जबलपुर. एमपी के जबलपुर स्थित जिला अस्पताल विक्टोरिया में निर्माण कार्य व मेडिकल बिलों के भुगतान में गड़बड़ी मामले में सिविल सर्जन डॉ नवनीत कोठारी ने 6 कर्मचारियों को नोटिस जारी कर 3 दिन में जवाब मांगा है. आरोप है कि इन कर्मचारियों ने जानकारी छिपाई और प्रबंधन को गुमराह किया. जबलपुर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) की टीम ने 16 अक्टूबर को अस्पताल में छापा मारकर 2009 से 2020 के दस्तावेज जब्त किए थे. जिनकी जांच में गड़बड़ी की पुष्टि हुई है.
ईओडब्ल्यू की टीम जब्त किए गए दस्तावेजों की विस्तार से जांच कर रही है. जिसमें अकाउंट सेक्शन के कर्मचारियों पर शिकंजा कसते दिख रहा है. उधर सिविल सर्जन डॉ कोठारी ने अकाउंट सेक्शन के कर्मचारी नोनेलाल पटेल, केके राजपूत, निरुपा परते, आलोक नगाइच व नीतेश राठौर को नोटिस दिए हैं. छापामार कार्रवाई के दौरान इनमें से सिर्फ नीतेश ने ईओडब्ल्यू टीम के सवालों का जवाब दिया था. अन्य कर्मचारी जवाब भी नहीं दे पाए. डॉ कोठारी का कहना है कि ईओडब्ल्यू द्वारा 2022 से जानकारी मांगी जा रही है.
17 बार पत्र भी लिखे पर इन कर्मचारियों ने ना ही जानकारी दी और ना ही वरिष्ठ अधिकारियों को बताया. वे कहते हैं कि नोटिस का जवाब न देने पर एकपक्षीय कार्रवाई की जाएगी. सूत्र बताते हैं कि इस जांच के जद में कई बड़े अधिकारी आ सकते हैं. ईओडब्ल्यू की टीम ने शिकायत के आधार पर 16 अक्टूबर को अस्पताल में छापा मारा था. ईओडब्ल्यू को दो शिकायतें मिली थीं. जिनमें 2009 से 2020 तक निर्माण कार्य और मेडिकल बिलों के भुगतान में गड़बड़ी के आरोप लगाए गए थे.
ईओडब्ल्यू ने अस्पताल प्रबंधन और स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित दस्तावेज मांगे थे. इसके लिए 17 बार पत्र लिखे गएए पर जानकारी नहीं दी गई. आखिर छापा मारना पड़ा. विक्टोरिया अस्पताल में फर्जी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने की शिकायत भी हुई थी. ये मुद्दा विधानसभा के मानसून सत्र में भी उठा था. जबलपुर के कांग्रेस विधायक लखन घनघोरिया ने आरोप लगाया था कि अस्पताल के एक अधिकारी की शैक्षणिक योग्यता फर्जी है. हालांकि सरकार ने इससे इनकार किया था.
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