पीएम मोदी बांसवाड़ा आ रहे हैं, तो संभावना है कि जल्दी ही अडानी समूह भी बांसवाड़ा आएगा?

पीएम मोदी बांसवाड़ा आ रहे हैं, तो संभावना है कि जल्दी ही अडानी समूह भी बांसवाड़ा आएगा?

प्रेषित समय :19:01:39 PM / Fri, Sep 12th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

* प्रदीप द्विवेदी
सत्तर के दशक में इमरजेंसी के बाद माही रेस्ट हाउस में अपने पहले इंटरव्यू में राजस्थान के तीन बार मुख्यमंत्री रहे हरिदेव जोशी ने बांसवाड़ा में रेल के मेरे सवाल पर कहा था कि- माही परियोजना शुरू हो जाएगी, तो बांसवाड़ा में और भी बड़ी-बड़ी योजनाएं अपने आप आएंगी, रेल भी आएगी, हवाई जहाज भी आएगा.
माही परियोजना का पहला चरण पूरा हुआ और 1 नवंबर 1983 को पूर्व प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने वागड़ की तस्वीर और तकदीर बदलनेवाली माही की नहरों में जल प्रवाह का शुभारंभ किया, हालांकि.... हरिदेव जोशी के नहीं रहने पर माही परियोजना की गति कम जरूर हो गई, लेकिन वागड़ की ताकत लगातार बढ़ती गई है.
रेल नहीं आने का बांसवाड़ा को एक बड़ा फायदा यह हुआ है कि इस क्षेत्र का दोहन बहुत कम हुआ है, बांसवाड़ा का भूगर्भ भंडार भरा पड़ा है.
खबरें हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बांसवाड़ा आ रहे हैं, यकीनन, पीएम मोदी बांसवाड़ा आ रहे हैं, तो संभावना है कि अडानी समूह भी जल्दी ही बांसवाड़ा आएगा?
पिछले वर्ष दिसंबर में खबरें थीं कि- अडानी समूह राजस्थान में 7.5 लाख करोड़ रुपए का निवेश करेगा, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में नवीकरणीय ऊर्जा और हरित परियोजनाओं पर ध्यान केंद्रित करेगा.
भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) की ओर से बांसवाड़ा में न्यूक्लियर पावर संयंत्र लगाया जा रहा है, इसी सितंबर महीने के अंत में पीएम मोदी इसका उद्घाटन करेंगे.
उल्लेखनीय है कि राजस्थान में न्यूक्लियर पावर का पहला संयंत्र रावतभाटा में लगा हुआ है, अब बांसवाड़ा में दूसरा संयंत्र लगनेवाला है, बांसवाड़ा में लगाए जाने वाले दूसरे संयंत्र के तहत चार यूनिट स्थापित किया जाना प्रस्तावित है. पहली यूनिट का शिलान्यास इसी महीने है, छह माह बाद दूसरी यूनिट, ग्यारह माह बाद तीसरी यूनिट और इसके बाद चौथी यूनिट लगाए जाने की योजना है, वर्ष 2031 में बांसवाड़ा के नापला में लगने वाले इस संयंत्र से उत्पादन शुरू किए जाने का लक्ष्य है, ये चारों यूनिट 700-700 यूनिट की होंगी, तो सभी यूनिट शुरू होने के बाद राजस्थान में न्यूक्लियर बिजली उत्पादन 5900 मेगावाट हो सकेगा.
याद रहे, पीएम नरेंद्र मोदी की पॉलिटिकल इमेज का राजस्थान के बांसवाड़ा से दिलचस्प कनेक्शन रहा है, उनकी पॉलिटिकल इमेज बनाने में जिनकी सबसे महत्वपूर्ण भूमिका रही है, उनमें पर्दे के पीछे सक्रिय बांसवाड़ा में पढ़े सबसे प्रमुख सियासी सारथी हिरेन जोशी हैं, उनका परिवार संघ से जुड़ा है और उनके पिता सेवानिवृत्त अधीशासी अभियंता जगदीश प्रसाद जोशी वर्तमान में वनवासी कल्याण परिषद, उदयपुर का कार्य देख रहे हैं, हिरेन जोशी के भाई सुभाष जोशी भी लंबे समय तक माही परियोजना में इंजिनियर रहे हैं.
आदिवासी बहुल बांसवाड़ा में पांच दशक पहले तक भारतीय जनता पार्टी का कोई खास आधार नहीं था, दिवंगत श्रीपत राय दवे, नवनीत लाल निनामा, दिवंगत उदयलाल निनामा, भवानी जोशी, मणिलाल बोहरा, उमेश पटियात, भागवत पुरी आदि के संघर्ष और सक्रियता के दम पर अस्सी के दशक में बीजेपी का विस्तार शुरू हुआ, लेकिन इसका असली आधार तैयार करने में संघ की बहुत बड़ी भूमिका है.
शुरुआती दौर में श्रीपत राय दवे, मऩफुल दयाल भारती, कोदर लाल त्रिवेदी परिवार, नारायण लाल पंङ्या परिवार, जयशंकर पाठक परिवार, छत्रसाल त्रिवेदी परिवार आदि का इसमें बहुत बड़ा योगदान रहा है, तो विद्या निकेतन की स्कूलों ने पूरे बांसवाड़ा जिले में संघ की विचारधारा को घर-घर पहुंचा दिया है.
पीएम नरेंद्र मोदी की यात्रा से बीजेपी को इस आदिवासी क्षेत्र में मजबूती मिलने की उम्मीद है! 

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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-