नई दिल्ली. दिवाली से पहले पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध पर जारी घमासान के बीच सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को दिल्ली-एनसीआर में पटाखों के निर्माण की अनुमति दे दी. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि केवल उन्हीं निर्माताओं को दिवाली से पहले ग्रीन पटाखे बनाने की अनुमति है जिनके पास ग्रीन पटाखे बनाने के लिए हृश्वश्वक्रढ्ढ और क्कश्वस्ह्र परमिट हैं.
मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) बीआर गवई, न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन और न्यायमूर्ति एनवी अंजारिया ने निर्माताओं के लिए एक शर्त भी रखी. पीठ ने कहा कि अदालत के अगले आदेश तक उन्हें एनसीआर में कोई भी पटाखा नहीं बेचना चाहिए. अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को निर्धारित है.
पटाखों के प्रतिबंध पर कही थी ये बात
आपको बता दें कि 3 अप्रैल 2025 को सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध केवल सर्दियों के मौसम के बजाय पूरे वर्ष के लिए बढ़ाया जाए. इस फैसले को अदालत में चुनौती दी गई है और सुनवाई जारी है. 12 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि पटाखों पर प्रतिबंध केवल दिल्ली-एनसीआर में ही क्यों लगाया जाना चाहिए, पूरे देश में क्यों नहीं?
कोर्ट ने बिहार खनन को दिया उदाहरण
कोर्ट ने आगे कहा कि दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के बावजूद, इसे प्रभावी ढंग से लागू नहीं किया जा सका. जैसा कि बिहार में देखा गया, खनन पर पूर्ण प्रतिबंध के कारण इस क्षेत्र में अवैध माफिया गतिविधियां बढ़ गईं. इसलिए, इस मामले में एक संतुलित दृष्टिकोण की आवश्यकता है.
केंद्र को दिए ये निर्देश
पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाना न तो संभव है और न ही सही. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि केंद्र और दिल्ली सरकार, निर्माताओं और विक्रेताओं सहित सभी हितधारकों के साथ परामर्श करके पूर्ण प्रतिबंध के फैसले पर पुनर्विचार करने का निर्देश दिया जाता है.

