हाईकोर्ट ने लाइव स्ट्रीमिंग पर लगाई रोक, याचिकाकर्ता बोले मिर्च-मसाला लगाकर प्रसारित किया जाता, यूट्यूब और मेटा को नोटिस

हाईकोर्ट ने लाइव स्ट्रीमिंग पर लगाई रोक, याचिकाकर्ता बोले मिर्च-मसाला लगाकर प्रसारित किया जाता, यूट्यूब और मेटा को नोटिस

प्रेषित समय :14:55:20 PM / Sat, Sep 13th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

जबलपुर. मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने क्रिमिनल कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगा दी है. यह आदेश तब आया जब जबलपुर निवासी अरिहंत तिवारी व विदित शाह ने याचिका दायर कर शिकायत की कि कोर्ट कार्यवाही के वीडियो यूट्यूब और सोशल मीडिया पर अपलोड किए जा रहे हैं.

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी कि इन वीडियो को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है. जिससे कोर्ट की छवि धूमिल होती है. चीफ जस्टिस संजय सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने मामले की सुनवाई कीए इसे गंभीर माना और नोटिस जारी करते हुए अगली सुनवाई 25 सितंबर को निर्धारित की. जबलपुर निवासी अरिहंत तिवारी व विदित शाह ने हाई कोर्ट में दायर याचिका में कहा कि क्रिमिनल मामलों की लाइव स्ट्रीमिंग के वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित किए जा रहे हैं.

कई बार इन्हें शॉर्ट वीडियो बनाकर यूट्यूब और इंस्टाग्राम पर डाला जाता है. जिनमें तथ्यों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जाता है. यह कोर्ट की अवमानना और न्यायपालिका की छवि धूमिल करने वाली है. मुख्य न्यायाधीश संजीव सचदेवा व जस्टिस विनय सराफ की डिवीजन बेंच ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए सभी क्रिमिनल कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग पर अंतरिम रोक लगा दी है. कोर्ट ने इस मामले में हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल  रजिस्ट्रार आईटी, केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयए यूट्यूब और मेटा प्लेटफार्म के शिकायत अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

याचिकाकर्ताओं की दलील-

याचिकाकर्ताओं का कहना है कि सोशल मीडिया पर डाले जा रहे ऐसे वीडियो न केवल भ्रामक हैं. बल्कि आम जनता के बीच न्यायिक बिरादरी की छवि को नुकसान पहुंचा रहे हैं. उन्होंने कोर्ट से मांग की कि रजिस्ट्रार आईटी को इस तरह की गतिविधियों की नियमित मॉनिटरिंग करने और सख्ती से रोक लगाने के निर्देश दिए जाएं.

अधिकारियों पर लापरवाही का आरोप-

याचिका में आरोप लगाया गया कि जिन अधिकारियों को निगरानी और नियंत्रण की जिम्मेदारी दी गई है. उन्होंने लापरवाही बरती है. इसी वजह से सोशल मीडिया पर ऐसे अपमानजनक और भ्रामक वीडियो लगातार प्रसारित हो रहे हैं.

इन्हें बनाया पक्षकार-

-केंद्र सरकार का सूचना एवं प्रसारण मंत्रालयए नई दिल्ली
-मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल और रजिस्ट्रार आईटीए जबलपुर
-यूट्यूब कंपनी के डायरेक्टर और शिकायत अधिकारी सूरज रायए बेंगलुरु
-मेटा प्लेटफार्म के डायरेक्टर और शिकायत अधिकारी अमृता कौशिकए गुरुग्राम
-हाई कोर्ट ने क्रिमिनल कोर्ट की लाइव स्ट्रीमिंग पर रोक लगाते हुए सभी पक्षकारों से जवाब तलब किया है. मामले पर अगली सुनवाई 25 सितंबर को होगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-