अनिल मिश्र/ पटना
बिहार सहित देश के अन्य राज्यों में पूर्व की डॉ मनमोहन सिंह की सरकार ने सन 2009 में केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम के तहत देशभर में 16 केंद्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना की थी, जिसमें बिहार को दो केंद्रीय विश्वविद्यालय एक गया जिला में दक्षिण बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय तथा दूसरा मोतिहारी में महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय वर्षों से संचालित हैं.
बिहार प्रदेश कॉंग्रेस कमिटी के प्रदेश प्रतिनिधि सह प्रवक्ता सह बिहार केन्द्रीय विश्वविद्यालय संघर्ष समिति के संयोजक विजय कुमार मिट्ठू, सह संयोजक पूर्व विधायक मोहम्मद खान अली, बाल्मीकि प्रसाद, प्रो मुद्रिका सिंह नायक, बृज मोहन शर्मा, श्रीकांत शर्मा, रेखा देवी, जागरुप यादव, रामचंद पासवान, मोहन सिंह, राम प्रमोद सिंह, चंद्रदेव पासवान, प्रमोद शर्मा, नाथून पासवान आदि ने कहा कि ए ++ मान्यता प्राप्त, देश के नव निर्मित केंद्रीय विश्वविद्यालय में सबसे आगे दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के स्थानीय पदाधिकारी केंद्र एवं राज्य सरकारों के बीच अपना टीआरपी बढ़ाने हेतु लगातार गैर संवैधानिक संस्था आरएसएस का अखाड़ा बनाने को आतुर हैं.
इन सभी नेताओं ने कहा कि दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की शिव शाखा द्वारा विजयादशमी पर्व के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रमों का केंद्रीय विश्वविद्यालय में कराना गैर संवैधानिक है, जिसे बंद कराने की आवश्यकता है, इस अवसर पर राष्ट्रीय झंडा के बजाय आरएसएस का भगवा फहरा कर आखिर इस उच्च शिक्षण संस्थान से क्या संदेश देना चाहते हैं.
इन सभी नेताओं ने कहा की केंद्र की मोदी सरकार नई शिक्षा नीति लाकर शिक्षा का व्यवसायीकरण तथा भगवाकरन करने को उतारू है, जिसके खिलाफ कॉंग्रेस का आंदोलन जारी रहेगा, पहले दस साल उच्च शिक्षण संस्थानों में पढ़ाई के अनुभव वाले को ही केंद्रीय विश्वविद्यालय का कुलपति बनाया जाता था, जिसे संशोधित कर इसकी अनिवार्यता समाप्त कर बड़े- बड़े व्यवसायियों तरह आरएसएस के लोगों को कुलपति बना कर पूरी शिक्षा पद्धति के साथ खिलवाड़ करने को उतारू है.
इन नेताओं ने दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, कुलपति, कुल सचिव सहित सभी पदाधिकारियों से वर्षों से उत्तर बिहार के मोतिहारी स्थित महात्मा गांधी केंद्रीय विश्वविद्यालय के तर्ज़ पर दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय का नामकरण विष्णु- बुद्ध केंद्रित विश्वविद्यालय करने तथा इसके वृहद परिसर में केंद्रीय विद्यालय तथा राष्ट्रीय स्तर का मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने की मांग की है तथा इस बेहतर प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय को भाजपा आर एस एस का अड्डा बनाने के बजाय इसे गैर राजनीतिक, गैर साम्प्रदायिक संस्था के उच्च स्तरीय शिक्षा, सेमिनार, रिसर्च, सभी देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों, महान शिक्षावीदो, वैज्ञानिको आदि के नाम पर विभिन्न भवनों का नामाकरण आदि कराने की मांग दोहराई है.
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