बिसी बेले भात कर्नाटक का एक पारंपरिक और लोकप्रिय व्यंजन है, जो न केवल स्वाद में अद्वितीय है, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. यह व्यंजन विशेष रूप से कर्नाटक के मैसूर क्षेत्र में उत्पन्न हुआ था और समय के साथ पूरे राज्य में फैल गया. इसकी विशेषता इसके मसालेदार स्वाद, विविधता और पौष्टिकता में निहित है.बिसी बेले भात का शाब्दिक अर्थ है "गरम दाल चावल", जिसमें 'बिसी' का अर्थ है गरम, 'बेले' का अर्थ है दाल, और 'भात' का अर्थ है चावल. यह व्यंजन चावल, तुअर दाल, विभिन्न सब्जियाँ, इमली का गूदा, और विशेष मसाले के मिश्रण से तैयार होता है. इसमें उपयोग होने वाले मसाले जैसे दारचीनी, लौंग, इलायची, और सौंफ, इसके स्वाद को और भी समृद्ध बनाते हैं.
बिसी बेले भात कर्नाटक का एक पारंपरिक और लोकप्रिय व्यंजन है, जो न केवल स्वाद में अद्वितीय है, बल्कि सांस्कृतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. इस व्यंजन की उत्पत्ति मैसूर क्षेत्र में हुई मानी जाती है, और इसे “गरम दाल चावल” के नाम से भी जाना जाता है. बिसी का अर्थ है गरम, बेले का अर्थ है दाल और भात का अर्थ है चावल. यह व्यंजन चावल, तुअर दाल, सब्जियों, इमली के गूदा और विशेष मसाले के मिश्रण से तैयार किया जाता है.
बिसी बेले भात बनाने की सामग्री
चावल – 1 कप
तुअर दाल – ½ कप
गाजर – 1 (कटा हुआ)
बीन्स – 6–7 (कटी हुई)
आलू – 1 मध्यम आकार का (क्यूब्स में कटे)
बैंगन – ½ कप (क्यूब्स में कटे)
इमली का गूदा – 2 बड़े चम्मच
तेल – 2 बड़े चम्मच
बिसी बेले भात मसाला – 2 बड़े चम्मच (पिसा हुआ)
नमक – स्वादानुसार
पानी – 3 कप
तड़के के लिए:
घी – 1 बड़ा चम्मच
सरसों के बीज – 1 छोटा चम्मच
हींग – ¼ छोटा चम्मच
सूखी लाल मिर्च – 2–3
करी पत्ते – 8–10
बिसी बेले भात बनाने की विधि
चावल और दाल उबालना:
सबसे पहले चावल और तुअर दाल को धोकर 3 कप पानी में मध्यम आंच पर उबालें. दाल पूरी तरह से गल जाए और मिश्रण गाढ़ा हो जाए.
सब्जियों को जोड़ना:
उबले चावल और दाल में कटे हुए गाजर, बीन्स, आलू और बैंगन डालें. सब्जियाँ आधी पक जाएँ, यह सुनिश्चित करें कि वे नरम हो जाएँ लेकिन पूरी तरह से गल न जाएँ.
मसाले और इमली डालना:
अब इसमें बिसी बेले भात मसाला, नमक और इमली का गूदा मिलाएँ. अच्छी तरह हिलाएँ ताकि मसाले और इमली का स्वाद पूरे मिश्रण में फैल जाए.
तड़का तैयार करना:
एक छोटे पैन में घी गर्म करें. इसमें सरसों के बीज, हींग, सूखी लाल मिर्च और करी पत्ते डालकर हल्का सा भूनें. यह तड़का तैयार मिश्रण में डालें.
अंतिम मिश्रण:
तड़का डालने के बाद बिसी बेले भात को अच्छे से हिलाएँ और 5 मिनट तक धीमी आंच पर पकाएँ.
परोसना:
बिसी बेले भात को गरम-गरम घी के साथ परोसें. इसे पापड़, सलाद या रायता के साथ खाया जा सकता है.
बिसी बेले भात सिर्फ एक व्यंजन नहीं है, बल्कि कर्नाटक की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है. यह पौष्टिक और संतुलित भोजन के रूप में कार्य करता है. प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट और विटामिन्स से भरपूर यह व्यंजन हर मौसम में शरीर को ऊर्जा और गर्माहट देता है. मैसूर शैली, बेंगलुरु शैली और मंदिर शैली जैसी विविधताएँ इसे और भी खास बनाती हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

