20 फीसदी से कम रहेगा भारत पर टैरिफ, चीन को झटका, अगस्त से पहले हो सकती है अमेरिका से ट्रेड डील

20 फीसदी से कम रहेगा भारत पर टैरिफ, चीन को झटका, अगस्त से पहले हो सकती है अमेरिका से ट्रेड डील

प्रेषित समय :12:20:07 PM / Sat, Jul 12th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारत और अमेरिका के बीच लंबे समय से जारी ट्रेड डील को अंतिम रूप दिए जाने की तैयारी चल रही है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस डील के तहत अमेरिका भारत पर आयात टैरिफ को 20 फीसदी से कम रख सकता है, जो भारत के लिए एक बड़ी राहत होगी. वहीं, चीन और बांग्लादेश जैसे देशों पर यह टैरिफ 50 फीसदी तक हो सकता है.

रिपोर्ट के अनुसार, यह डील दोनों देशों के बीच व्यापक व्यापार सहयोग की दिशा में पहला बड़ा कदम होगी. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भले ही 2 अप्रैल को भारत पर 26 प्रतिशत टैरिफ लगाने की बात कही थी, लेकिन अब दोनों देशों के बीच रियायती टैरिफ पर सहमति बनती दिख रही है.

चीन को लग सकता है झटका

ट्रंप प्रशासन ने अब तक केवल वियतनाम और ब्रिटेन के साथ व्यापार समझौतों की घोषणा की है. बाकी साझेदार देशों पर 15 से 20 फीसदी तक टैरिफ लगाने की तैयारी है. वियतनाम पहले ही 20 फीसदी टैरिफ से परेशान है और राहत की मांग कर रहा है. वहीं, ट्रंप ने चेतावनी दी है कि अगर चीन के साथ डील नहीं हुई, तो उस पर और ज्यादा टैरिफ लगाया जाएगा. ब्लूमबर्ग का कहना है कि भारत अगर यह डील कर लेता है, तो वह उन चुनिंदा देशों की सूची में शामिल हो जाएगा, जिन्हें अमेरिका से व्यापारिक राहत मिलेगी. फिलहाल एशिया के अन्य देशों जैसे वियतनाम, फिलीपींस, लाओस और म्यांमार पर 20 से 40 फीसदी तक टैरिफ लगाने की तैयारी है.

भारत की शर्तें स्पष्ट

भारत ने इस डील में कुछ शर्तें स्पष्ट कर दी हैं. नई दिल्ली वियतनाम से बेहतर शर्तों की मांग कर रही है. भारत ने कृषि क्षेत्र को डील से बाहर रखने पर जोर दिया है, क्योंकि यह देश के किसानों के लिए जोखिम भरा हो सकता है. इसके अलावा, फार्मा और कृषि उत्पादों पर गैर-टैरिफ बाधाओं को लेकर भी बातचीत जारी है.

डील जल्द हो सकती है

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत और अमेरिका के बीच यह डील 1 अगस्त से पहले पूरी हो सकती है. हालांकि, अभी भी कुछ मुद्दों पर सहमति बनना बाकी है. अंतरिम व्यवस्था से दोनों देशों को विवादित बिंदुओं को सुलझाने का समय मिल रहा है. भारतीय वाणिज्य मंत्रालय, अमेरिकी वाणिज्य विभाग और व्हाइट हाउस ने इस रिपोर्ट पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं दी है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-