काबुल. अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को बड़ा झटका देने की तैयारी कर ली है. तालिबान सरकार ने ऐलान किया है कि वह कुनार नदी पर बड़े पैमाने पर बांधों का निर्माण करेगी. तालिबान के सूचना उप मंत्री मुजाहिद फराही ने बताया कि जल एवं ऊर्जा मंत्रालय को तालिबान के सर्वोच्च नेता शेख हिबतुल्लाह अखुंदजादा से आदेश मिला है कि बिना किसी देरी के बांधों का निर्माण शुरू किया जाए.
यह फैसला पाकिस्तान के लिए चिंता का कारण बन गया है, क्योंकि कुनार नदी से पाकिस्तान के कई इलाकों में पानी की आपूर्ति होती है. तालिबान के ऊर्जा और जल मंत्रालय के प्रमुख मुल्ला अब्दुल लतीफ मंसूर ने कहा है कि अफगानिस्तान को अपने जल संसाधनों के प्रबंधन का पूरा अधिकार है. तालिबान के ऊर्जा और जल मंत्रालय ने कहा है कि अमीर अल-मुमिनिन ने निर्देश दिया है कि जल्द से जल्द कुनार नदी पर बांधों का निर्माण कार्य शुरू किया जाए. घरेलू कंपनियों को प्राथमिकता दी जाएगी और किसी विदेशी कंपनी का इंतजार नहीं किया जाएगा.
तीन बड़े बांधों में निवेश की जताई थी इच्छा
हालांकि अगस्त में एक रिपोर्ट में कहा गया था कि चीन की एक कंपनी ने कुनार नदी पर तीन बड़े बांधों में निवेश करने की इच्छा जताई थी. इन परियोजनाओं से करीब 2,000 मेगावाट बिजली उत्पादन संभव होगा. चीन की भागीदारी से यह मामला और अधिक संवेदनशील हो गया है, क्योंकि चीन पाकिस्तान का पुराना सहयोगी रहा है.
कई इलाकों में जल संकट की संभावना
कुनार नदी अफगानिस्तान और पाकिस्तान दोनों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है. यह नदी पाकिस्तान के चित्राल क्षेत्र से निकलकर अफगानिस्तान से होकर बहती है और फिर काबुल नदी से मिल जाती है. पाकिस्तान इस नदी के पानी का उपयोग खैबर पख्तूनख्वा में सिंचाई और बिजली उत्पादन के लिए करता है. अब अगर अफगानिस्तान बांध बनाता है, तो पाकिस्तान के कई इलाकों में जल संकट गहराने की संभावना है.
पाकिस्तान की बढ़ी मुश्किलें
तालिबान का यह फैसला ऐसे समय आया है जब पाकिस्तान पहले से भारत के सिंधु जल समझौते को लेकर परेशान है. भारत द्वारा अपने हिस्से का पानी रोकने के बाद अब अफगानिस्तान का कदम म बढ़ा सकता है. जनवरी में जब तालिबान ने इस नदी पर बांध निर्माण की योजना पेश की थी, तब पाकिस्तानी अधिकारियों ने इसे शत्रुतापूर्ण कदम बताया था. अब दोनों देशों के बीच संबंध और अधिक तनावपूर्ण हो गए हैं.
जल आपूर्ति को प्रभावित करने की कोशिश
अफगानिस्तान में पहले भी भारत की मदद से सलमा बांध (अफगान-इंडिया फ्रेंडशिप डैम) और 2021 में शहतूत बांध जैसी परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. पाकिस्तान आरोप लगाता रहा है कि भारत और अफगानिस्तान मिलकर उसकी जल आपूर्ति को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, तालिबान सरकार अब हेरात में पशदान बांध पर काम कर रही है, जो 45 मिलियन घन मीटर पानी संग्रहित करने की क्षमता रखता है और 13,000 हेक्टेयर भूमि की सिंचाई कर सकता है. वहीं अमू दरिया पर कोश टेप नहर परियोजना पर भी काम कर रही है जो कृषि उत्पादकता बढ़ाने की उसकी कोशिश का एक हिस्सा है. लेकिन अगर यह बांध परियोजना शुरू होती है, तो पाकिस्तान के लिए जल संकट और गहरा सकता है, क्योंकि दोनों देशों के बीच किसी प्रकार का जल समझौता मौजूद नहीं है.
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-




