एमपी कैबिनेट का निर्णय: अब खेतों से हाईटेंशन लाइन निकलने और टावर लगाने पर किसानों को मिलेगा 3 गुना मुआवजा

एमपी कैबिनेट का निर्णय: अब खेतों से हाईटेंशन लाइन निकलने और टावर लगाने पर किसानों को मिलेगा 3 गुना मुआवजा

प्रेषित समय :19:49:33 PM / Tue, Oct 28th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

भोपाल. मध्य प्रदेश सरकार ने किसानों को बड़ी राहत दी है. अब खेतों से 132 और इससे ज्यादा पावर की बिजली लाइन निकलने पर किसानों को करीब 3 गुना मुआवजा दिया जाएगा. मुआवजा दिए जाने के बाद भी किसानों का मालिकाना हक भी नहीं छिनेगा. साथ ही किसान इस जमीन पर खेती भी कर सकेंगे. मुख्यमंत्री मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में इसको लेकर निर्णय लिया गया.

खेतों से बिजली की हाईटेंशन लाइन निकलने और बिजली का टावर लगने पर किसानों को परेशानी होती है. क्योंकि इसके एवज में मिलने वाला मुआवजा कम होता है. लेकिन अब राज्य सरकार ने मुआवजा राशि को 3 गुना तक बढ़ा दिया है. नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कैबिनेट में हुए निर्णय के बारे में बताया 132 केवी की बिजली लाइन खेतों के ऊपर से जाती है, ऐसी स्थिति में किसानों को बहुत नुकसान होता था. अब राज्य सरकार ने तय किया है कि 132 केवी का जो टावर किसान के खेत में लगेगा तो अब सरकार कलेक्टर गाइडलाइन पर 200 फीसदी तक की राशि देगी. अभी तक यह कलेक्टर गाइडलाइन के 85 फीसदी की राशि दी जाती है.

राज्य सरकार ने तय किया है कि खेत में टावर लगने पर आसपास 2-2 मीटर तक की जमीन की भी क्षतिपूर्ति दी जाएगी. इसी तरह जिस खेत से 132 केवी की लाइन गुजरेगी, उसके लिए भी किसानों के मुआवजा की राशि बढ़ाई जाएगी. अब किसानों को कलेक्टर गाइडलाइन की 30 फीसदी राशि दी जाएगी. अभी तक यह राशि 15 फीसदी दी जाती थी.

इतना मिलेगा मुआवजा

- 132 केवी की लाइन खेत से गुजरने पर अब दोनों तरफ मिलाकर 28 मीटर का मुआवजा किसानों को दिया जाएगा.
- 220 केवी की लाइन खेत से गुजरने पर अब दोनों तरफ मिलाकर 35 मीटर का मुआवजा दिया जाएगा.
- 440 केवी की लाइन खेत से गुजरने पर 52 मीटर का मुआवजा किसानों को दिया जाएगा.

मकान खाली न करना पड़ेगा महंगा

रिटायर्ड होने के बाद भी सरकारी मकान खाली न करना अब कर्मचारी अधिकारियों की जेब पर बेहद भारी पड़ेगा. कैबिनेट की बैठक में निर्णय लिया गया है कि कर्मचारी के रिटायर्ड होने के बाद 6 माह तक मकान खाली करने की समय सीमा निर्धारित है. अब तय किया गया है कि यह समय सीमा खत्म होने के बाद 3 माह के लिए समय सीमा और बढ़ाई जा सकती है, लेकिन इसके बाद भी यदि कर्मचारी अधिकारी मकान खाली नहीं करते तो 3 माह तक किराए का 10 गुना पेनल्टी लगाई जाएगी. इसके बाद भी मकान खाली नहीं किया तो 30 गुना पेनल्टी देनी होगी. मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कई बार कर्मचारी मकान खाली नहीं करते और इस वजह से दूसरे कर्मचारियों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-