गयाजी में आशा स्पीच एंड हियरिंग क्लीनिक में विशेष प्रकार के बच्चों ने बंदनवार और कलर दीपों का किया बिक्री

गयाजी में आशा स्पीच एंड हियरिंग क्लीनिक में विशेष प्रकार के बच्चों ने बंदनवार और कलर दीपों का किया बिक्री

प्रेषित समय :22:13:17 PM / Sat, Oct 18th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

आत्मनिर्भर बनाने की एक अनोखी पहल 

अनिल मिश्र/ पटना 

दीपोत्सव पर्व की बिहार प्रदेश सहित पूरे देश में गजब का उत्साह देखा जा रहा है. जहां भगवान श्री राम के चौदह वर्ष वनवास से अयोध्या लौटने पर पूरे देश में दीपावली का त्योहार मनाया जाता है. वहीं बिहार प्रदेश में धनतेरस से आरंभ होकर छठ पर्व पर इस दीपोत्सव का समापन होता है. जहां अयोध्या सहित पूरे देश में इस दीपावली पर्व को खास बनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम क आयोजन किया जा रहा है. वहीं बिहार प्रदेश के धार्मिक, अध्यात्मिक और पौराणिक शहर गयाजी के एपी कॉलोनी में स्थित आशा स्पीच एंड हियरिंग क्लीनिक में इस समाज में जन्म लेने वाले एक विशेष प्रकार के बच्चों को एक कुशल कला सिखाते हुए आत्मनिर्भर बनाने की इस दीपोत्सव के मौके पर अनोखी पहल की गई,जो एक सराहनीय कदम है.इस अवसर पर शहर के प्रबुद्ध लोगों ने इस तरह के कार्यक्रम कार्यान्वयन के लिए इस संस्था की भूरि भूरि प्रशंसा किए.

वहीं इस तरह के कार्यक्रम से इस तरह के बच्चे किसी पर बोझ न बनकर एक आत्मनिर्भर बन समाज की मुख्यधारा में शामिल हो अपनी सुखद जीवन व्यतीत कर सकेंगे.इस दीपोत्सव के मौके पर इन बच्चों ने कागज और प्लास्टिक के बंदनवार और मिट्टी के दीयों को कलर कर बिक्री किया गया.इस संबंध में संस्थान के निदेशक डॉ अभिषेक रंजन और सहकर्मी डॉ आशुतोष कुमार मिश्रा ने बताया कि इन बच्चों के द्वार दीया कलर और बिक्री से अर्जित पैसा को उनके माता-पिता को दिया गया.

इस संबंध में बताया कि इस संस्थान का उद्देश्य इन बच्चों को  आत्मनिर्भर या स्वालंबी बनाकर किसी के ऊपर बोझ नहीं बनने का प्रयास किया गया है.इन बच्चों के द्वार एक छोटा सा कौशल विकसित करने का उद्देश्य इन बच्चों को बचपन से उन्हें कौशल  में प्रविण किया  जाए ताकि वो आगे चलकर आत्मनिर्भर बने. इस अवसर पर आशा स्पीच एंड हियरिंग क्लिनिक के टीम निदेशक डॉ अभिषेक रंजन प्रशिक्षक डॉ आशुतोष कुमार मिश्र,रणवीर ,राजेश कुमार,राखी कुमारी, कविता कुमारी सहित सभी सदस्यों ने भाग लिया.इस संबंध में प्रशिक्षक डॉ आशुतोष कुमार ने बताया कि इसका उद्देश्य  बच्चें को आत्मनिर्भर बनाकर किसी पर बोझ नहीं बनना और समाज की मुख्यधारा में अन्य बच्चों की तरह समाज में साथ  साथ चलने का उद्देश्य से इन बच्चों में हुनर पैदा करने का एक प्रयास है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-