नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा का महत्व

नवरात्रि के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप मां स्कंदमाता की पूजा का महत्व

प्रेषित समय :19:19:49 PM / Thu, Sep 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

स्कंदमाता पूजा का मुहूर्त:-
पूजा करने के लिए सबसे शुभ समय ब्रह्ममुहूर्त माना जाता है, जो सुबह के 4 से 6 बजे के बीच का समय होती है. सामान्य समय सुबह 11 बजे तक,,

पूजा की विधि:-
सुबह जल्दी उठकर स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनकर मां स्कंदमाता की पूजा करें. सबसे पहले माता को गंगाजल अर्पित करें. इसके बाद फूल, अक्षत, सिंदूर चढ़ाएं. फिर माता के आगे धूप- दीप जलाएं, प्रसाद अर्पण करें, इस दिन दान पुण्य करने का खास महत्व होता है.

माँ दुर्गा का पाँचवा स्वरूप माँ स्कंदमाता:-
नवरात्रि के पांचवे दिन को माँ स्कंदमाता की पूजा की जाती है. माँ स्कंदमाता को पांच हाथों वाली रूप में पूजा जाता है.

इस दिन के उत्सव में मां को अर्पण किया जाने वाला भोग खासतौर पर शक्कर पुड़ी, केले, चने और हलवा होता है.

माँ स्कंदमाता की कृपा से भक्तों को समृद्धि, सौभाग्य, और उनकी मनोकामनाओं की पूर्ति की प्राप्ति होती है. संतानप्राप्ति हेतु आप स्कंदमाता की पूजा अर्चना करें.

मां स्कंदमाता के पूजन की महिमा:-

माँ स्कंदमाता का पूजन विशेष रूप से संतान के सुख-कल्याण, परिवार की खुशहाली और मानसिक शांति के लिए किया जाता है. नवरात्रि के पांचवे दिन माँ स्कंदमाता के अनुष्ठान होते हैं, जिसमें 11 हजार मूल मंत्र जाप जैसी विधियां शामिल हैं. यह मंत्र जाप माँ स्कंदमाता के आशीर्वाद से संतान के स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए बेहद प्रभावी माना गया है. इस जाप से जीवन में शांति, सुख और समृद्धि की दिशा मिलती है. माँ स्कंदमाता का आशीर्वाद पूरे परिवार को सुख-शांति और कल्याण की ओर ले जा सकता है. ऐसी मान्यता है कि यह अनुष्ठान जीवन की कठिनाइयों से राहत की दिशा मजबूत करता है.

माता स्कंदमाता की उत्पत्ति और कथा

पौराणिक मान्यता के अनुसार जब असुर तारकासुर का अत्याचार चरम पर पहुँच गया था, तब उसका वध केवल भगवान शिव और माता पार्वती के पुत्र द्वारा ही संभव था. इसीलिए माता पार्वती ने भगवान स्कंद (कार्तिकेय) को जन्म दिया. स्कंद ने बड़े होकर तारकासुर का वध किया और देवताओं को उसके आतंक से मुक्ति दिलाई. इसी कारण माता पार्वती को स्कंदमाता के रूप में पूजा जाने लगा.

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Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-