दिल्ली में हवा हुई जहरीली, दीपावली के बाद कई हिस्सों में एक्यूआई 400 के पार पहुंचा

दिल्ली में हवा हुई जहरीली, दीपावली के बाद कई हिस्सों में एक्यूआई 400 के पार पहुंचा

प्रेषित समय :09:56:41 AM / Tue, Oct 21st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. दीपावली के त्योहार के बाद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर बेहद खराब से गंभीर श्रेणी में पहुंच गई है. आतिशबाजी और मौसम संबंधी कारकों के कारण दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एयूआई) 400 के आंकड़े को पार कर गया है, जिससे लोगों के लिए सांस लेना भी मुश्किल हो गया है. सोमवार की रात दीपावली पर बड़े पैमाने पर पटाखे फोड़े जाने के बाद मंगलवार सुबह 8 बजे वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 के आंकड़े को पार कर गया है, जो बेहद खराब श्रेणी में आता है.

दिल्ली के लिए सबसे हैरान करने वाली बात यह है कि दीपावली की रात में पूरे एनसीआर का एयर क्वालिटी इंडेक्स बेहद खतरनाक स्तर पर था. रात करीब 11:00 बजे दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 596 पहुंच गया था. वहीं, मंगलवार सुबह दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 पार पहुंच गया है. केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दीपावली की रात हुई भारी आतिशबाजी के कारण दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण का स्तर खतरनाक हो गया है.

दिल्ली एनसीआर में मंगलवार को प्रदूषण में कोई राहत नहीं मिलेगी. यहां का तापमान 31 और न्यूनतम तापमान 22 डिग्री सेल्सियस के करीब रहने की संभावना जताई जा रही है. यही नहीं, मंगलवार सुबह-सुबह दिल्ली एनसीआर में हल्का कोहरा भी नजर आ रहा है, लेकिन दोपहर बाद मौसम शुष्क हो जाएगा और हल्की धूप निकलने का पूर्वानुमान है. मौसम विभाग (आईएमडी) और भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के पूर्वानुमानों के अनुसार, अगले दो दिनों में हवा की गुणवत्ता और बिगड़ सकती है. स्थिर हवाएं, तापमान में गिरावट और स्थानीय प्रदूषण इसके मुख्य कारण बताए जा रहे हैं.

स्थिति को देखते हुए, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (ग्रैप) के दूसरे चरण को तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया है. इसके तहत प्रदूषण नियंत्रण बोर्डों और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) को सख्त निगरानी और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. आईएमडी ने स्पष्ट किया है कि स्थिति पर करीब से नजर रखी जा रही है और प्रदूषण नियंत्रण के लिए नियमित समीक्षा बैठकें होंगी. पराली जलाना और वाहनों से निकलने वाला धुआं इस प्रदूषण संकट को और गहरा कर रहे हैं, जिससे सर्दियों में स्मॉग की समस्या से निपटने के लिए क्षेत्रीय सहयोग की आवश्यकता और भी बढ़ गई है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-