भारत अभी एकल दर जीएसटी के लिए तैयार नहीं, दुर्गा पूजा को देखते हुए 22 सितंबर को लागू होंगी नई दरें: सीतारमण

भारत अभी एकल दर जीएसटी के लिए तैयार नहीं, दुर्गा पूजा को देखते हुए 22 सितंबर को लागू होंगी नई दरें: सीतारमण

प्रेषित समय :21:14:59 PM / Thu, Sep 18th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

कोलकाता. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को कहा कि भारत फिलहाल एकल दर जीएसटी के लिए तैयार नहीं है. उन्होंने कोलकाता में आयोजित एक कार्यक्रम में बताया कि संशोधित स्लैब्स को 22 सितंबर से लागू किया जाएगा और इस तिथि का निर्धारण बंगाल की दुर्गा पूजा को ध्यान में रखकर किया गया है.

सीतारमण ने कहा कि जीएसटी की समीक्षा के दौरान यह आवश्यकता महसूस की गई थी कि चार दरों की जगह एक सरल ढांचा बने. हालांकि जब यह सवाल उठा कि क्या अभी देश एक दर प्रणाली अपनाने के लिए तैयार है, तो जवाब था अभी नहीं. भविष्य में कभी ऐसा संभव हो सकता है. उन्होंने इसे नई पीढ़ी के जीएसटी सुधारों का हिस्सा बताया और कहा कि यह सुधार गरीबों और मध्यम वर्ग के लिए व्यवस्था को और अधिक सरल तथा न्यायसंगत बनाने की दिशा में उठाए गए कदम हैं.

वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आठ महीने पहले ही उन्हें जीएसटी में सुधार लाने के लिए कहा था. प्रधानमंत्री का मानना था कि जीएसटी भारत की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक है क्योंकि इसने केंद्र और राज्य करों को समाहित कर एक राष्ट्रीय बाजार का निर्माण किया है और साथ ही टोल और सीमा जैसी बाधाओं को समाप्त किया है.

सीतारमण ने कहा कि नई पीढ़ी का जीएसटी केवल दरें घटाने तक सीमित नहीं है बल्कि इसमें अनुपालन प्रक्रियाओं को आसान बनाने और कारोबारों के लिए स्पष्टता सुनिश्चित करने पर भी ध्यान दिया गया है. नई दरें 22 सितंबर से लागू होंगी. उन्होंने कहा कि इस तिथि का निर्धारण बंगाल की दुर्गा पूजा को ध्यान में रखकर किया गया है.

वित्त मंत्री ने कहा कि 22 सितंबर को नए जीएसटी का लागू होना महालया के अगले दिन और नवरात्रि के पहले दिन के साथ मेल खाता है. इसे शुभ मंगल दिवस माना जाता है और इस प्रकार निर्णय प्रक्रिया में बंगाल का गहरा प्रभाव रहा है. उन्होंने कहा कि दुर्गा पूजा बंगाल का सबसे बड़ा पर्व है और इस अवधि में लोग बड़े पैमाने पर खरीदारी करते हैं. इसे ध्यान में रखकर नई दरें लागू करने का निर्णय लिया गया ताकि त्योहार के मौसम में लोग कम कर भार का लाभ उठा सकें.

सीतारमण ने कहा कि बंगाल की कई उद्योगों को इसका सीधा लाभ होगा, खासकर हस्तशिल्प और लघु उद्योगों को. नई दरों से इन क्षेत्रों में कर का बोझ कम होगा और इससे स्थानीय उद्योगों को मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि नक्शी कांथा यानी कढ़ाई वाले वस्त्र, मालदा के आम, दार्जिलिंग की चाय, जूट बैग, होजरी और रेडीमेड वस्त्र जैसी वस्तुओं को सीधा लाभ मिलेगा.

वित्त मंत्री ने कहा कि बंगाल अपनी समृद्ध शिल्पकला और कृषि उत्पादों के लिए जाना जाता है. नए कर ढांचे के साथ हमें उम्मीद है कि त्योहारों के दौरान बिक्री में उल्लेखनीय वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि जीएसटी सुधारों का मकसद सिर्फ कर दरों को कम करना नहीं है बल्कि व्यवस्था को आम आदमी के लिए सहज बनाना भी है. नई व्यवस्था से जहां उद्योगों को राहत मिलेगी वहीं उपभोक्ताओं को भी अधिक पारदर्शिता और सुलभता का लाभ मिलेगा.

उन्होंने यह भी दोहराया कि जीएसटी परिषद के सदस्यों ने यह स्पष्ट किया कि वे चार दरों को खत्म कर सरलीकरण चाहते हैं लेकिन अभी वे एक दर वाली व्यवस्था अपनाने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा कि यह कदम भविष्य में संभव है और जब देश आर्थिक रूप से और कर प्रणाली के लिहाज से उस स्तर पर पहुंच जाएगा तब इस पर विचार किया जाएगा.

कार्यक्रम के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि नई दरें छोटे व्यापारियों और हस्तशिल्प उद्योगों को मजबूती देंगी. यह क्षेत्र बंगाल की पहचान है और इस फैसले से उनकी स्थिति बेहतर होगी. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की यह कोशिश है कि स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिले और भारत की सांस्कृतिक तथा आर्थिक ताकत दुनिया के सामने आए.

सीतारमण ने जोर देकर कहा कि मोदी सरकार की सोच गरीब और मध्यम वर्ग पर केंद्रित है. नई दरों के साथ इन वर्गों पर कर का बोझ कम होगा और उन्हें त्योहार के अवसर पर अतिरिक्त लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा कि सरकार चाहती है कि उपभोक्ताओं को आसानी हो और छोटे कारोबारों को विकास के अवसर प्राप्त हों.

उन्होंने स्पष्ट किया कि 22 सितंबर का दिन केवल कर सुधारों के लिहाज से ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है. दुर्गा पूजा के समय बंगाल की पूरी अर्थव्यवस्था एक तरह से त्योहार पर केंद्रित हो जाती है और ऐसे में नई दरों का लागू होना उपभोक्ताओं और उद्योगों दोनों के लिए शुभ संकेत है.

वित्त मंत्री ने उम्मीद जताई कि इन सुधारों से स्थानीय और क्षेत्रीय उद्योगों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लाभ मिलेगा. विशेषकर दार्जिलिंग की चाय और मालदा के आम जैसे उत्पाद वैश्विक बाजार में अपनी पहचान बना सकते हैं.

सीतारमण ने कहा कि यह सुधार केवल वित्तीय बदलाव नहीं बल्कि भारत की सांस्कृतिक और सामाजिक संवेदनाओं से जुड़ा हुआ कदम है. उन्होंने कहा कि नई पीढ़ी का जीएसटी भारत को एक ऐसे स्तर पर ले जाएगा जहां कर प्रणाली अधिक पारदर्शी, सरल और समावेशी होगी.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-