जबलपुर। एमपी में अचानक आए मौसम में बदलाव का कारण है दक्षिण-पूर्वी अरब सागर में बने कम दबाव के क्षेत्र है। पिछले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर, जबलपुर संभाग सहित 12 जिलों में हल्की बारिश व गरज-चमक का दौर रहा। ऐसा ही मौसम अगले 4 दिन तक बने रहने की संभावना है।
मौसम विशेषज्ञों की माने तो यह सिस्टम आगे बढ़ रहा है। जिसके चलते प्रदेश में भी असर देखने को मिल सकता है। प्रदेश में मौसम बदला हुआ है। वहीं उत्तरी हिस्से में दो साइक्लोनिक सकुर्लेशन व वेस्टर्न डिस्टरबेंस भी सक्रिय है। अगले 4 दिन तक सिस्टम का दक्षिणी जिलों में असर देखने को मिल सकता है। आज बड़वानी, खरगोन, खंडवा, बुरहानपुर, बैतूल, पांढुर्णा व बालाघाट में बूंदाबांदी, आंधी व गरज-चमक वाला मौसम रहने के आसार है। 24, 25 व 26 अक्टूबर को इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर संभाग में असर दिखाई देगा। इससे पहले 24 घंटे के दौरान ग्वालियर, सागर, छतरपुर, नर्मदापुरम, हरदा, बुरहानपुर, रायसेन, बैतूल, जबलपुर, सिवनी, रीवा व छिंदवाड़ा में हल्की बारिश हुई। जबलपुर में दिवाली की रात भी पौन इंच पानी गिरा है।
नवंबर-जनवरी में पड़ेगी कड़ाके की ठंड-
मौसम विभाग के अनुसार नवंबर से कड़ाके की ठंड का दौर शुरू हो जाता है, जो जनवरी तक रहता है। इस बार फरवरी तक ठंड का असर रहने की संभावना है। मौसम वैज्ञानिकों का अनुमान है कि आने वाले सर्दियों के मौसम में 2010 के बाद सबसे भीषण ठंड का अहसास हो सकता है। सर्दियों के दौरान इस बार सामान्य से ज्यादा बारिश देखने को मिल सकती है। उत्तर-पश्चिम भारत के इलाकों में सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ अधिक संख्या में प्रभावित करेंगे। आईएमडी ने भी जल्द ही ला-नीना परिस्थितियां विकसित होने की पुष्टि की है




