वाशिंगटन. अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के पूर्व अधिकारी जॉन किरियाकू ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया है. उन्होंने बताया है कि खूंखार आतंकी संगठन अल-कायदा का संस्थापक और एक समय अमेरिका का सबसे वांछित आतंकी रहा ओसामा बिन लादेन अफगानिस्तान की तोरा-बोरा की पहाडिय़ों से महिला के वेश में पाकिस्तान भागा था.
जॉन किरियाकू ने बताया कि अमेरिकी सेना के सेंट्रल कमांड के कमांडर का अनुवादक असल में अल कायदा का ऑपरेटिव था और उसी ने ओसामा बिन लादने को भागने में मदद की थी. किरियाकू ने बताया कि हमें नहीं पता था कि हमारी सेंट्रल कमांड के कमांडर का अनुवादक अल कायदा का आतंकी था, जिसने अमेरिकी सेना में घुसपैठ कर रखी थी. जब हमें पता चला कि लादेन घिर चुका है तो हमने उसे उसी अनुवादक के जरिए पहाडिय़ों से नीचे आने को कहा. इस पर अल कायदा की तरफ से महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित निकलने देने और आत्मसमर्पण के लिए सुबह तक का समय देने की मांग की गई. उस अनुवादक ने हमारे कमांडर को इसके लिए मना लिया, लेकिन इस बीच लादेन अंधेरे का फायदा उठाकर और महिला के वेश में बुर्के में छिपकर वहां से भागने में सफल रहा और पाकिस्तान पहुंच गया.
पूर्व सीआईए अधिकारी ने बताया कि जब दिन निकल गया तो हमें पता चला कि तोरा-बोरा की पहाडिय़ों में कोई नहीं था. सभी आतंकी भाग चुके थे. इसलिए हमने अपनी लड़ाई को पाकिस्तान में लडऩे का फैसला किया. अमेरिका ने बाद में साल 2011 में 9/11 के आतंकी हमले के मास्टरमाइंड ओसामा बिन लादेन को पाकिस्तान के एबटाबाद में एक ऑपरेशन चलाकर ढेर कर दिया था. जिसके बाद पाकिस्तान और आतंकियों के गठजोड़ का पूरी दुनिया के सामने खुलासा हुआ था.
मुशर्रफ द्वारा पेंटागन को सौंप दिया था पाक के परमाणु हथियारों का नियंत्रण
किरियाकू ने ये भी दावा किया कि जब वे साल 2002 में पाकिस्तान में सीआईए के आतंकरोधी ऑपरेशंस के प्रमुख के तौर पर तैनात थे, तब उन्हें औपचारिक रूप से बताया गया था पाकिस्तान के परमाणु हथियारों का नियंत्रण पेंटागन के पास है. उनका कहना था कि मुशर्रफ ने डर के चलते यह नियंत्रण अमेरिका को सौंप दिया था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि पिछले दो दशकों में पाकिस्तानी सेना ने इसे सिरे से नकारा है. किरियाकू ने कहा कि अगर अब पाकिस्तानी सेना के पास परमाणु हथियारों का नियंत्रण है, तो यह स्थिति बेहद खतरनाक है.
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