गांधीनगर (व्हाट्सएप- 8875863494). राष्ट्रीय न्यायालयिक विज्ञान विश्वविद्यालय (NFSU) में इस वर्ष "सतर्कता: हमारी साझा जिम्मेदारी" विषय पर केंद्रित "सतर्कता जागरूकता सप्ताह-2025" मनाया जा रहा है. इस मौके पर, विश्वविद्यालय के संस्थापक कुलपति और पद्मश्री से सम्मानित डॉ. जे.एम. व्यास ने अपने अध्यक्षीय भाषण में नैतिकता और न्यायपूर्ण समाज की स्थापना पर ज़ोर दिया.
डॉ. व्यास ने कहा कि ईमानदारी एक जन्मजात मानवीय गुण है और यह "एक न्यायपूर्ण समाज का एक महत्वपूर्ण आधार है." उन्होंने छात्रों और कर्मचारियों से अपराध और भ्रष्टाचार से दूर रहने और सद्गुणों को अपनाने का आग्रह किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि भ्रष्टाचार तब उत्पन्न होता है जब लोग अपनी इच्छाओं को अवैध तरीके से पूरा करने का प्रयास करते हैं. इसे रोकने के लिए आत्म-अनुशासन और व्यक्तिगत इच्छाओं पर नियंत्रण आवश्यक है.
सप्ताह के दौरान, एस.के. सरीन, सलाहकार (सतर्कता)-एनएफएसयू ने "निवारक सतर्कता और भ्रष्टाचार निवारण (संशोधन) अधिनियम, 2018" पर एक विशेष व्याख्यान दिया. उन्होंने भ्रष्टाचार से निपटने के लिए कानूनी ढाँचे और सक्रिय रणनीतियों के बारे में बताया.
एनएफएसयू-गांधीनगर के परिसर निदेशक प्रो. (डॉ.) एस.ओ. जुनारे ने भी सभी को संबोधित करते हुए ईमानदारी की संस्कृति को बढ़ावा देने की एनएफएसयू की अटूट प्रतिबद्धता को दोहराया. उन्होंने कहा कि यह आयोजन नैतिक आचरण को मजबूत करने के साथ-साथ भ्रष्टाचार मुक्त भारत के निर्माण के राष्ट्रीय मिशन में भी योगदान दे रहा है.
इस कार्यक्रम में एनएफएसयू के संकाय सदस्य और कर्मचारियों ने राजभाषा हिंदी में सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी बनाए रखने की शपथ भी ली.
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