छिंदवाड़ा. छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा विकासखंड के ग्राम राजोला में अचानक ग्रामीणों को उल्टी-दस्त होने की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया. कलेक्टर हरेंद्र नारायन ने एसडीएम अमरवाड़ा हेमकरण धुर्वे, प्रशासनिक अमला और स्वास्थ्य विभाग की टीम तत्काल गांव भेजा.
ग्रामीणों की मदद के लिए गांव पहुंचते ही स्वास्थ्य विभाग की टीम ने घर.घर सर्वे शुरू किया और कुछ ही घंटों में शाम 6 बजे तक अस्थायी अस्पताल तैयार कर दिया गया. यहां पलंग, सेलाइन और दवाओं की पर्याप्त व्यवस्था की गई. जांच और इलाज के दौरान लगभग 250 लोगों का उपचार किया गया. इनमें से 93 मरीजों को ड्रिप लगाई गईए 10 गंभीर मरीजों को सिंगोड़ी अस्पताल रेफर किया गया.
जबकि 150 ग्रामीणों को दवाएं दी गईं. गांव में किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने 4 एम्बुलेंस की व्यवस्था की है, ताकि जरूरत पडऩे पर मरीजों को तुरंत जिला अस्पताल भेजा जा सके. कलेक्टर हरेंद्र नारायन और सीईओ जिला पंचायत अग्रिम कुमार देर रात तक गांव में ही डटे रहे. उन्होंने स्वास्थ्य व्यवस्था और ग्रामीणों की स्थिति का लगातार निरीक्षण किया. प्रशासन की तत्परता से फिलहाल गांव की स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में बताई जा रही है.
कुएं के पानी से फैली बीमारी की आशंका-
एसडीएम अमरवाड़ा हेमकरण धुर्वे ने बताया कि जांच के दौरान ग्राम के कुएं में चार पक्षियों के मृत मिलने की जानकारी मिली है. संभवत: इसी दूषित पानी के सेवन से ग्रामीणों में बीमारी फैली. लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग ने कुएं के पानी के सैंपल जांच के लिए भेजे, जिनकी रिपोर्ट में पानी दूषित पाए जाने की पुष्टि हुई है. अब कुएं को खाली कराया जा रहा है और फिलहाल पेयजल की अस्थाई व्यवस्था अन्य जलस्त्रोत से की गई है. मौके पर जनपद सीईओ, बीएमओ, टीआई, स्वास्थ्य अमला और जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे. प्रशासन का दावा है कि हालात अब पूरी तरह नियंत्रण में हैं और ग्रामीणों को निरंतर चिकित्सा सहायता दी जा रही है.
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