इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों से छेड़छाड़ की घटना पर बीसीसीआई की कड़ी प्रतिक्रिया, बोला-देश की बदनामी

इंदौर में ऑस्ट्रेलियाई महिला क्रिकेटरों से छेड़छाड़ की घटना पर बीसीसीआई की कड़ी प्रतिक्रिया, बोला-देश की बदनामी

प्रेषित समय :19:06:21 PM / Sat, Oct 25th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

इंदौर. आईसीसी महिला क्रिकेट विश्व कप में हिस्सा ले रही ऑस्ट्रेलियाई टीम की दो खिलाड़ियों के साथ हुई छेड़छाड़ की घटना ने खेल जगत और देश दोनों को झकझोर दिया है. इस घटना पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए इसे “बेहद दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और कहा कि इस तरह की घटनाएं देश की साख को ठेस पहुंचाती हैं.

जानकारी के अनुसार, यह घटना गुरुवार सुबह इंदौर के खजराना रोड क्षेत्र में हुई, जब ऑस्ट्रेलियाई टीम की दो खिलाड़ी अपने होटल से पास के एक कैफ़े तक जाने के लिए निकली थीं. इसी दौरान एक बाइक सवार युवक ने उनका पीछा करना शुरू कर दिया और कथित तौर पर उनमें से एक खिलाड़ी से छेड़छाड़ की. घटना के बाद आरोपी वहां से फरार हो गया. खिलाड़ियों ने तुरंत अपने टीम सुरक्षा अधिकारी डैनी सिमंस को घटना की सूचना दी, जिन्होंने स्थानीय सुरक्षा अधिकारियों से संपर्क कर आवश्यक सहायता की व्यवस्था की.

शिकायत मिलने के बाद पुलिस हरकत में आई. सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) हिमानी मिश्रा ने दोनों खिलाड़ियों से मुलाकात कर उनके बयान दर्ज किए और कानूनी कार्रवाई शुरू की. पुलिस ने मामला एमआईजी थाने में दर्ज किया है. भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 74 (स्त्री की मर्यादा भंग करने के लिए आपराधिक बल का प्रयोग) और धारा 78 (पीछा करने का अपराध) के तहत एफआईआर दर्ज की गई.

पुलिस ने बताया कि एक राहगीर ने आरोपी की मोटरसाइकिल का नंबर नोट कर लिया था, जिससे उसकी पहचान करना आसान हुआ. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए आरोपी अकील खान को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. गिरफ्तारी के दौरान आरोपी ने भागने की कोशिश की, जिसमें उसे हल्की चोटें आईं. पुलिस के अनुसार, अकील खान के खिलाफ पहले भी आपराधिक मामले दर्ज हैं और अब मामले की आगे जांच की जा रही है.

घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए बीसीसीआई उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने कहा, “यह पूरी घटना बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इसकी निंदा करते हैं. बीसीसीआई और स्थानीय प्रशासन मिलकर भविष्य में ऐसी किसी भी अप्रिय स्थिति को रोकने के लिए आवश्यक सावधानियां बरतेंगे. पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए आरोपी को गिरफ्तार किया है.”

वहीं, बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया ने भी घटना की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल देश बल्कि भारतीय खेलों की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाती हैं. उन्होंने मध्य प्रदेश पुलिस की त्वरित कार्रवाई की सराहना करते हुए कहा, “यह बेहद शर्मनाक घटना है. इस तरह की घटनाएं देश की छवि को धूमिल करती हैं. हम राज्य पुलिस के प्रति आभारी हैं जिन्होंने तुरंत कदम उठाया और आरोपी को पकड़ा. कानून अपना काम करेगा और दोषी को उचित सजा मिलेगी.”

इस घटना ने क्रिकेट जगत में चिंता की लहर दौड़ा दी है. ऑस्ट्रेलियाई टीम के प्रबंधन ने भी स्थानीय सुरक्षा व्यवस्था को लेकर चिंता जताई है. टीम के सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक रूप से संभालने और उनके आत्मविश्वास को बनाए रखने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं. बीसीसीआई ने यह भी आश्वासन दिया है कि विदेशी खिलाड़ियों की सुरक्षा के मानकों की समीक्षा की जाएगी और जरूरत पड़ने पर स्थानीय प्रशासन के साथ समन्वय बढ़ाया जाएगा.

खेल प्रेमियों और आम नागरिकों में भी इस घटना को लेकर गुस्सा और शर्म की भावना है. सोशल मीडिया पर लोगों ने पुलिस की तत्परता की सराहना करते हुए आरोपी को सख्त सजा देने की मांग की है. कई लोगों ने यह भी कहा कि इस तरह की घटनाएं न केवल महिलाओं की सुरक्षा पर सवाल उठाती हैं बल्कि भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को भी नुकसान पहुंचाती हैं.

इंदौर, जो देश के सबसे स्वच्छ और व्यवस्थित शहरों में से एक माना जाता है, अब इस शर्मनाक घटना के कारण चर्चा में है. स्थानीय प्रशासन और नागरिक संगठनों ने विदेशी खिलाड़ियों और पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर जागरूकता अभियान चलाने का निर्णय लिया है. वहीं, महिला सुरक्षा से जुड़ी व्यवस्थाओं की समीक्षा भी शुरू कर दी गई है.

इस पूरे प्रकरण ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या देश में महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हमारी व्यवस्था पर्याप्त है. बीसीसीआई की सख्त प्रतिक्रिया और पुलिस की तेज़ कार्रवाई ने भले ही राहत दी हो, लेकिन यह घटना एक बार फिर इस सच्चाई को उजागर करती है कि खेल के मैदान से बाहर भी खिलाड़ियों की सुरक्षा उतनी ही जरूरी है जितनी मैदान के अंदर.

इंदौर की यह घटना केवल दो विदेशी खिलाड़ियों के साथ हुई छेड़छाड़ की नहीं, बल्कि उस सोच के खिलाफ चेतावनी है जो महिलाओं की गरिमा और सुरक्षा को हल्के में लेती है. उम्मीद की जानी चाहिए कि दोषी को जल्द सजा मिले और यह मामला समाज के लिए एक मिसाल बने कि किसी भी महिला—चाहे वह खिलाड़ी हो या आम नागरिक—के साथ दुर्व्यवहार करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-