एयरपोर्ट सिस्टम पर साइबर अटैक हुआ, फेल, यूके-बेल्जियम समेत यूरोप के कई देशों में उड़ानें रद्द

एयरपोर्ट सिस्टम पर साइबर अटैक हुआ, फेल, यूके-बेल्जियम समेत यूरोप के कई देशों में उड़ानें रद्द

प्रेषित समय :17:31:51 PM / Sat, Sep 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. यूरोप के कई प्रमुख हवाई अड्डों पर शनिवार 20 सितम्बर को साइबर हमला हुआ. इनमें लंदन का हीथ्रो, बेल्जियम का ब्रुसेल्स और जर्मनी के बर्लिन एयरपोर्ट शामिल थे. ये हमले चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम से जुड़ी सर्विस देने वाली कंपनी कोलिंस एयरस्पेस को निशाना बनाकर किए गए.

साइबर अटैक की वजह से कई उड़ानें रद्द करनी पड़ी, फ्लाइट ऑपरेशन में देरी हुई और हजारों यात्रियों को परेशानी की सामना करना पड़ा. यूरोप के कई हवाई अड्डों ने यात्रियों को अपना फ्लाइट स्टेटस चेक करने की सलाह दी है. एयरलाइंस ने असुविधा के लिए यात्रियों से माफी भी मांगी है.

मैनुअल चेक इन की सुविधा जारी

ब्रुसेल्स एयरपोर्ट ने एक बयान में कहा कि हमले का मतलब है कि वहां केवल मैनुअल चेक-इन और बोर्डिंग ही संभव है. बर्लिन के ब्रांडेनबर्ग एयरपोर्ट के अधिकारियों ने बताया कि पैसेंजर हैंडलिंग सिस्टम के एक सर्विस प्रोवाइडर पर भी हमला हुआ इसके बाद एयरपोर्ट के संचालकों को सिस्टम से कनेक्शन काटना पड़ा.

यूरोप के सबसे व्यस्त हवाई अड्डे हीथ्रो ने इसे तकनीकी समस्या बताया. एयरपोर्ट ने कहा कि इससे चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम सर्विस प्रभावित हुई है. हीथ्रो ने एक स्टेटमेंट जारी कर कहा, दुनिया भर के कई एयरपोर्ट्स पर चेक-इन और बोर्डिंग सिस्टम सर्विस देने वाली कंपनी तकनीकी समस्या का सामना कर रही है. इससे प्रस्थान करने वाले यात्रियों को देरी हो सकती है. वहीं फ्रांस ने कहा कि साइबर अटैक का असर केवल कुछ हवाई अड्डों पर ही महसूस किया गया है.

इन सर्विस प्रोवाइडर पर अटैक हुआ

कोलिन्स एयरोस्पेस के पोर्टल पर साइबर हमला हुआ है. यह एक अमेरिकी कंपनी विमानन और रक्षा तकनीक कंपनी है. यह आरटीएक्स कॉर्प की सहायक कंपनी है, जिसे पहले रेथियॉन टेक्नोलॉजीज कहा जाता था. कंपनी ने बताया कि वह यात्रियों को सीधे चेक-इन करने की सुविधा नहीं देती, लेकिन ऐसी तकनीक बनाती है जिससे यात्री खुद ही कियोस्क मशीन से चेक-इन कर सकते हैं, बोर्डिंग पास और बैग टैग छाप सकते हैं और अपना सामान खुद भेज सकते हैं.

कंपनी ने कहा, हमें कुछ चुनिंदा हवाई अड्डों पर हमारे एमयूएसई सॉफ्टवेयर में साइबर समस्या के बारे में जानकारी मिली है. इसका असर केवल इलेक्ट्रॉनिक चेक-इन और बैग जमा करने की प्रक्रिया पर पड़ा है, लेकिन मैन्युअल तरीके से चेक-इन करके इस परेशानी को कम किया जा सकता है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-