टाटा समूह ने हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में 15,000 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश किया

टाटा समूह ने हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन क्षेत्र में 15,000 करोड़ रुपये का बड़ा निवेश किया

प्रेषित समय :20:24:41 PM / Wed, Sep 10th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

मुंबई. भारत के अग्रणी उद्योग समूह, टाटा समूह ने 2025-26 के केंद्रीय बजट के बाद हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) क्षेत्र में 15,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है. यह निवेश न केवल समूह की विस्तार योजनाओं को मजबूत करेगा बल्कि देश के हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के लक्ष्यों को भी तेजी से आगे बढ़ाने में मदद करेगा.

टाटा समूह के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक ने प्रेस वार्ता में बताया कि निवेश का मुख्य उद्देश्य हरित ऊर्जा उत्पादन, बैटरी उत्पादन, इलेक्ट्रिक वाहन निर्माण और संबंधित आधारभूत संरचना को बढ़ावा देना है. उनका कहना है कि भारत में ऊर्जा संक्रमण और पर्यावरणीय सुरक्षा के लिए यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण है. निवेश योजना में सौर और पवन ऊर्जा परियोजनाओं के विस्तार के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग नेटवर्क का निर्माण भी शामिल है.

समूह ने बताया कि टाटा मोटर्स के तहत इलेक्ट्रिक वाहनों की उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए नई कारखानों की स्थापना की जाएगी. इन कारखानों में आधुनिक तकनीक और स्वचालित उत्पादन लाइनें स्थापित की जाएंगी ताकि हरित वाहनों की मांग को समय पर पूरा किया जा सके. इसके अलावा, टाटा पावर के माध्यम से देशभर में ईवी चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे.

विशेषज्ञों का कहना है कि इस निवेश से भारत के ईवी और हरित ऊर्जा बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी और देश की स्वच्छ ऊर्जा नीति को मजबूती मिलेगी. इस पहल से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे, क्योंकि निर्माण, रखरखाव और संचालन के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों की आवश्यकता होगी.

टाटा समूह का यह कदम वित्तीय और तकनीकी दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है. बजट में दी गई प्रोत्साहन नीतियों का लाभ उठाते हुए समूह ने अपने निवेश को रणनीतिक रूप से डिजाइन किया है. उदाहरण के लिए, हरित ऊर्जा परियोजनाओं और ईवी उत्पादन पर कर लाभ, सब्सिडी और निवेश प्रोत्साहन से परियोजनाओं की आर्थिक व्यवहार्यता बढ़ाई जाएगी.

टाटा पावर के प्रमुख अधिकारी ने कहा कि समूह देश के हरित ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान देगा. उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों में टाटा समूह हरित ऊर्जा उत्पादन में लगभग 20% की वृद्धि की योजना बना रहा है. यह पहल न केवल भारत में कार्बन उत्सर्जन को कम करेगी, बल्कि वैश्विक स्तर पर समूह की स्थिरता और पर्यावरणीय प्रतिबद्धता को भी बढ़ाएगी.

टाटा मोटर्स के वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि ईवी सेक्टर में नई उत्पादन लाइनें और तकनीक के विकास के साथ-साथ स्मार्ट चार्जिंग नेटवर्क तैयार किया जाएगा. यह नेटवर्क ग्राहकों के लिए सुविधाजनक और टिकाऊ समाधान प्रदान करेगा. विशेष रूप से शहरी और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इलेक्ट्रिक वाहनों की पहुंच बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा.

बाजार विश्लेषकों का मानना है कि टाटा समूह का यह निवेश भारतीय अर्थव्यवस्था और निवेशकों के लिए भी सकारात्मक संकेत है. हरित ऊर्जा और ईवी क्षेत्र में निवेश बढ़ने से पूंजी प्रवाह, विदेशी निवेश और तकनीकी हस्तांतरण की संभावनाएं भी बढ़ेंगी. इसके अलावा, यह कदम अन्य भारतीय उद्योगों को भी हरित ऊर्जा और टिकाऊ मोबिलिटी की दिशा में कदम बढ़ाने के लिए प्रेरित करेगा.

इस निवेश योजना के तहत टाटा समूह ने ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी हरित ऊर्जा और ईवी परियोजनाओं को लागू करने की योजना बनाई है. इससे ऊर्जा पहुंच में सुधार होगा और ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे. समूह ने यह भी बताया कि इस पहल के साथ पर्यावरणीय शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे.

टाटा समूह ने इस निवेश को टिकाऊ और दीर्घकालिक रणनीति के हिस्से के रूप में देखा है. समूह का लक्ष्य केवल आर्थिक लाभ नहीं बल्कि पर्यावरणीय और सामाजिक स्थिरता को भी सुनिश्चित करना है. कंपनी ने कहा कि यह निवेश भारत को वैश्विक हरित ऊर्जा और ईवी मानचित्र पर अग्रणी स्थिति दिलाने में मदद करेगा.

विशेषज्ञों का कहना है कि टाटा समूह का यह कदम भारतीय उद्योग जगत में एक नई दिशा स्थापित करेगा. हरित ऊर्जा और ईवी सेक्टर में बड़े पैमाने पर निवेश से न केवल तकनीकी नवाचार को बढ़ावा मिलेगा बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी लाभ होगा. इसके अलावा, यह पहल भारत की जलवायु नीति और अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है.

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस निवेश से घरेलू उत्पादन बढ़ेगा, आयात पर निर्भरता कम होगी और देश की ऊर्जा सुरक्षा में सुधार होगा. ईवी उत्पादन के लिए बैटरी और अन्य घटकों का स्थानीयकरण भारत को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में मजबूत स्थिति दिलाएगा.

इस पहल का लाभ केवल शहरों तक सीमित नहीं रहेगा. टाटा समूह ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में भी सौर ऊर्जा परियोजनाओं और ईवी चार्जिंग नेटवर्क का विस्तार करेगा. इससे स्थानीय उद्योगों, व्यापारियों और नागरिकों के लिए नई संभावनाएं खुलेंगी और रोजगार सृजन में भी मदद मिलेगी.

टाटा समूह ने यह भी घोषणा की है कि निवेश के साथ-साथ कंपनी सामाजिक और पर्यावरणीय जिम्मेदारियों को भी निभाएगी. हरित ऊर्जा और ईवी परियोजनाओं के संचालन में पर्यावरणीय प्रभाव को कम करने के लिए आधुनिक तकनीक और प्रक्रिया अपनाई जाएगी. इसके अलावा, कर्मचारियों और स्थानीय समुदायों के लिए प्रशिक्षण और शिक्षा कार्यक्रम भी चलाए जाएंगे.

समूह के अनुसार, इस निवेश से भारत में ईवी और हरित ऊर्जा के क्षेत्र में एक नई क्रांति की शुरुआत होगी. ग्राहकों को अधिक टिकाऊ और पर्यावरण-मैत्रीपूर्ण विकल्प मिलेंगे, जबकि सरकार को अपने हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी.

टाटा समूह का यह निवेश न केवल उद्योग जगत के लिए बल्कि आम नागरिकों और पर्यावरण के लिए भी महत्वपूर्ण कदम है. इसके माध्यम से भारत वैश्विक हरित ऊर्जा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी के मानचित्र पर अग्रणी स्थान प्राप्त कर सकता है.

भविष्य की योजना में टाटा समूह हरित ऊर्जा और ईवी सेक्टर में नवाचार, अनुसंधान और विकास को प्राथमिकता देगा. इससे तकनीकी दक्षता, उत्पादन क्षमता और ग्राहक अनुभव में सुधार होगा. साथ ही, यह पहल भारत के सतत विकास लक्ष्यों और अंतरराष्ट्रीय पर्यावरणीय प्रतिबद्धताओं के अनुरूप भी है.

इस प्रकार टाटा समूह का 15,000 करोड़ रुपये का यह निवेश भारतीय उद्योग जगत, पर्यावरणीय सुरक्षा और आर्थिक विकास में एक नई दिशा स्थापित करता है. समूह ने यह साबित किया है कि बड़े उद्योग और हरित ऊर्जा, ईवी तकनीक और टिकाऊ विकास के माध्यम से समाज और पर्यावरण के लिए सकारात्मक बदलाव ला सकते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-