दिल्ली से 14 हज़ार किलोमीटर दूर 3.5 लाख हिंदू आबादी वाले कैरेबियाई देश त्रिनिदाद में बनेगा अयोध्या जैसा भव्य राम मंदिर

दिल्ली से 14 हज़ार किलोमीटर दूर 3.5 लाख हिंदू आबादी वाले कैरेबियाई देश त्रिनिदाद में बनेगा अयोध्या जैसा भव्य राम मंदिर

प्रेषित समय :22:14:07 PM / Fri, Oct 24th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

त्रिनिदाद. भारत में अयोध्या का राम मंदिर भले ही हिंदू आस्था का सबसे बड़ा और नवीनतम केंद्र हो, लेकिन अब अयोध्या की आध्यात्मिक ऊर्जा दुनिया के दूसरे कोनों तक फैल रही है. दिल्ली से लगभग 14 हज़ार किलोमीटर दूर, कैरेबियाई सागर में स्थित एक छोटा सा देश त्रिनिदाद एंड टोबैगो भी अपने यहाँ अयोध्या जैसा भव्य राम मंदिर बनाने की तैयारी कर रहा है. इस देश की कुल आबादी महज़ 14 लाख है, जिसमें ईसाइयों की जनसंख्या 65 प्रतिशत है, लेकिन लगभग 3.5 लाख हिंदू आबादी वाला यह देश अब खुद को हिंदू धर्म के एक बड़े सांस्कृतिक और आध्यात्मिक केंद्र के रूप में स्थापित करना चाहता है.

एएनआई की रिपोर्ट के अनुसार, त्रिनिदाद एंड टोबैगो के सार्वजनिक उपयोगिता मंत्री बैरी पदारथ ने इस भव्य परियोजना की घोषणा की है. उन्होंने बताया कि इस संबंध में धार्मिक नेताओं के साथ विस्तृत चर्चा की गई है और सरकार इस राम मंदिर परियोजना के पक्ष में है. मंत्री ने कहा कि सरकारी अधिकारी मंदिर प्रोजेक्ट को आगे बढ़ाने के लिए पूरी सक्रियता से काम कर रहे हैं. इस पहल को त्रिनिदाद एंड टोबैगो के प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर का समर्थन प्राप्त है, जो स्वयं भारतीय मूल की नेता हैं.

त्रिनिदाद एंड टोबैगो को अक्सर अनौपचारिक रूप से 'रामायण कंट्री' भी कहा जाता है. सैकड़ों साल पहले ब्रिटिश भारत से लाए गए हज़ारों गिरमिटिया मज़दूरों के वंशज आज भी यहाँ हिंदू धर्म की परंपराओं को पीढ़ी दर पीढ़ी सहेज कर रखे हुए हैं. मंत्री पदारथ ने ज़ोर देकर कहा कि 19वीं सदी से ही यहाँ हिन्दू धर्म की परंपराओं को आगे बढ़ाया जा रहा है और आज भी घरों में भागवत कथा और रामायण पाठ पूरे भक्ति भाव से किए जाते हैं. भले ही यहाँ हिंदू जनसंख्या कम हो, लेकिन हिंदू रीति-रिवाज और परंपराएं यहाँ के जनमानस में गहरी रची-बसी हैं.

यह पहल तब और मज़बूत हुई, जब 'ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ राम मंदिर इन न्यूयॉर्क' के संस्थापक प्रेम भंडारी ने यहाँ एक 'अयोध्या नगरी' बनाने का प्रस्ताव सौंपा. भंडारी का प्रस्ताव है कि यह मंदिर परिसर उत्तरी अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्र में रहने वाले हिंदू भक्तों के लिए एक बड़ा आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बन सकता है, विशेषकर उन लोगों के लिए जो भगवान राम का दर्शन करने के लिए अयोध्या नहीं जा सकते.

इस परियोजना ने मई 2025 में उस समय गति पकड़ी, जब अयोध्या राम मंदिर से मिलती-जुलती रामलला की मूर्ति की प्रतिकृति त्रिनिदाद लाई गई थी. अयोध्या श्री राम आर्गेनाइजेशन के चेयरपर्सन प्रेम भंडारी और अमित अलघ ने इस अवसर पर एक भव्य समारोह आयोजित किया था. पोर्ट ऑफ स्पेन में रामलला के दर्शन के लिए उस वक्त 10 हज़ार से ज़्यादा भक्त जमा हुए थे. इस अभूतपूर्व उत्साह ने सरकार को यह विश्वास दिलाया कि यह परियोजना देश में धार्मिक पर्यटन को भी बड़ा बढ़ावा देगी.

त्रिनिदाद एंड टोबैगो सरकार ने यह बड़ा ऐलान दिवाली के वक्त किया है, जो इस देश में भी सार्वजनिक अवकाश के रूप में मनाई जाती है. यह समय भगवान राम के आदर्शों को घर-घर पहुँचाने और आत्मसात करने के उनके उद्देश्य को रेखांकित करता है. सरकार ने यह भी सूचित किया है कि राम मंदिर परियोजना को आगे बढ़ाने के लिए अगले कुछ महीनों के भीतर एक पूरा खाका (roadmap) पेश किया जाएगा.

भारत में अयोध्या राम मंदिर का भूमि पूजन 5 अगस्त 2020 को हुआ था और 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्य यजमान बनकर इसका उद्घाटन किया था. इस मंदिर निर्माण में लगभग 2 हज़ार करोड़ रुपये खर्च हुए हैं और उत्तर प्रदेश सरकार ने अयोध्या के कायाकल्प पर भी हज़ारों करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है. इसी विशाल और भव्य आध्यात्मिक विरासत से प्रेरित होकर, अब त्रिनिदाद एंड टोबैगो भी अपने इतिहास और परंपराओं को एक आधुनिक और भव्य आध्यात्मिक केंद्र के माध्यम से दुनिया के सामने प्रस्तुत करने की तैयारी में है. यह कदम वैश्विक स्तर पर हिंदू धर्म के विस्तार और सांस्कृतिक जुड़ाव को मज़बूती प्रदान करेगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-