भारतीय प्रवासियों के लिए अब यूएई में चिपयुक्त ई-पासपोर्ट की सुविधा, पुराना पासपोर्ट अभी भी मान्य

भारतीय प्रवासियों के लिए अब यूएई में चिपयुक्त ई-पासपोर्ट की सुविधा, पुराना पासपोर्ट अभी भी मान्य

प्रेषित समय :21:12:35 PM / Wed, Oct 29th, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

अबू धाबी/दुबई. भारतीय प्रवासियों के लिए एक नई सुविधा की शुरुआत करते हुए भारत सरकार ने यूएई में चिप-युक्त ई-पासपोर्ट (ePassport) की प्रक्रिया को औपचारिक रूप से लागू कर दिया है। इस तकनीकी रूप से उन्नत दस्तावेज़ को अब ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर प्राप्त किया जा सकता है। हालांकि, विदेश मंत्रालय (MEA) ने स्पष्ट किया है कि पुराने सामान्य पासपोर्ट फिलहाल पूरी तरह वैध हैं, और धारकों को अभी तुरंत उन्हें बदलने की आवश्यकता नहीं है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार द्वारा जारी सभी मौजूदा पासपोर्ट उनकी वैधता अवधि तक मान्य रहेंगे। मंत्रालय ने बताया कि जैसे-जैसे विभिन्न पासपोर्ट कार्यालय तकनीकी रूप से ई-पासपोर्ट जारी करने में सक्षम होते जाएंगे, वैसे-वैसे संबंधित कार्यालयों से आवेदन करने वाले नागरिकों को नया ई-पासपोर्ट उपलब्ध कराया जाएगा।

भारत में ई-पासपोर्ट परियोजना चरणबद्ध रूप से लागू की जा रही है, जिसके अंतर्गत अब देश के सभी पासपोर्ट कार्यालयों और विदेशी मिशनों को शामिल किया जा रहा है। यूएई स्थित भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावासों ने भी पायलट परियोजना के सफल परीक्षण के बाद इसका औपचारिक संचालन शुरू कर दिया है।

ई-पासपोर्ट एक ऐसा दस्तावेज़ है जिसमें पारंपरिक पासपोर्ट की तरह कागज़ी स्वरूप तो रहता है, लेकिन इसके अंदर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) चिप और एंटीना लगा होता है। इसमें पासपोर्ट धारक की व्यक्तिगत जानकारी और बायोमेट्रिक डेटा सुरक्षित रूप से संग्रहित रहता है। यह चिप पासपोर्ट की पहचान को वैश्विक स्तर पर त्वरित और सुरक्षित तरीके से सत्यापित करने में सक्षम बनाती है।

ई-पासपोर्ट के कवर पर नीचे की ओर सुनहरे रंग का एक छोटा प्रतीक अंकित होता है, जो इसके इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप को दर्शाता है। इसके अलावा पासपोर्ट नंबरिंग प्रणाली भी बदली गई है — अब इसमें दो अक्षरों के बाद छह अंकों का क्रम होगा, जबकि पुराने पासपोर्ट में एक अक्षर और सात अंक का क्रम होता था।

इस नई व्यवस्था का सबसे बड़ा लाभ सुरक्षा और विश्वसनीयता के स्तर में वृद्धि है। विदेश मंत्रालय के अनुसार, ई-पासपोर्ट में दर्ज जानकारी न केवल मुद्रित रूप में उपलब्ध होती है, बल्कि चिप में डिजिटल रूप से हस्ताक्षरित भी रहती है। यह प्रणाली पब्लिक की इन्फ्रास्ट्रक्चर (PKI) तकनीक पर आधारित है, जो डेटा की गोपनीयता और सत्यापन सुनिश्चित करती है। इससे पासपोर्ट की जालसाजी, फर्जीवाड़े और पहचान की चोरी जैसी समस्याओं पर रोक लगेगी, साथ ही अंतरराष्ट्रीय इमिग्रेशन जांच और तेज़ होगी।

भारतीय प्रवासी अब mPassport Seva Programme (GPSP 2.0) के तहत नए पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट https://mportal.passportindia.gov.in/gpsp पर पंजीकरण कर आवेदन फॉर्म भरा जा सकता है। आवेदन सबमिट करने के बाद, उम्मीदवारों को यूएई में स्थित BLS International केंद्रों पर अपॉइंटमेंट बुक करनी होगी, जहाँ वे आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ सत्यापन हेतु जा सकेंगे।

भारतीय दूतावास और वाणिज्य दूतावास ने बताया है कि आवेदक अब अपनी आईसीएओ (ICAO) मानक के अनुरूप फोटो, हस्ताक्षर और दस्तावेज़ ऑनलाइन अपलोड कर सकते हैं। इससे बीएलएस केंद्रों पर प्रतीक्षा समय कम होगा। आवेदकों से अनुरोध किया गया है कि वे पहले से वेबसाइट पर उपलब्ध फोटो गाइडलाइन को ध्यानपूर्वक पढ़ें, क्योंकि अब केवल ICAO-स्वीकृत फोटो ही स्वीकार की जाएंगी।

नई प्रणाली में एक और बड़ी सुविधा जोड़ी गई है — अब मामूली त्रुटियों के लिए पूरा आवेदन दोबारा भरने की आवश्यकता नहीं होगी। बीएलएस केंद्र पर सेवा प्रदाता स्वयं ही पहले से भरे आवेदन में सुधार कर सकेंगे, और इसके लिए कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लिया जाएगा।

इससे पहले, बीएलएस इंटरनेशनल ने भारतीय प्रवासियों को नए फोटो दिशानिर्देशों के बारे में सचेत किया था, जिसके तहत अब पासपोर्ट फोटो में गहरे रंग के वस्त्र पहनना आवश्यक है। यह नियम 1 सितंबर से लागू है, ताकि फोटो अंतरराष्ट्रीय बायोमेट्रिक मानकों पर खरी उतर सके।

ई-पासपोर्ट प्रणाली न केवल पासपोर्ट धारकों के लिए अधिक सुरक्षित और सुविधाजनक साबित होगी, बल्कि यह भारत की वैश्विक पहचान प्रणाली को भी तकनीकी रूप से और सशक्त बनाएगी। अबू धाबी और दुबई मिशनों द्वारा शुरू की गई यह पहल आने वाले महीनों में भारत के अन्य दूतावासों में भी लागू होने की संभावना है।

भारत सरकार की यह डिजिटल पहल न केवल दस्तावेज़ सुरक्षा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह यह भी दर्शाती है कि कैसे भारत अपने नागरिकों के वैश्विक आवागमन को आधुनिक तकनीक के सहारे और अधिक सुरक्षित, सरल और विश्वसनीय बनाने की दिशा में निरंतर अग्रसर है।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-