कोलकाता. पश्चिम बंगाल विधानसभा में आज को बंगाली प्रवासियों पर हो रहे अत्याचारों पर चर्चा के दौरान जमकर हंगामा हुआ. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी प्रस्ताव पर बोल रहीं थीं. तभी विपक्ष (भाजपा) ने नारेबाजी शुरू कर दी.
भाजपा विधायक 2 सितंबर को विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के निलंबन का विरोध कर रहे थे. टीएमसी विधायकों ने इन्हें रोकने की कोशिश की. जब विपक्ष के विधायक वेल तक पहुंच गए तो स्पीकर बिमान बनर्जी ने अव्यवस्था फैलाने के आरोप में भाजपा के चीफ व्हिप शंकर घोष को विधानसभा से सस्पेंड कर दिया. घोष के बाहर जाने से इनकार करने पर मार्शलों को बुलाया गया. शंकर घोष को घसीटकर सदन से बाहर निकाला गया. बाहर निकालते समय वो गिरकर बेहोश हो गएए उन्हें एंबुलेंस से अस्पताल ले जाया गया.
घोष के अलावा दो अन्य भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल और मिहिर गोस्वामी को भी सदन से निलंबित कर दिया गया है. वहीं स्पीच के दौरान सीएम ममता बनर्जी ने मोदी चोर और वोट चोर के नारे लगाए. पश्चिम बंगाल विधानसभा का तीन दिन का विशेष सत्र 1 सितंबर को शुरू हुआ था. 3 सितंबर को करम पूजा के कारण राजकीय छुट्टी थी. आज सत्र का आखिरी दिन है.
ममता ने कहा, भाजपा बंगाल विरोधी-
बंगाल भाजपा प्रवासियों पर हमलों पर विधानसभा में चर्चा के खिलाफ हैए क्योंकि ये घटनाएं भगवा पार्टी शासित राज्यों में हो रही हैं. हम हिंदी या किसी अन्य भाषा के खिलाफ नहीं हैंए लेकिन भाजपा बंगाली विरोधी है. भाजपा की तानाशाही और औपनिवेशिक मानसिकता है, वह बंगाल को अपना उपनिवेश बनाना चाहती है. भाजपा ने विदेशी ताकतों के सामने भारत का सम्मान बेच दिया है. केंद्र कभी अमेरिका के सामनेए तो कभी चीन के सामने भीख मांगता है.
भाजपा नेता बोले. ममता ने पूरे मोदी समुदाय को गाली दी-
भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने कहा कि ममता ने सदन में पूरे मोदी समुदाय को गाली दी है. उनके खिलाफ केस करेंगे. सुवेंदु विधानसभा के सत्र से पहले ही सस्पेंड किए जा चुके हैं. 2 सितंबर को बहस के दौरान सुवेंदु ने टीएमसी पार्टी को पाकिस्तान का एजेंट कहा था. इसके बाद उन्हें कार्यवाही बाधा डालने के आरोप में विशेष सत्र के बचे हुए एक दिन लिए सस्पेंड कर दिया गया था.
पश्चिम बंगाल में अगले साल मार्च-अप्रैल में विधानसभा चुनाव-
भाजपा 2021 में पहली बार बंगाल में विपक्षी पार्टी बनी थी. वह 2026 में टीएमसी को कांटे की टक्कर देने की कवायद में है. हालांकि भाजपा के लिए यह सब अकेले करना आसान नहीं होगा. ऐसे में हरियाणा और दिल्ली की तरह आरएसएसै बंगाल में भी उसकी ढाल बनने की कोशिश कर रहा है.
भाजपा 70 प्रतिशत हिंदू आबादी को साधने में जुटी-
बंगाल में 70 प्रतिशत हिंदू और 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. मुस्लिम वोटरों की एकजुटता के कारण टीएमसीज्डब् हर चुनाव में मजबूत खड़ी होती है. हालांकि हिंदुओं का वोट टीएमसी और भाजपा में बंट जाता है. 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा को 50 प्रतिशत हिंदुओं और 7 प्रतिशत मुस्लिमों को वोट मिला था. वहीं टीएमसी को 39 प्रतिशत हिंदुओं और 75 प्रतिशत मुस्लिमों ने वोट दिया. ऐसे में भाजपा 2026 चुनाव से पहले हिंदुओं को एकजुट करने की कोशिश कर रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा हिंदू वोट उसे मिलें. दूसरी तरफ सत्ताधारी पार्टी इस उहापोह में रही कि खुद को हिंदू विरोधी न दिखने दिया जाए. एंटी-हिंदू इमेज से बचने के लिए ज्डब् को भी रामनवमी पर रैलियां निकालकर यह बताना पड़ा कि वह हिंदू विरोधी नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

