दिवाली 2025 में भारत का रिकॉर्ड कारोबार ₹605 लाख करोड़ GST सुधारों और बढ़ी मांग से ऐतिहासिक उछाल

दिवाली 2025 में भारत का रिकॉर्ड कारोबार ₹605 लाख करोड़ GST सुधारों और बढ़ी मांग से ऐतिहासिक उछाल

प्रेषित समय :19:26:46 PM / Tue, Oct 21st, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली. भारतीय व्यापारियों के संगठन, कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आज घोषणा की कि 2025 की दिवाली बिक्री ने देश में एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. त्योहार के दौरान कुल कारोबार रिकॉर्ड ₹6.05 लाख करोड़ तक पहुँच गया, जो पिछले वर्ष की ₹4.25 लाख करोड़ की बिक्री की तुलना में एक बड़ी छलांग है. यह ऐतिहासिक वृद्धि हाल के जीएसटी (GST) सुधारों और उपभोक्ताओं की मजबूत मांग से प्रेरित है, जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था की शक्ति को दर्शाया है.

CAIT के अनुसंधान विंग द्वारा देश भर के 60 प्रमुख वितरण केंद्रों, जिनमें राज्यों की राजधानियाँ और टियर 2 और टियर 3 शहर शामिल हैं, में किए गए एक राष्ट्रव्यापी सर्वेक्षण के आधार पर ये निष्कर्ष जारी किए गए हैं. कुल कारोबार में ₹5.40 लाख करोड़ वस्तुओं की बिक्री से आया, जबकि ₹65,000 करोड़ का योगदान सेवा क्षेत्र से रहा.

पारंपरिक बाजारों का दबदबा

रिपोर्ट के अनुसार, गैर-कॉर्पोरेट और पारंपरिक बाजारों ने कुल व्यापार में 85 प्रतिशत का योगदान दिया, जो भारत के भौतिक बाजारों और छोटे व्यापारियों की मजबूत वापसी को रेखांकित करता है. यह आँकड़ा दर्शाता है कि ई-कॉमर्स की बढ़ती पहुँच के बावजूद भी, त्योहारों के दौरान खरीदारी के लिए उपभोक्ता आज भी मुख्य रूप से स्थानीय और पारंपरिक खुदरा दुकानों पर निर्भर हैं.

प्रमुख क्षेत्रों में बिक्री का ब्यौरा

विभिन्न प्रमुख उत्पादों की बिक्री में किराना और FMCG (12%), सोना और आभूषण (10%), इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल्स (8%), उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुएँ (7%), रेडीमेड गारमेंट्स (7%), गिफ्ट आइटम (7%), होम डेकोर (5%), फर्निशिंग और फर्नीचर (5%), मिठाई और नमकीन (5%), वस्त्र और फैब्रिक्स (4%), पूजा सामग्री (3%), फल और मेवे (3%) का महत्वपूर्ण योगदान रहा. CAIT के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया ने बताया कि सेवाओं के क्षेत्र में पैकेजिंग, हॉस्पिटैलिटी, कैब सेवाएँ, ट्रैवल, इवेंट मैनेजमेंट, टेंट और सजावट जैसे क्षेत्रों ने ₹65,000 करोड़ का व्यापार जोड़ा, जिससे त्योहारी अर्थव्यवस्था का दायरा और भी व्यापक हुआ.

GST सुधारों से ग्राहकों का बढ़ा भरोसा

सर्वेक्षण में शामिल 72 प्रतिशत व्यापारियों ने सीधे तौर पर इस उच्च बिक्री के पीछे दैनिक उपयोग की वस्तुओं, फुटवियर, गारमेंट्स, कन्फेक्शनरी, होम डेकोर और उपभोक्ता टिकाऊ वस्तुओं पर घटाई गई जीएसटी दरों को कारण बताया. स्थिर मूल्य निर्धारण के साथ उपभोक्ताओं ने भी अधिक संतुष्टि व्यक्त की, जिससे त्योहारों के दौरान खरीदारी में निरंतरता बनी रही. व्यापारियों और उपभोक्ताओं दोनों का आर्थिक विश्वास दशक के उच्चतम स्तर पर है, जिससे पता चलता है कि यह बढ़ी हुई खपत का रुझान आगे भी टिकाऊ बना रहेगा.

रोजगार सृजन और ग्रामीण भागीदारी में उछाल

इस त्योहारी उत्साह से देश में लगभग 50 लाख अस्थायी नौकरियां पैदा हुईं, जिनमें लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग, परिवहन और खुदरा सेवाएँ शामिल हैं. यह दर्शाता है कि त्योहारी अर्थव्यवस्था केवल बिक्री तक ही सीमित नहीं है, बल्कि देश में रोजगार सृजन के लिए भी एक महत्वपूर्ण इंजन का काम करती है. इसके अतिरिक्त, ग्रामीण और अर्ध-शहरी भारत ने कुल व्यापार में 28 प्रतिशत का योगदान दिया, जो महानगरों से परे भी गहरी आर्थिक भागीदारी और क्रय शक्ति में वृद्धि का संकेत है.

CAIT ने उम्मीद जताई है कि यह त्योहारी तेजी सर्दियों, शादियों और आगामी त्योहारों के मौसम तक जारी रहेगी, जो देश के खुदरा क्षेत्र के लिए एक मजबूत और सकारात्मक दृष्टिकोण को दर्शाता है. इस रिकॉर्ड-तोड़ दिवाली कारोबार को भारतीय उद्यम में परंपरा, प्रौद्योगिकी और विश्वास के संगम का प्रतीक माना जा रहा है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-