आइजोल. मिजोरम की राजधानी आइजोल पहली बार भारतीय रेलवे के नेटवर्क से जुड़ गई है. अब यह रेल लाइन आगे बढ़कर म्यांमार बॉर्डर तक जाएगी. जिसका सर्वे किया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सितंबर के तीसरे सप्ताह में 8071 करोड़ रुपए की लागत से बनी 51.38 किलोमीटर लंबी बइरबी-सायरंग रेल परियोजना का उद्घाटन करेंगे.
यह न केवल मिजोरम के लिए ऐतिहासिक पल है. बल्कि पूरे पूर्वोत्तर को अंतरराष्ट्रीय व्यापार व कनेक्टिविटी से जोडऩे का मार्ग भी तैयार करेगा. इससे न केवल मिजोरम का देश से संपर्क मज़बूत होगा, बल्कि म्यांमार बॉर्डर तक रेल लाइन ले जाने का रास्ता भी साफ हो जाएगा.
2014 में शुरू हुई परियोजना-
यह परियोजना 29 नवंबर 2014 को शुरू हुई थी. सिलचर (असम) से बेइरबी तक रेल सेवा पहले से मौजूद थी. लेकिन मिजोरम की राजधानी आइजोल तक पहुंचाने के लिए बेइरबी से सायरंग तक नई लाइन बिछाई गई. अंतिम सेक्शन हरतकी-सायरंग को 10 जून 2025 को पूरा किया गया. पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि यह पूरी रेल लाइन दुर्गम पहाडिय़ों और घने जंगलों से गुजरती है. निर्माण के लिए सामान पहुंचाने तक के लिए अलग से 200 किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क तैयार करना पड़ा.
पहले बनाई 200 किमी की सड़क-
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि यह प्रोजेक्ट बेहद दुर्गम पहाड़ी इलाकों से गुजरता है. यहां तक सामान पहुंचाने के लिए 200 किलोमीटर लंबा सड़क नेटवर्क अलग से बनाना पड़ा. मजदूर बिहार, बंगाल व असम से बुलाए गए और लगातार 11 साल की मेहनत के बाद यह सपना साकार हुआ.
सड़क से 7 घंटे, अब लगेंगे रेल से सिर्फ 3 घंटे
अब तक सिलचर जाने में सड़क से 7 घंटे लगते थे, वहीं रेल से यह दूरी सिर्फ 3 घंटे में तय होगी. गुवाहाटी 12 घंटे और दिल्ली करीब 48 घंटे में पहुंचा जा सकेगा. बरसात के दिनों में भूस्खलन से बंद होने वाले रास्तों की तुलना में अब यात्रा कहीं ज्यादा सुरक्षित और आसान होगी.
म्यांमार बॉर्डर तक बढ़ेगा रेल मार्ग-
पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी कपिंजल किशोर शर्मा ने बताया कि बैरबी.सायरंग लाइन सिर्फ मिजोरम तक सीमित नहीं रहेगी. रेलवे इस परियोजना को और आगे बढ़ाकर म्यांमार बॉर्डर तक ले जाने की योजना पर काम कर रहा है. बहुत जल्द सर्वे पूरा कर डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट केंद्र को सौंप दी जाएगी.
शुरुआत में चलेंगी 2-3 ट्रेनें, राजधानी व वंदे भारत की उम्मीद-
अभी शुरुआत में 2 से 3 ट्रेनें चलाने की योजना है. इसमें गुवाहाटी व दिल्ली तक की ट्रेनें प्राथमिकता पर हैं. मिजोरम सरकार ने उम्मीद जताई है कि आगे राजधानी एक्सप्रेस और वंदे भारत जैसी ट्रेनें भी यहां तक पहुंचेंगी.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

