दिल्ली में ट्रंप के दूत से ट्रेड टॉक शुरू, भारत और अमेरिका के बीच खत्म होगी टेंशन

दिल्ली में ट्रंप के दूत से ट्रेड टॉक शुरू, भारत और अमेरिका के बीच खत्म होगी टेंशन

प्रेषित समय :12:26:55 PM / Tue, Sep 16th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच आज से नई दिल्ली में फिर से व्यापार वार्ता शुरू हो गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रूसी तेल खरीद पर भारत पर दंडात्मक शुल्क लगाए जाने के बाद यह पहली वार्ता है. दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच के नेतृत्व में एक उच्च-स्तरीय अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधिमंडल भारतीय अधिकारियों से मुलाकात कर रहा है, जिसे व्यापार वार्ता के भविष्य पर एक महत्वपूर्ण मार्ग-निर्धारक बैठक बताया जा रहा है.

अमेरिकी ट्रेड टीम द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर छठे दौर की वार्ता के लिए 25-29 अगस्त को भारत आने वाला था, लेकिन वाशिंगटन की ओर से भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगाने के कारण इसे स्थगित कर दिया गया, जिसमें से 25 फीसदी रूस से तेल खरीदने पर लगाया जाने वाला दंडात्मक शुल्क है. तब से दोनों पक्ष साप्ताहिक आधार पर वर्चुअल बैठकें करते रहे हैं. भारतीय अधिकारियों में वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल व अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे. इस बैठक में वित्त और कॉर्पोरेट मंत्रालय के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे.

कई मुद्दों पर सहमित बनाना बाकी

अमेरिका की तरफ से लिंच और भारत की ओर से वाणिज्य मंत्रालय के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल इस बैठक में अपनी टीम का नेतृत्व करेंगे. वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल के मुताबिक, कई स्तरों पर बातचीत चल रही है. ट्रंप के सलाहकार पीटर नवारो ने सोमवार को भी भारत पर हमला किया था. उन्होंने कहा था कि नई दिल्ली एक डील करने की कोशिश कर रही है. कुल मिलाकर, माहौल थोड़ा तनावपूर्ण है, लेकिन बातचीत की उम्मीद अभी भी बनी हुई है. दोनों देशों के नेता एक समझौता करने के लिए उत्सुक दिख रहे हैं, लेकिन कुछ मुद्दों पर अभी भी सहमति बनाना बाकी है.

अमेरिका के साथ व्यापार में आई कमी

व्यापार मंत्रालय की ओर से सोमवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में अमेरिका को भारत का निर्यात जुलाई के 8.01 अरब डॉलर से घटकर 6.86 अरब डॉलर रह गया. एक अधिकारी का कहना है दोनों पक्ष वर्चुअल रूप से बातचीत कर रहे थे, लेकिन बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई क्योंकि वातावरण अनुकूल नहीं था. अमेरिका भारत पर रूस से तेल खरीद कम करने का दबाव बना रहा है क्योंकि उसका दावा है कि इससे यूक्रेन के साथ युद्ध के लिए धन जुटाने में मदद मिल रही है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-