* प्रदीप लक्ष्मीनारायण द्विवेदी
श्राद्ध का श्रद्धा के साथ गहरा संबंध है इसीलिए कहा जाता है कि... पितरों के सम्मान में श्रद्धा से करें श्राद्ध!
भाद्रपद शुक्ल पूर्णिमा से पितरों के दिन प्रारंभ होते है जो अमावस्या तिथि तक रहते हैं.
पितरों का पितृ पक्ष के साथ विशेष संबंध माना गया है एवं धर्मग्रंथों के अनुसार अपराह्न व्यापिनी तिथि में ही श्राद्ध करना चाहिए.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार श्राद्ध कर्म परलोक में सूक्ष्म शरीर धारी जीव की तृप्ति करता है और श्राद्ध कर्म से पितर तृप्त होकर शुभ आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
* श्राद्ध के दिन 2025....
* पूर्णिमा श्राद्ध-
7 सितम्बर 2025, रविवार
* प्रतिपदा श्राद्ध-
8 सितम्बर 2025, सोमवार
* द्वितीया श्राद्ध-
9 सितम्बर 2025, मंगलवार
* तृतीया श्राद्ध-
10 सितम्बर 2025, बुधवार
* चतुर्थी श्राद्ध-
10 सितम्बर 2025, बुधवार
* पञ्चमी श्राद्ध-
11 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार
* महाभरणी-
11 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार
* षष्ठी श्राद्ध-
12 सितम्बर 2025, शुक्रवार
* सप्तमी श्राद्ध-
13 सितम्बर 2025, शनिवार
* अष्टमी श्राद्ध-
14 सितम्बर 2025, रविवार
* नवमी श्राद्ध-
15 सितम्बर 2025, सोमवार
* दशमी श्राद्ध-
16 सितम्बर 2025, मंगलवार
* एकादशी श्राद्ध-
17 सितम्बर 2025, बुधवार
* द्वादशी श्राद्ध-
18 सितम्बर 2025, बृहस्पतिवार
* त्रयोदशी श्राद्ध-
19 सितम्बर 2025, शुक्रवार
* मघा श्राद्ध-
19 सितम्बर 2025, शुक्रवार
* चतुर्दशी श्राद्ध-
20 सितम्बर 2025, शनिवार
* सर्वपितृ अमावस्या-
21 सितम्बर 2025, रविवार
पितरों के सम्मान में श्रद्धा से करें श्राद्ध!
प्रेषित समय :21:21:03 PM / Fri, Sep 5th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

