पटना. बिहार विधानसभा चुनाव में दोनों चरणों की वोटिंग के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त हो गई है. दूसरे चरण के लिए नामांकन वापसी की तारीख 23 अक्टूबर है. वहीं, इस जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने मंगलवार को पटना में प्रेस वार्ता की. इस दौरान उन्होंने बीजेपी पर जमकर हमला बोला. पीके ने कहा कि भाजपा को सबसे ज्यादा डर जनसुराज से लग रहा है.
प्रशांत किशोर ने कहा कि हमारे उम्मीदवारों को डराया धमकाया जा रहा है. उन्हें तोड़ा जा रहा है. दानापुर में जनसुराज के उम्मीदवार अखिलेश शाह को सिंबल दिया गया लेकिन वो निर्वाचन दफ्तर तक नहीं पहुंचे और गायब हो गए. बाद में ये भाजपा के बड़े नेताओं के साथ दिखे. हम इसकी शिकायत चुनाव आयोग से करेंगे.
वहीं, उन्होंने कहा कि ब्रह्मपुर विधानसभा क्षेत्र से जनसुराज के उम्मीदवार जयप्रकाश तिवारी ने भी सिंबल लिया, नामांकन भी किया. प्रचार भी किया और आखिर दिन अपना नामांकन वापस ले लिए. ये भी भाजपा के बड़े नेताओं के साथ दिखे. प्रशांत किशोर ने धर्मेंद्र प्रधान के साथ उनकी तस्वीर भी दिखाई. गोपालगंज के जनसुराज के उम्मीदवार शशि शेखर सिन्हा ने नामांकन किया.
उन्होंने कहा कि भाजपा के कुछ नेता जन सुराज उम्मीदवार से मिले और इन्होंने भी अपना नामांकन वापस ले लिया. प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में भाजपा ने सरकार बनाने की छवि बना ली है, चाहे चुनाव कोई भी जीते. अब, उन्होंने बिहार में एक नया अभियान शुरू किया है. वे जनता को डराने के लिए महागठबंधन का इस्तेमाल कर रहे हैं.
4 नवंबर को दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा
वो कह रहे हैं कि हमें वोट दें, वरना लालू का जंगल राज वापस आ जाएगा. प्रशांत किशोर ने आगे कहा कि 14 तारीख को परिणाम आएगा, दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा. ये (एनडीए)) जो माहौल बनाने का प्रयास कर रहे हैं कि हम लोग डरने वाले हैं, प्रशांत किशोर और जनसुराज के साथी किसी से डरने वाले नहीं हैं. चाहें जितने उम्मीदवारों को खरीद लो, धमकी दे दो या उनके घरों में कैद कर लो, चुनाव लड़ा जाएगा और इतनी ताकत के साथ लड़ा जाएगा कि हम आपको दांत खट्टे कर देंगे.
पीके ने कहा कि एनडीए लोग महागठबंधन के उम्मीदवारों की चिंता नहीं करते हैं क्योंकि उन्हें पता है कि महागठबंधन से भी ज्यादा कोई बाहुबली खड़ा है. वे डरते हैं अच्छे लोगों से, डॉक्टरों से, व्यवसायियों से, समाज सेवकों से.. हमने इतने अच्छे लोग खड़े किए हैं जिनके सामने लडऩे का उनका (एनडीए) माद्दा नहीं है हालांकि हमारे उम्मीदवार राजनीतिक लोग नहीं है. इन लोगों के परिवार और परिजनों पर दबाव बनाया जा रहा है कि वे नामांकन वास ले लें.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-


