडिया पर संजय दत्त का बयान वायरल हो रहा है और लोग फिल्म की रिलीज़ को लेकर उत्साहित हैं.

हालांकि फिल्म सेंसर बोर्ड की सख्ती का भी सामना कर रही है. 'ए' सर्टिफिकेट मिलने के बावजूद इसमें 23 कट लगाने की सिफारिश की गई है. कई संवाद और हिंसक दृश्य हटाए जाने की बात सामने आई है. इस विवाद ने फिल्म को और अधिक चर्चित बना दिया है. दर्शकों के मन में सवाल है कि क्या इतनी कटौती के बाद भी फिल्म का मूल भाव और उसकी भावनात्मक गहराई बरकरार रहेगी.

संजय दत्त का करियर उतार-चढ़ाव और संघर्ष से भरा रहा है. व्यक्तिगत जीवन की कठिनाइयों और विवादों के बावजूद उन्होंने हर बार अपने अभिनय से साबित किया कि वे सिनेमा की आत्मा को छूने वाले कलाकार हैं. मुन्ना भाई एमबीबीएस की संवेदनशीलता, खलनायक की तीव्रता और अग्निपथ में खलनायक कांचा चीना का भय—हर भूमिका ने उनकी बहुमुखी प्रतिभा को दर्शाया. ऐसे में बागी 4 उनके लिए केवल एक फिल्म नहीं बल्कि भावनाओं की पुनः यात्रा है.

दर्शकों की नजर अब संजय दत्त और टाइगर श्रॉफ की जोड़ी पर है. एक तरफ युवा ऊर्जा और दूसरी तरफ अनुभवी परिपक्वता—दोनों के मेल से फिल्म को बड़े स्तर पर सराहे जाने की उम्मीद है. खासकर संजय दत्त का यह बयान दर्शकों के मन में यह विश्वास पैदा कर रहा है कि यह फिल्म केवल मनोरंजन तक सीमित नहीं बल्कि गहरे भावनात्मक स्तर पर भी असर डालेगी.

कुल मिलाकर, बागी 4 का इंतजार अब केवल एक्शन और स्टंट के लिए नहीं बल्कि संजय दत्त की उस भावनात्मक गहराई को देखने के लिए भी है, जिसे उन्होंने वास्तव से जोड़कर बताया है. अगर यह फिल्म उनकी उम्मीदों और अनुभवों पर खरी उतरती है तो यह निश्चित रूप से संजय दत्त और हिंदी सिनेमा दोनों के लिए एक नया मील का पत्थर साबित होगी.

सिनेमा प्रेमियों के लिए यह खबर केवल एक ट्रेंड नहीं बल्कि एक संकेत है कि आने वाले दिनों में बागी 4 एक साधारण एक्शन फिल्म से आगे बढ़कर दर्शकों को भावनाओं और यथार्थ के अनोखे संगम का अनुभव कराएगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-