वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का दूसरा रैक खजुराहो पहुंचा, ट्रायल रन शुरू, जल्द दो ट्रेनें एक साथ होंगी सेवा में शामिल

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का दूसरा रैक खजुराहो पहुंचा, ट्रायल रन शुरू, जल्द दो ट्रेनें एक साथ होंगी सेवा में शामिल

प्रेषित समय :22:25:10 PM / Mon, Oct 27th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने अपनी महत्वाकांक्षी वंदे भारत स्लीपर ट्रेन परियोजना में एक और मील का पत्थर स्थापित कर दिया है। इस अत्याधुनिक ट्रेन का दूसरा रैक (सेट) हाल ही में मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक शहर खजुराहो पहुंच गया है, जिसके तुरंत बाद अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (RDSO) ने इसका अनिवार्य परीक्षण (ट्रायल रन) शुरू कर दिया है। यह कदम देश में प्रीमियम यात्री अनुभव को एक नए स्तर पर ले जाने की रेलवे की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, खासकर लंबी दूरी की यात्राओं के लिए। रेलवे की योजना इन दोनों वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों को एक साथ सेवा में उतारने की है, जिसके लिए रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि दूसरी ट्रेन पूरी तरह से नियमित सेवा के लिए तैयार होने के बाद ही लॉन्चिंग होगी।

उत्पादन और डिलीवरी की रफ्तार

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का यह दूसरा रैक बीईएमएल (BEML) द्वारा इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) की तकनीक का उपयोग करके निर्मित किया गया है। बीईएमएल ने इस महीने की शुरुआत में ही इस रैक को चेन्नई स्थित इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) को वितरित कर दिया था, जिसके बाद इसे सीधे मध्य प्रदेश के खजुराहो तक पहुंचाया गया। यह तेजी से हो रही डिलीवरी और कमीशनिंग प्रक्रिया दर्शाती है कि रेलवे इस नई पीढ़ी की स्लीपर ट्रेनों को जल्द से जल्द पटरियों पर उतारने के लिए कितना गंभीर है।

ट्रायल रन की अनिवार्यता और उद्देश्य

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन के अंतिम रूप से यात्री सेवा में शामिल होने से पहले आरडीएसओ द्वारा ट्रायल रन करना एक अनिवार्य और महत्वपूर्ण कदम है। इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (ICF) के महाप्रबंधक यू सुब्बा राव ने पहले ही पुष्टि की थी कि बीईएमएल द्वारा आपूर्ति किए गए दूसरे रैक का रोलआउट से पहले अनिवार्य परीक्षण होगा। महाप्रबंधक ने बताया था कि "ट्रायल रन जल्द ही शुरू होगा। यह ट्रेन के अंतिम कमीशनिंग के लिए एक आवश्यक कदम है और इसे अनुसंधान अभिकल्प और मानक संगठन (RDSO) द्वारा आयोजित किया जाएगा।" इस परीक्षण में ट्रेन की सुरक्षा, गति, ब्रेकिंग दक्षता, यात्री आराम और नई तकनीकी प्रणालियों का कठोर मूल्यांकन किया जाता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि यह भारतीय रेलवे नेटवर्क पर उच्च मानकों पर खरा उतरता है।

यात्री अनुभव में क्रांति

वंदे भारत स्लीपर ट्रेनें मौजूदा राजधानी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों की तुलना में अधिक गति, आराम और उन्नत यात्री सुविधाओं की पेशकश करेंगी। वंदे भारत प्लेटफॉर्म की सफलता के बाद स्लीपर संस्करण रात भर की लंबी यात्राओं को एक नया आयाम देगा। इन ट्रेनों में आधुनिक बोगी डिज़ाइन, बेहतर ध्वनि इन्सुलेशन, उच्च गति के लिए उन्नत कर्षण प्रणालियाँ, और बेहतरीन आंतरिक सज्जा होने की उम्मीद है, जो यात्रियों को एक विश्व स्तरीय अनुभव प्रदान करेगी। इस ट्रेन में वातानुकूलित (AC) कोच होंगे और यह भारतीय इंजीनियरिंग का एक बेहतरीन नमूना है।

प्रारंभिक रूट की अटकलें

हालांकि रेलवे ने अभी तक वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के आधिकारिक रूट की घोषणा नहीं की है, लेकिन दूसरा रैक खजुराहो पहुंचने से रूट को लेकर अटकलें तेज हो गई हैं। खजुराहो मध्य प्रदेश का एक प्रमुख पर्यटन और सांस्कृतिक केंद्र है, जो दिल्ली, मुंबई या अन्य बड़े शहरों से जुड़ने पर पर्यटन को जबरदस्त बढ़ावा दे सकता है। शुरुआती चर्चाओं में दिल्ली-मुंबई, दिल्ली-हावड़ा, और अन्य व्यस्त मार्गों के लिए इन ट्रेनों के परिचालन की संभावना जताई जा रही थी। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि ट्रायल रन पूरा होने के बाद रेलवे किन दो महत्वपूर्ण मार्गों का चयन करता है, जहाँ इन दोनों ट्रेनों को एक साथ हरी झंडी दी जाएगी। रेलवे की रणनीति है कि पहले इन ट्रेनों को उन मार्गों पर चलाया जाए जहाँ यात्रियों की मांग और लंबी दूरी की प्रीमियम यात्रा की आवश्यकता सबसे अधिक है।

वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का आना भारतीय रेलवे के आधुनिकीकरण के एजेंडे में एक महत्वपूर्ण प्रगति है और यह देश के यात्रा क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव ला सकता है। अब सभी की निगाहें आरडीएसओ के ट्रायल रन की रिपोर्ट और रेल मंत्रालय की आधिकारिक घोषणा पर टिकी हैं, जिसके बाद देश को एक साथ दो नई स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों का तोहफा मिलेगा।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-