ज्योतिष शास्त्र के अनुसार किसी व्यक्ति की रुचि और व्यवसाय का चुनाव उसके कुंडली में ग्रहों और भावों की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि कोई व्यक्ति पुलिस में नौकरी करना चाहता है, तो उसकी कुंडली में विशेष भाव और ग्रहों की स्थिति का आकलन करना आवश्यक है।
कुंडली में मुख्य भाव और ग्रह
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तृतीय भाव: साहस, पराक्रम और वीरता का भाव।
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षष्ठ भाव: संघर्ष और प्रतियोगिता का भाव।
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दशम भाव: व्यवसाय और कर्म क्षेत्र का भाव।
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मुख्य ग्रह: मंगल, सूर्य, राहु, शनि (क्रूर ग्रह)।
इन भावों और ग्रहों के बीच उचित दृष्टि, युति या संबंध होना पुलिस अधिकारी बनने के लिए अनिवार्य माना गया है।
पुलिस बनने के प्रमुख योग
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तृतीय भाव में क्रूर ग्रह की दृष्टि या युति, या तृतीयेश की दशम भाव पर दृष्टि/युति।
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षष्ठ भाव में क्रूर ग्रह की दृष्टि/युति, या षष्ठ भाव का दशम भाव से संबंध।
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एकादश भाव का संबंध षष्ठ भाव या मंगल से होना।
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दशमेश से मंगल की युति या परस्पर दृष्टि।
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तृतीयेश का लग्न में होना या तृतीयेश का तृतीय भाव में होना।
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तृतीयेश का षष्ठ भाव में होना।
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सप्तमेश का तृतीय भाव में या चतुर्थेश का तृतीय भाव में होना।
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षष्ठ भाव का क्रूर ग्रहों या गुरु से संबंध।
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दशम भाव से मंगल और शनि का परस्पर संबंध।
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षष्ठेश की छठे भाव पर दृष्टि या मंगल का दशमेश/दशम भाव से दृष्टि या युति।
अतिरिक्त विवरण
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तृतीय भाव साहस और वीरता दर्शाता है।
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षष्ठ भाव संघर्ष और शत्रु पर विजय दिलाता है।
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क्रूर ग्रहों की दशा, अन्तर्दशा या प्रत्यन्तर दशा का प्रभाव भी योग को सक्रिय करता है।
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इन योगों का सही संयोजन किसी जातक को पुलिस या सेना में नौकरी करने में सक्षम बनाता है।

