बॉलीवुड अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने एक और ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल कर ली है. वे वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के प्रतिष्ठित यंग ग्लोबल लीडर्स समिट 2025 में आमंत्रित होकर शामिल होने वाली पहली भारतीय फिल्म अभिनेत्री बन गई हैं. यह उपलब्धि केवल उनके करियर के लिए ही नहीं, बल्कि भारतीय सिनेमा की वैश्विक पहचान के लिए भी एक महत्वपूर्ण पड़ाव है.
भूमि पेडनेकर को अब तक एक संवेदनशील और सामाजिक सरोकारों से जुड़ी अभिनेत्री के रूप में जाना जाता रहा है. उन्होंने फिल्मों में महिला सशक्तिकरण, सामाजिक समानता और पर्यावरणीय मुद्दों पर अपनी भूमिकाओं के माध्यम से गहरी छाप छोड़ी है. लेकिन इस बार उनकी पहचान फिल्मों से परे जाकर वैश्विक विमर्श का हिस्सा बनी. जिनेवा में आयोजित यह सम्मेलन दुनिया भर के उन व्यक्तित्वों का मंच है जो अपने क्षेत्र में असाधारण योगदान देते हुए वैश्विक समाज को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं.
यंग ग्लोबल लीडर्स समिट में भूमि का भाषण
भूमि पेडनेकर ने इस सम्मेलन में पर्यावरण संरक्षण, जलवायु परिवर्तन और सतत विकास जैसे विषयों पर जोर दिया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि मनोरंजन उद्योग केवल समाज का आईना ही नहीं है, बल्कि वह समाज को दिशा देने और उसमें बदलाव लाने की क्षमता भी रखता है. भूमि ने फिल्मों और कलाकारों की जिम्मेदारी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि ‘‘आज जब दुनिया जलवायु संकट और सामाजिक असमानता जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है, तब हम कलाकारों का कर्तव्य है कि अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल जनजागरूकता बढ़ाने के लिए करें.’’
उन्होंने विशेष रूप से भारत में बढ़ती पर्यावरणीय चुनौतियों का उल्लेख किया. भूमि ने कहा कि भारत जैसे विशाल देश में प्रदूषण, जल संकट और ग्लोबल वार्मिंग जैसे मुद्दे अब आम जीवन को प्रभावित कर रहे हैं. ‘‘हमारे पास समय बहुत कम है और हमें अभी कदम उठाने होंगे,’’ उन्होंने मंच से कहा.
वैश्विक नेताओं के बीच बॉलीवुड की आवाज
भूमि पेडनेकर के इस भाषण को सम्मेलन में मौजूद कई अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधियों ने सराहा. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम का यह मंच अब तक राजनीतिक नेताओं, कॉर्पोरेट प्रमुखों और समाजसेवियों का केंद्र रहा है. ऐसे में भूमि का शामिल होना इस तथ्य को दर्शाता है कि कला और मनोरंजन जगत भी वैश्विक विमर्श में समान रूप से महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.
जिनेवा में मौजूद एक अमेरिकी पर्यावरण विशेषज्ञ ने कहा कि ‘‘भूमि पेडनेकर ने जिस तरह से भारतीय समाज के मुद्दों को वैश्विक संदर्भ में जोड़ा, वह काबिले तारीफ है. यह दिखाता है कि सिनेमा अब केवल मनोरंजन का साधन नहीं रह गया, बल्कि यह सामाजिक परिवर्तन का उपकरण बन चुका है.’’
बॉलीवुड से वैश्विक मंच तक की यात्रा
भूमि पेडनेकर का फिल्मी करियर हमेशा से कुछ हटकर रहा है. उन्होंने ‘दम लगा के हईशा’ जैसी फिल्म से शुरुआत की, जिसमें एक साधारण किरदार निभाकर दर्शकों का दिल जीता. इसके बाद ‘सोन चिड़िया’, ‘शुभ मंगल ज्यादा सावधान’, ‘बाला’ और ‘बधाई दो’ जैसी फिल्मों में सामाजिक मुद्दों को केंद्र में रखकर अपनी अभिनय प्रतिभा का लोहा मनवाया.
हाल के वर्षों में उन्होंने जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण जागरूकता के अभियानों में सक्रिय भागीदारी की है. उनका कैंपेन ‘क्लाइमेट वॉरियर’ सोशल मीडिया पर लाखों लोगों को जोड़ चुका है. भूमि ने युवाओं से लगातार अपील की है कि वे अपनी जीवनशैली में बदलाव लाएं और प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी निभाएं.
भारतीय सिनेमा के लिए गौरव का क्षण
भारतीय फिल्म उद्योग को अक्सर ग्लैमर और मनोरंजन के नजरिए से देखा जाता है. लेकिन भूमि पेडनेकर का यह कदम साबित करता है कि भारतीय सिनेमा वैश्विक समाज में गहन और गंभीर विषयों पर भी प्रभाव डाल सकता है. वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम जैसे प्रतिष्ठित मंच पर बॉलीवुड की मौजूदगी यह संकेत है कि अब फिल्मी सितारे केवल स्क्रीन तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे अंतरराष्ट्रीय नीतियों और विचार-विमर्श में भी योगदान दे सकते हैं.
मुंबई में भूमि के प्रशंसकों और सहकर्मियों ने भी इस उपलब्धि पर गर्व जताया है. फिल्म निर्देशक अनुभव सिन्हा ने कहा कि ‘‘भूमि जैसी अभिनेत्रियां भारतीय सिनेमा का चेहरा बदल रही हैं. उन्होंने साबित कर दिया है कि कलाकार केवल किरदार निभाने तक सीमित नहीं, बल्कि समाज को बदलने की ताकत भी रखते हैं.’’
सोशल मीडिया पर भूमि का जलवा
भूमि पेडनेकर की इस उपलब्धि की खबर जैसे ही सोशल मीडिया पर फैली, उनके प्रशंसकों ने बधाइयों की झड़ी लगा दी. ट्विटर और इंस्टाग्राम पर #BhumiAtWEF और #GlobalLeaderBhumi जैसे हैशटैग ट्रेंड करने लगे. युवाओं ने उन्हें रोल मॉडल बताया और लिखा कि वे अब केवल बॉलीवुड स्टार नहीं, बल्कि वैश्विक परिवर्तन की प्रेरणा बन गई हैं.
कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया हाउसेज़ ने भी भूमि की सराहना की और उन्हें ‘‘ग्लोबल फेस ऑफ ग्रीन बॉलीवुड’’ की उपाधि दी.
आने वाले कदम
भूमि पेडनेकर ने सम्मेलन के दौरान यह भी घोषणा की कि वे पर्यावरण और सतत विकास को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक फाउंडेशन शुरू करने पर विचार कर रही हैं. इस फाउंडेशन का उद्देश्य होगा—युवाओं को पर्यावरणीय शिक्षा देना, ग्रामीण इलाकों में सतत विकास के मॉडल स्थापित करना और फिल्मों के माध्यम से इन मुद्दों पर जागरूकता फैलाना.
भूमि ने कहा कि ‘‘हमारे पास केवल एक पृथ्वी है. आने वाली पीढ़ियों को एक सुरक्षित और स्वच्छ पर्यावरण देना हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है. मैं चाहती हूं कि भारत इस दिशा में विश्व का नेतृत्व करे.’’
भूमि पेडनेकर का वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के यंग ग्लोबल लीडर्स समिट में शामिल होना भारतीय सिनेमा और समाज दोनों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है. इसने यह साबित कर दिया कि कला और सिनेमा केवल पर्दे तक सीमित नहीं, बल्कि वे वैश्विक मंचों पर भी अपनी ताकत दिखा सकते हैं.
यह घटना उन सभी भारतीय कलाकारों के लिए भी प्रेरणा है जो अपनी लोकप्रियता का इस्तेमाल सकारात्मक बदलाव लाने के लिए करना चाहते हैं. भूमि ने न केवल बॉलीवुड का सम्मान बढ़ाया है, बल्कि भारतीय युवाओं को भी यह संदेश दिया है कि वे भी वैश्विक मंच पर अपनी छाप छोड़ सकते हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

