नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को गोवा और कारवार के तट पर देश के स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत पर भारतीय सशस्त्र बलों के साथ दिवाली मनाई. सैनिकों के साथ दिवाली मनाने की अपनी परंपरा को जारी रखते हुए, पीएम मोदी ने राष्ट्र के प्रति उनकी सेवा की सराहना की.
जहाज पर मौजूद अधिकारियों और नौसैनिकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, आज, एक ओर मेरे पास अनंत क्षितिज, अनंत आकाश है और दूसरी ओर भारत की शक्ति और आत्मनिर्भरता का प्रतीक आईएनएस विक्रांत है. प्रधानमंत्री ने देश की समुद्री सीमाओं की रक्षा और स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए भारतीय नौसेना की सराहना की. पीएम ने कहा, मैं सौभाग्यशाली हूं कि इस बार दिवाली का यह पावन पर्व मैं नौसेना के आप सभी वीर जवानों के बीच मना रहा हूं.
पीएम मोदी ने कहा, हमारी नौसेना ने हजारों विदेशियों के जीवन को बचाया है. समुद्र में हमारी नौसेना देश के लिए समर्पित है. भारत का पहला स्वदेश निर्मित विमानवाहक पोत, आईएनएस विक्रांत, 262 मीटर लंबा है और इसका पूर्ण विस्थापन करीब 45,000 टन है. करीब 20,000 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित, इस पोत में 76 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री है. आत्मनिर्भर भारत और मेक इन इंडिया पहल के तहत आत्मनिर्भरता की ओर भारत की प्रगति का प्रतीक है. यह परियोजना 2007 से 2019 के बीच तीन चरणों में पूरी हुई थी. इसका निर्माण कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड की ओर से किया गया.
पीएम मोदी ने कहा, यह पोत नौवहन और संचालन के लिए उच्च स्तर के स्वचालन से लैस है और लगभग 30 विमानों को संभाल सकता है. इसमें मिग-29के लड़ाकू विमान, कामोव-31 और एमएच-60आर हेलीकॉप्टर के साथ स्वदेशी उन्नत हल्के हेलीकॉप्टर और हल्के लड़ाकू विमान नौसेना संस्करण शामिल हैं. आईएनएस विक्रांत के साथ भारत उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो चुका है जो स्वदेशी रूप से विमानवाहक पोतों का डिज़ाइन और निर्माण करने में सक्षम हैं.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-



