शारदीय नवरात्रि 2025: कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त और माता का हाथी पर सवारी का महत्व

शारदीय नवरात्रि 2025: कलश स्थापना के शुभ मुहूर्त और माता का हाथी पर सवारी का महत्व

प्रेषित समय :21:47:07 PM / Sat, Sep 20th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

शारदीय नवरात्रि 2025 के अवसर पर कलश स्थापना का मुहूर्त सोमवार, 22 सितंबर को निर्धारित किया गया है. इस दिन मुख्य शुभ मुहूर्त प्रातः 06:10 बजे से 08:06 बजे तक रहेगा. इसके अतिरिक्त अभिजीत मुहूर्त 11:50 बजे से 12:39 बजे तक रहेगा. इस अवधि में कलश स्थापना कर देवी दुर्गा के आवाहन के साथ नवरात्रि की शुरुआत करना अत्यंत शुभ माना जाता है.

इस वर्ष नवरात्रि का आरंभ सोमवार से हो रहा है, जिसे विशेष महत्व प्राप्त है. शास्त्रों के अनुसार, सोमवार से आरंभ हो रही नवरात्रि में माता दुर्गा की सवारी हाथी (गज) पर होती है. हाथी को शक्ति, सम्मान और समृद्धि का प्रतीक माना गया है. गजवाहन पर माता की सवारी यह दर्शाती है कि माँ दुर्गा अपने भक्तों पर कृपा की वर्षा करेंगे और जीवन में सुख-समृद्धि का मार्ग प्रशस्त करेंगे.

हाथी पर सवार माता का यह रूप यह संदेश देता है कि हर कठिन परिस्थिति में साहस और धैर्य बनाए रखना चाहिए. गजवाहन माता की महिमा और शक्ति को प्रदर्शित करता है, साथ ही यह संकेत देता है कि भक्तों के जीवन में आत्मविश्वास, दृढ़ता और संकटों का सामना करने की क्षमता बढ़ेगी.

नवरात्रि के नौ दिन माता दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है और प्रत्येक रूप का अपना विशेष महत्व होता है. हाथी पर सवार माता का रूप भक्तों के लिए विशेष रूप से समृद्धि, ज्ञान और शक्ति की प्राप्ति का संदेश देता है. इस अवसर पर कलश स्थापना और सही मुहूर्त में पूजा-अर्चना करना अत्यंत शुभ माना जाता है.

भक्तजन इस दिन अपने घरों में पवित्र स्थान पर कलश स्थापित करेंगे, उसमें जल, फूल, अक्षत, अक्षत चावल, कुमकुम और शुभ सामग्री रखकर माता का आवाहन करेंगे. कलश स्थापना के दौरान मंत्रोच्चारण और शास्त्रों के अनुसार पूजा करने से घर में सुख, समृद्धि और सुरक्षा का वातावरण बनता है.

इस वर्ष के नवरात्रि में सोमवार से आरंभ होने के कारण हाथी वाहन माता का विशेष महत्व और लाभ माना जा रहा है. शास्त्रों के अनुसार, इस दिन कलश स्थापना करने वाले भक्तों पर माता की विशेष कृपा बनी रहती है और उनके जीवन में समृद्धि, खुशहाली और मानसिक शांति आती है.

इस अवसर पर मंदिरों और घरों में विशेष आयोजन किए जाएंगे, जिसमें माता दुर्गा की प्रतिमा या चित्र को सजाया जाएगा और भक्तजन सामूहिक रूप से भजन, आरती और हवन करेंगे. विशेष रूप से हाथी वाहन माता की पूजा से घर और परिवार में नकारात्मक प्रभावों से सुरक्षा मिलती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है.

इस प्रकार, 22 सितंबर 2025 को निर्धारित शुभ मुहूर्त में कलश स्थापना और हाथी वाहन माता की आराधना शारदीय नवरात्रि 2025 के उत्सव की सही शुरुआत मानी जाती है. भक्तजन इस दिन अपने घरों और मंदिरों में पूर्ण श्रद्धा और भक्ति भाव से माता दुर्गा की पूजा कर जीवन में सुख-समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त कर सकते हैं.

*पंडित चंद्रशेखर नेमा हिमांशु*(9893280184)
मां कामाख्या साधक,जन्म कुंडली विशेषज्ञ वास्तु शास्त्री

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-