जहरीला कफ सिरप बनाने वाली कंपनी का डायरेक्टर रंगनाथन चेन्नई से गिरफ्तार, MP की SIT ने दी दबिश, दवा से अब तक 24 बच्चों की मौत

जहरीला कफ सिरप बनाने वाली कंपनी का डायरेक्टर रंगनाथन चेन्नई से गिरफ्तार, MP की SIT ने दी दबिश, दवा से अब तक 24 बच्चों की मौत

प्रेषित समय :15:44:18 PM / Thu, Oct 9th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

छिंदवाड़ा. मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का कारण बने कोल्ड्रिफ कफ सिरप बनाने वाली कंपनी श्रीसन फार्मा के डायरेक्टर गोविंदन रंगनाथन को एसआईटी ने चैन्नई में दबिश देकर गिरफ्तार कर लिया है. एसआईटी ने कंपनी से महत्वपूर्ण दस्तावेज, दवाओं के नमूने और प्रोडक्शन रिकॉर्ड भी जब्त किए हैं.

खबर है कि रंगनाथन पर 20 हजार रुपए का इनाम था और वह अपनी पत्नी के साथ फरार चल रहा था. चेन्नई में रंगनाथन का चेन्नई-बेंगलुरु राजमार्ग पर स्थित 2000 वर्ग फुट का अपार्टमेंट सील कर दिया गया थाए जबकि कोडम्बक्कम स्थित उनका रजिस्टर्ड ऑफिस बंद मिला था. छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने बताया कि एसआईटीए रंगनाथन को चेन्नई कोर्ट में पेश कर ट्रांजिट रिमांड मांगेगी. इसके बाद उसे छिंदवाड़ा लाया जाएगा.

वहीं मामले की जांच को लेकर दायर जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को सुनवाई कर सकता है. वकील विशाल तिवारी की याचिका में इस मामले की जांच राष्ट्रीय न्यायिक आयोग या सीबीआई के जरिए विशेषज्ञों की समिति बनाकर कराए जाने की मांग की गई है. उधर कफ सिरप पीने के बाद किडनी फेल होने से जान गंवाने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है. दरमियानी रात छिंदवाड़ा की उमरेठ तहसील के पचधार गांव के 3 वर्षीय मयंक सूर्यवंशी ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. वह 25 सितंबर से नागपुर मेडिकल कॉलेज में भर्ती था.

मुख्यमंत्री जाएंगे नागपुरए बच्चों का हाल जानेंगे-

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव आज नागपुर जाएंगे. सीएम वहां के अस्पतालों में भर्ती चारों बच्चों का हाल जानेंगे. उनके परिजन से बात करेंगे. इनमें से गार्विक पवार नागपुर मेडिकल कॉलेज में अंबिका विश्वकर्मा न्यू हेल्थ सिटी हॉस्पिटल जबकि कुणाल यदुवंशी व हर्ष यदुवंशी नागपुर एम्स में इलाज करा रहे हैं. इससे पहले सीएम ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार हर कदम पर पीडि़त परिवारों के साथ है. सभी बच्चों का इलाज सरकार ही कराएगी. किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा. वहीं छिंदवाड़ा महापौर विक्रम अहके ने कहा है कि बच्चों की मौतों को देखते हुए वे 10 अक्टूबर को अपना जन्मदिन नहीं मनाएंगे. उन्होंने समर्थकों से अपील की है कि केक, बुके, आतिशबाजी, फ्लैक्स व उपहारों की राशि इक_ा कर पीडि़त परिवार को दी जाए. इसके लिए महापौर निवास पर एक बॉक्स लगाया जाएगाए जिसमें सहयोग की राशि डाली जा सकती है.

केमिकल खरीदी का न बिल न एंट्री

इस बीच कोल्ड्रिफ सिरप की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है. तमिलनाडु डायरेक्टर ऑफ ड्रग्स कंट्रोल की रिपोर्ट में सामने आया है कि यह सिरप नॉन फार्मास्यूटिकल ग्रेड केमिकल से तैयार किया गया था. जांच के दौरान कंपनी के मालिक ने मौखिक रूप से स्वीकार किया है कि उसने दो बार में प्रोपलीन ग्लायकॉल के 50 किलो के दो बैग खरीदे थे. यानी कंपनी ने 100 किलो जहरीला केमिकल खरीदा था. जांच में इसका न कोई बिल मिला है, न खरीद की एंट्री की गई. पूछताछ में जांच अधिकारियों को बताया गया कि भुगतान कभी कैश तो कभी गूगल पे ;ळ.च्ंलद्ध से किया था.

जहरीले केमिकल की मात्रा 486 गुना ज्यादा-

दवा बनाने वाली कंपनी ने घटिया क्वालिटी का प्रोपलीन ग्लायकॉल खरीदा. उसका कभी टेस्ट भी नहीं कराया. चौंकाने वाली बात यह है कि कंपनी के पास न तो खरीदी के बिल हैं और न ही प्रयोग किए गए केमिकल के रिकॉर्ड मौजूद हैं. लैब जांच में यह भी पाया गया कि सिरप में डाईएथिलीन ग्लायकॉल व एथिलीन ग्लायकॉल जैसे जहरीले रसायनों की मौजूदगी तय सीमा से 486 गुना अधिक थी.

मार्च में खरीदा गया था केमिकल-

जांच रिपोर्ट के मुताबिक कंपनी ने चेन्नई की सनराइज बायोटेक से 25 मार्च 2025 को प्रोपलीन ग्लायकॉल खरीदा था. यह नॉन फार्मास्यूटिकल ग्रेड का था यानी दवा बनाने के लिए उपयुक्त नहीं था. इसके बावजूद कंपनी ने न तो इसकी शुद्धता जांची और न ही इसमें डाईएथिलीन ग्लायकॉल या एथिलीन ग्लायकॉल की मात्रा का परीक्षण किया. तमिलनाडु ड्रग्स कंट्रोल डिपार्टमेंट ने पाया कि इस घटिया केमिकल से कई दवाएं तैयार की गईं. ऐसे में निरीक्षण के दौरान जांच टीम ने अपनी इन्वेस्टिगेशन को जारी रखा. जिसमें उन्होंने पाया कि कंपनी के पास उस समय प्रोपलीन ग्लायकॉल का कोई स्टॉक नहीं था. इससे शक और गहरा गया कि कंपनी ने केमिकल को तेजी से खत्म कर दस्तावेज छिपाने की कोशिश की.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-