रांची. छठ महापर्व की तैयारियों के बीच झारखंड में दुखद हादसों ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है. पलामू, हजारीबाग और सिमडेगा जिलों में डूबने की अलग-अलग घटनाओं में कुल 8 लोगों की मौत हो गई. त्योहार की खुशियां अचानक शोक में बदल गई, जिससे कई परिवारों में मातम छा गया. पलामू जिले के हुसैनाबाद थाना क्षेत्र के पोखराही गांव में सोन नदी में नहाने गए तीन युवकों की मौत हो गई.
मृतकों की पहचान अंकुश पासवान (22), आदर्श चंद्रवंशी (22) और रजनीश चंद्रवंशी (23) के रूप में हुई है. अंकुश अपने ससुराल पोखराही आया था जहां छठ का आयोजन चल रहा था. खरना के दिन तीनों युवक स्नान के लिए नदी में उतरे थे लेकिन तेज बहाव में बह गए. गांव वालों और पुलिस ने शवों को बाहर निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया.
बच्चियों की भी हुई मौत
वहीं हजारीबाग जिले के केरेडारी थाना क्षेत्र के बेला गांव में दो बच्चियों की तालाब में डूबकर मौत हो गई. परिजनों के अनुसार, बच्चियां छठ की तैयारी के दौरान नहाने गई थीं. फिसलकर गहरे पानी में जाने से दोनों की डूबकर मौत हो गई. आसपास के लोगों ने उन्हें बचाने की कोशिश की लेकिन वे सफल नहीं हो सके. अस्पताल ले जाने पर डॉक्टरों ने दोनों को मृत घोषित कर दिया.
ऐसे हुआ हादसा
सिमडेगा जिले के बानो थाना क्षेत्र में भी तीन मासूम बच्चियां तालाब में डूब गईं. बच्चियां स्नान करने के लिए पानी में उतरी थीं लेकिन गहराई ज्यादा होने के कारण अंदाजा नहीं लगा पाईं और हादसा हो गया. इस घटना के बाद पूरे इलाके में शोक और आक्रोश का माहौल है. ग्रामीणों ने कहा कि प्रशासन ने घाटों पर सुरक्षा के दावे तो किए थे लेकिन गांवों में एहतियाती इंतजाम न के बराबर किए गए थे.
स्थानीय लोगों ने की प्रशासन से अपील
स्थानीय लोगों ने प्रशासन से अपील की है कि दूरदराज इलाकों में भी गोताखोर और सुरक्षा बलों की तैनाती की जाए ताकि भविष्य में ऐसे दर्दनाक हादसे दोबारा न हों. छठ जैसे पवित्र पर्व पर हुई इन मौतों ने पूरे झारखंड को गहरे दुख में डाल दिया है.
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