नई दिल्ली. देशभर के मेडिकल उम्मीदवारों और छात्र संगठनों के लिए एक बार फिर NEET PG 2025 परिणाम और उत्तर कुंजी को लेकर विवाद ने नई चिंगारी भड़काई है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई को एक बार फिर स्थगित करते हुए अब इसे 26 सितंबर 2025 को सूची में पहले नंबर पर रखा है. इस फैसले ने उम्मीदवारों की चिंताओं को और बढ़ा दिया है, जो अपने भविष्य और प्रवेश प्रक्रिया को लेकर अनिश्चितता का सामना कर रहे हैं.
NEET PG 2025 के परिणामों में कथित अनियमितताओं के खिलाफ दायर याचिका में छात्र संगठनों और उम्मीदवारों ने स्कोर में 50 से 150 अंकों के अंतर की शिकायत की है. याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि परिणामों और उत्तर कुंजी में दोषपूर्ण मूल्यांकन और पारदर्शिता की कमी ने उनके भविष्य के मेडिकल करियर पर गंभीर असर डाला है. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सुनवाई सूची में पहले स्थान पर रखते हुए यह संकेत दिया कि 26 सितंबर को यह मामला सबसे पहले लिया जाएगा, जिससे देशभर के मेडिकल छात्रों की निगाहें अदालत पर टिकी हुई हैं.
वर्तमान में मेडिकल काउंसलिंग कमेटी (MCC) ने NEET PG 2025 ऑल इंडिया कोटा (AIQ) प्रवेश के लिए काउंसलिंग शेड्यूल को अभी तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट mcc.nic.in पर प्रकाशित नहीं किया है. इस देरी ने हजारों उम्मीदवारों के मन में तनाव और अनिश्चितता पैदा कर दी है. जबकि गुजरात, केरल और तमिलनाडु जैसे कई राज्यों ने अपनी राज्य स्तरीय काउंसलिंग शुरू कर दी है, वहीं राष्ट्रीय स्तर की काउंसलिंग की तारीखों का इंतजार कर रहे उम्मीदवारों के लिए स्थिति और जटिल हो गई है.
काउंसलिंग शेड्यूल में देरी ने छात्र जीवन और करियर योजना दोनों पर असर डाला है. अधिकांश उम्मीदवार, जिन्होंने महीनों की तैयारी और मेहनत के बाद NEET PG 2025 परीक्षा दी थी, अब यह जानने के लिए बेचैन हैं कि उनका अगला कदम क्या होगा और वे कब अपनी सीट का चुनाव कर पाएंगे. इसके साथ ही छात्र संगठनों ने भी कई बार MCC और स्वास्थ्य मंत्रालय से जल्दी से जल्दी राष्ट्रीय स्तर की काउंसलिंग तिथियां जारी करने की मांग की है.
सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सुनवाई की उम्मीद इस विवाद का समाधान प्रदान कर सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस सुनवाई के परिणाम से न केवल NEET PG 2025 की काउंसलिंग प्रक्रिया प्रभावित होगी, बल्कि भविष्य में परीक्षा प्रणाली की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर भी असर पड़ेगा. छात्र संगठनों का कहना है कि यदि अदालत में उनकी याचिका स्वीकार की जाती है, तो सही अंक और निष्पक्ष मूल्यांकन सुनिश्चित होगा, जिससे लाखों मेडिकल उम्मीदवारों के सपनों को नुकसान नहीं पहुंचेगा.
वर्तमान में उम्मीदवार मानसिक और भावनात्मक रूप से तनावग्रस्त हैं. कई छात्र सोशल मीडिया और विभिन्न मंचों पर अपनी चिंता और निराशा व्यक्त कर रहे हैं. कुछ उम्मीदवारों ने बताया कि राज्यों की अलग-अलग काउंसलिंग और राष्ट्रीय स्तर की काउंसलिंग में तालमेल की कमी ने उनकी योजना और समय प्रबंधन पर बड़ा असर डाला है. कई छात्रों ने यह भी चिंता जताई कि यदि जल्द ही राष्ट्रीय काउंसलिंग नहीं होती, तो उनकी सीटें खो जाने का खतरा बढ़ जाएगा.
शिक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि NEET PG जैसी परीक्षा में पारदर्शिता और समय पर परिणाम घोषणा न केवल छात्रों के करियर के लिए आवश्यक है, बल्कि मेडिकल शिक्षा प्रणाली की विश्वसनीयता को बनाए रखने के लिए भी महत्वपूर्ण है. ऐसे मामलों में देरी से छात्रों में स्ट्रेस, असुरक्षा और करियर संबंधी भ्रम बढ़ता है, जो उनकी मानसिक और शैक्षणिक तैयारी को प्रभावित कर सकता है.
सुप्रीम कोर्ट के इस मामले को सुनवाई सूची में पहले स्थान पर रखने से उम्मीद की जा रही है कि छात्रों की याचिकाओं पर शीघ्र निर्णय लिया जाएगा. यह निर्णय NEET PG 2025 की काउंसलिंग और सीट आवंटन प्रक्रिया के लिए मार्गदर्शन करेगा. छात्रों और अभिभावकों की नजरें अब 26 सितंबर पर टिकी हुई हैं, जब अदालत में इस संवेदनशील मामले की सुनवाई होगी.
सभी मेडिकल उम्मीदवारों के लिए यह सुनवाई इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि NEET PG 2025 की परीक्षा लाखों छात्रों के भविष्य को प्रभावित करती है. सही अंक और निष्पक्ष मूल्यांकन से छात्रों के लिए करियर के सही विकल्प और अवसर सुनिश्चित होंगे. इसी के साथ, सुप्रीम कोर्ट का निर्णय राष्ट्रीय स्तर की काउंसलिंग के समय पर आयोजन और सभी राज्यों के साथ तालमेल बनाने में मदद कर सकता है.
इस मामले में, MCC और स्वास्थ्य मंत्रालय को भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है. विशेषज्ञों का कहना है कि काउंसलिंग शेड्यूल की अनिश्चितता और समय पर निर्णय न होने से छात्रों में निराशा और तनाव बढ़ता है. छात्रों को चाहिए कि वे आधिकारिक वेबसाइट और सरकारी घोषणाओं पर नजर बनाए रखें और किसी भी अनधिकृत जानकारी पर भरोसा न करें.
सारांश में कहा जा सकता है कि NEET PG 2025 परिणाम विवाद ने देशभर के मेडिकल उम्मीदवारों की चिंता बढ़ा दी है. सुप्रीम कोर्ट की 26 सितंबर की सुनवाई इस विवाद का संभावित समाधान प्रस्तुत कर सकती है. इस सुनवाई से उम्मीदवारों के अंक, काउंसलिंग प्रक्रिया और भविष्य के मेडिकल करियर की दिशा तय होगी. छात्रों की नजरें अब अदालत पर टिकी हुई हैं, और पूरे देश की मेडिकल शिक्षा व्यवस्था इस निर्णय की ओर ध्यान दे रही है.
छात्र संगठनों और विशेषज्ञों का मानना है कि सही और निष्पक्ष निर्णय से NEET PG जैसी महत्वपूर्ण परीक्षा में विश्वास बहाल होगा और भविष्य में ऐसी अनियमितताओं को रोकने में मदद मिलेगी. इस प्रकार, 26 सितंबर की सुनवाई NEET PG 2025 के उम्मीदवारों के लिए निर्णायक मोड़ साबित होने जा रही है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

