सीजेआई ने कहा, जाओ, भगवान से ही कुछ करने को कहो,खजुराहो के वामन मंदिर में खंडित विष्णु मूर्ति बदलने की याचिका खारिज

सीजेआई ने कहा, जाओ, भगवान से ही कुछ करने को कहो, खजुराहो के वामन मंदिर में खंडित विष्णु मूर्ति बदलने की याचिका खारिज

प्रेषित समय :19:52:20 PM / Tue, Sep 16th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली/खजुराहो. सुप्रीम कोर्ट ने खजुराहो के जवारी (वामन) मंदिर में भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची खंडित मूर्ति की बहाली की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है. आज सीजेआई बीआर गवई ने मामले की सुनवाई की. याचिकाकर्ता ने दावा किया कि यह मूर्ति मुगलों के आक्रमणों के दौरान खंडित हो गई थी और तब से यह इसी हालत में है.

याचिकाकर्ता ने श्रद्धालुओं के पूजा करने के अधिकार की रक्षा करने और मंदिर की पवित्रता को पुनर्जीवित करने के लिए सर्वोच्च अदालत से हस्तक्षेप की मांग की थी. मामले में याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने इस फैसले पर नाराजगी जताते हुए इसे अपनी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया है. राकेश के मुताबिक कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि प्रतिमा जिस स्थिति में है, उसी में रहेगी. भक्तों को पूजा करनी है तो वे दूसरे मंदिर जा सकते हैं.

याचिकाकर्ता राकेश दलाल ने बताया कि उन्होंने 13 जून को यह जनहित याचिका दायर की थी, जिसमें मुगलों के आक्रमण के दौरान खंडित हुई इस मूर्ति को बदलकर नई मूर्ति स्थापित करने की मांग की गई थी. सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर उन्होंने निराशा जताई. जवारी मंदिर के गर्भगृह में स्थापित भगवान विष्णु की 7 फीट ऊंची मूर्ति का सिर नहीं है. कई सामाजिक संगठनों और स्थानीय नागरिकों ने इसके जीर्णोद्धार की मांग उठाई है. राकेश दलाल ने इस मांग को लेकर दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ज्ञापन सौंपा था.

याचिकाकर्ता राकेश दलाल हरियाणा के रहने वाले हैं-

राष्ट्रीय वीर किसान मजदूर संघ दिल्ली के राष्ट्रीय अध्यक्ष राकेश दलाल मूलत: हरियाणा के रहने वाले हैं और देश में किसान और धार्मिक स्थलों के मुद्दों पर लगातार आवाज बुलंद करते हैं. खजुराहो के अलावा देश में जो अन्य ऐतिहासिक धार्मिक स्थल हैं. वहां मौजूद खंडित देवी-देवताओं की प्रतिमाओं को ठीक कराने और मंदिरों में पूजा-पाठ शुरू हो, इसके लिए प्रयास करते हैं. वह 5 साल पहले यह खजुराहो आए थे. यहां भगवान विष्णु की खंडित प्रतिमा देखकर उसके सुधार में जुट गए. इसके लिए इन्होंने खजुराहो के वामन जवारी मंदिर के बाहर कई बार अनशन भी किया और धार्मिक अनुष्ठान भी किए जिससे स्थानीय लोग जागरूक हों.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-