छत्तीसगढ़ के कांकेर में नक्सलियों ने मचाया आतंक, दो युवकों की बेरहमी से की हत्या

छत्तीसगढ़ के कांकेर में नक्सलियों ने मचाया आतंक, दो युवकों की बेरहमी से की हत्या

प्रेषित समय :16:57:50 PM / Sat, Oct 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

कांकेर. छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले से नक्सलियों की बर्बरता का ताजा मामला सामने आया है. जिले के उसूर ब्लॉक में नक्सलियों ने दो युवकों की बेरहमी से हत्या कर दी. दोनों को पुलिस मुखबिरी के आरोप में मौत के घाट उतारा गया. इस घटना से क्षेत्र में दहशत फैल गई है और ग्रामीणों में भय का माहौल है. यह मामला कांकेर जिले के उसूर ब्लॉक का है.

पुलिस के अनुसार मृतकों की पहचान रवि पट्टम और रवि सोढ़ी के रूप में की गई है. दोनों ही युवक इसी गांव के निवासी थे. सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. इससे पहले भी ऐसी कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं.

पुलिस ने घटना के बारे में यह बताया

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक चंद्रकांत वर्मा ने बताया कि घटना की जांच शुरू कर दी गई है और इलाके में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है. सुरक्षा बलों को आसपास के जंगलों में तलाशी अभियान पर भेजा गया है. राज्य सरकार ने कहा है कि दोषियों को जल्द पकड़ा जाएगा और प्रभावित गांवों में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया जाएगा. पुलिस का कहना है कि नक्सली संगठन अक्सर ग्रामीणों को डराने के लिए इस तरह की घटनाएं अंजाम देते हैं ताकि कोई भी पुलिस को सहयोग न करे. गांव के लोगों ने सरकार से मांग की है कि पीडि़त परिवारों को आर्थिक मदद दी जाए और इलाके में सुरक्षा व्यवस्था मजबूत की जाए.

हाल ही में 170 माओवादियों ने किया आत्मसमर्पण

अभी हाल ही में छत्तीसगढ़ में 170 माओवादियों ने आत्मसमर्पण कर दिया. हथियार डालने वाले 170 माओवादी कथित तौर पर औपचारिक आत्मसमर्पण के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के समक्ष पेश हुए. अधिकारियों ने बताया कि इस समूह में कई वरिष्ठ कार्यकर्ता शामिल हैं जो मध्य भारत के उग्रवादी क्षेत्रों में सक्रिय रहे हैं.

माओवादियों का बम निर्माता भी था शामिल

आत्मसमर्पण करने वालों में 59 वर्षीय तक्कलापल्ली वासुदेव राव जिसे रूपेश भी कहा जाता है वह भी शामिल है, जिसे माओवादियों का बम निर्माता बताया जाता है और जो आखिरी बार छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ में सक्रिय था. खुफिया रिकॉर्ड उसे 2 दिसंबर, 2000 को तत्कालीन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू पर हुए हमले और 1999 में राजनीतिक और पुलिस अधिकारियों की हत्याओं से भी जोड़ते हैं.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-