दार्जिलिंग. उत्तर बंगाल में लगातार बारिश ने फिर कहर बरपाया. भूस्खलन से कई पहाडिय़ाँ तबाह हो गई. दार्जिलिंग में कई जगहों पर भूस्खलन से 5 लोगों की मौत हो गई. वहीं, लोहे का पुल गिरने से नौ लोगों की मौत की खबर है. इत तरह की घटनाओं में कम से कम 14 लोगों की मौत होने की आशंका है. सिक्किम में कई जगहों पर पर्यटकों के फंसे होने की खबर है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दार्जिलिंग में पुल दुर्घटना में हुई जानमाल की हानि पर शोक व्यक्त किया. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर कहा,'दार्जिलिंग में एक पुल दुर्घटना में हुई जान-माल की हानि से अत्यंत दुखी हूँ. जिन लोगों ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति संवेदना. घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूँ. भारी बारिश और भूस्खलन के मद्देनजर दार्जिलिंग और आसपास के इलाकों की स्थिति पर कड़ी नजर रखी जा रही है. हम प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं.'
हालात को देखते हुए जिला प्रशासन ने युद्ध स्तर पर बचाव अभियान चलाया है. भूस्खलन के कारण नेशनल हाईवे 10 पर यातायात व्यवस्था ठप हो गया. कुल मिलाकर प्रकृति के कहर से पहाड़ तबाह हो गए. मौसम विभाग ने पहले ही घोषणा कर दी थी कि पहाड़ी और मैदानी इलाकों में असामान्य बारिश होगी. अनुमान के अनुसार उत्तर बंगाल में पूरी रात लगातार बारिश हुई.
लोहे का पुल गिरने से नौ लोगों की मौत
दार्जिलिंग जिला प्रशासन के सूत्रों के अनुसार मिरी में लोहे का पुल गिरने से नौ लोगों की मौत हो गई. सुखिया में भूस्खलन से चार लोगों की मौत हो गई है. पहाड़ी इलाकों में कई जगहों पर भूस्खलन अभी भी जारी है. भूस्खलन के बाद मलबा हटाने का काम शुरू कर दिया गया है. सिक्किम में भी कई जगहों पर पर्यटक फंसे हुए हैं.
मिरिक में भूस्खलन से 5 शव बरामद
कुर्सियांग के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अभिषेक रॉय ने कहा, 'मिरिक में भूस्खलन से पाँच शव बरामद किए गए. सुबह दो और शव बरामद किए गए. सुखिया में चार और मौतें हुई हैं. मौसम के कारण बचाव अभियान में मुश्किलें आ रही हैं. दोपहर में बारिश कम हो गई. इसलिए बचाव अभियान जोरों पर है. सिलीगुड़ी से दार्जिलिंग होते हुए रोहिणी जाने वाला रास्ता भूस्खलन के कारण कई जगहों पर बंद है. दिलाराम जाने वाला रास्ता भी बंद है. मिरिक में भूस्खलन भयानक है. वहाँ भी बचाव अभियान जारी है.'
प्रशासन को मृतकों की संख्या बढऩे की आशंका
प्रशासनिक अधिकारियों को आशंका है कि भूस्खलन से पहाडिय़ों में पैदा हुए हालात के चलते मृतकों की संख्या बढ़ सकती है. जीटीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अनित थापा ने कहा, जीटीए का आपदा विभाग सक्रियता से काम कर रहा है. हमने खतरे में पड़े लोगों से पंचायत सदस्यों, जीटीए अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को सूचित करने को कहा है. भूस्खलन में कम से कम 14 लोगों के मारे जाने की खबर है. हमें बच्चों और महिलाओं को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का आदेश दिया गया है. मिरिक के बीडीओ, एसडीओ, नगरपालिका और अन्य अधिकारी जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं.
भूस्खलन से नेशनल हाईवे 10 पर यातायात ठप
सेवक के पास शनिवार रात राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 पर पेड़ गिर गए. इससे यातायात अवरुद्ध हो गया. फिर लगातार बारिश के कारण कई जगहों पर भूस्खलन के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 10 पूरी तरह से बंद हो गया. दुदिया में लोहे का पुल ढह जाने से सिलीगुड़ी और मिरिक के बीच सीधा संपर्क टूट गया. इसके साथ ही, सिलीगुड़ी-दार्जिलिंग मार्ग पर दिलाराम के पास भी भूस्खलन हुआ. रोहिणी रोड भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गया. पुलबाजार पुल भी क्षतिग्रस्त हो गया, जिससे बिजनबाड़ी और आसपास के इलाकों से संपर्क टूट गया.
जंगली जानवर बस्तियों में घुसे
प्रशासन के सूत्रों के अनुसार, पहाडिय़ों में लगातार हो रही भारी बारिश के कारण जलढाका नदी का जलस्तर बढ़ गया है. कमरघाट इलाके में हाथियों का एक झुंड पानी में फंस गया. इसके साथ ही स्थानीय कालीबाड़ी इलाके में एक गैंडा बस्ती में घुस गया. सिर्फ हाथी और गैंडे ही नहीं, स्थानीय लोगों ने काशीर बारी इलाके में एक बाइसन शावक को भी बचाया. करशियांग के गाँव में कई हिरण घुस आए. उनका यह भी दावा है कि कई जंगली जानवर बहकर नदी में चले गए.
कई ट्रेनें रद्द कर दी गई
इस आपदा के कारण रेल सेवाएं भी प्रभावित हुई. बंगाल से असम जाने वाली कई ट्रेनें रद्द कर दी गई. कई ट्रेनों को रूट बदलकर चलाने का फैसला किया गया. एनजेपी अलीपुरद्वार जंक्शन टूरिस्ट स्पेशल ट्रेन रद्द कर दी गई. धुबरी सिलीगुड़ी डेमू स्पेशल और सिलीगुड़ी बॉक्सिरहट एक्सप्रेस ट्रेनें रद्द कर दी गई.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

