शादी का मौसम आते ही हर जगह चमक-दमक, भारी जरी-जरदोजी और चटख रंगों की बरसात होने लगती है। हर दुल्हन और मेहमान की चाहत होती है कि वे सबसे अलग दिखें। लेकिन अब ट्रेंड बदल रहा है—जहाँ पहले लाल, मरून और गोल्डन जैसे भारी रंग शादी के पर्याय थे, वहीं अब पेस्टल यानी हल्के, मद्धम रंगों का जादू लोगों पर चढ़ने लगा है। इस सीजन का नया मंत्र है – “कम है तो खास है।”
भारतीय परिधान में पेस्टल रंगों ने एक नई शालीनता और आधुनिकता का संगम पेश किया है। गुलाबी, लैवेंडर, पिस्ता, आइस ब्लू और क्रीम जैसे रंग अब दुल्हनों से लेकर मेहमानों और दूल्हों तक की पसंद बन रहे हैं। पेस्टल का यह ट्रेंड सिर्फ रंगों की बात नहीं, बल्कि पूरे फैशन दृष्टिकोण में बदलाव का संकेत है—जहाँ सादगी को नया ग्लैमर मिला है।
फैशन विशेषज्ञों के अनुसार, पेस्टल रंग “क्वाइट लक्ज़री” यानी शांत वैभव का प्रतीक हैं। ये न तो ज़्यादा शोर करते हैं, न ही अपनी उपस्थिति को छिपाते हैं—बस अपने सौम्य और सधे हुए लुक से ध्यान खींच लेते हैं। आज की पीढ़ी, जो परंपरा के साथ आधुनिकता का संतुलन चाहती है, उसके लिए ये रंग एकदम उपयुक्त हैं।
फैशन डिज़ाइनर और स्टाइल एक्सपर्ट्स मानते हैं कि पेस्टल शेड्स का आकर्षण उनकी बहुमुखी प्रतिभा में छिपा है। ये हर त्वचा रंग पर खिलते हैं, हर रोशनी में सुंदर दिखते हैं और किसी भी समारोह में सहजता से घुल जाते हैं। चाहे दिन की शादी हो, पूलसाइड मेहंदी या ब्रंच रिसेप्शन—पेस्टल परिधान हर अवसर को स्टाइलिश बना देते हैं।
दुल्हनों में अब ब्लश पिंक, लाइट पीच, स्काई ब्लू और शैम्पेन रंगों की मांग सबसे अधिक है। इन हल्के रंगों में की गई चिकनकारी, गोटा-पट्टी या ज़री की नक्काशी बेहद नफासत से उभर कर आती है। पारंपरिक लाल या मरून लहंगे की जगह पेस्टल टोन ने शालीनता का नया पैमाना तय किया है।
फैशन स्टाइलिस्ट सामरपिता यशस्विनी कहती हैं कि “पेस्टल रंग सिर्फ परिधान नहीं, एक भावना हैं। ये रंग दिखावे से ज़्यादा संतुलन और सहजता की बात करते हैं। ऐसे रंग पहनने वाला व्यक्ति भीड़ में चुपचाप नज़र आता है, पर एक गहरी छाप छोड़ जाता है।”
केवल महिलाओं के ही नहीं, बल्कि पुरुषों के परिधानों में भी पेस्टल का चलन तेज़ी से बढ़ रहा है। हल्के पिस्ता, गुलाबी या क्रीम रंग के बंदगले, कुर्ता-पायजामा या शेरवानी अब आधुनिक दूल्हों की पसंद बन चुके हैं। ये रंग न सिर्फ कैमरे में बेहतरीन लगते हैं, बल्कि फोटो एलबम में भी सालों तक स्टाइलिश दिखते हैं।
फैशन फोटोग्राफर मानते हैं कि प्राकृतिक रोशनी में पेस्टल रंग सबसे खूबसूरत दिखते हैं। दिन की शादियों के लिए ये रंग सबसे उपयुक्त हैं क्योंकि इनकी चमक धूप में निखर उठती है। ऐसे परिधान न तो भारी लगते हैं, न थकावट पैदा करते हैं—बल्कि पूरे समारोह में एक ताजगी बनाए रखते हैं।
आभूषणों की बात करें तो पेस्टल शेड्स के साथ गोल्ड, सिल्वर, कुंदन और मोतियों का मेल अद्भुत नज़ाकत पैदा करता है। इन रंगों की सादगी के कारण आभूषण और भी उभर कर सामने आते हैं। यही कारण है कि फैशन विशेषज्ञ पेस्टल आउटफिट के साथ मोतियों के गहनों को “क्लासिक परफेक्शन” मानते हैं।
डिज़ाइनर्स का कहना है कि पेस्टल परिधान सिर्फ सुंदर नहीं दिखते, बल्कि निवेश के लिहाज से भी बेहतर हैं। ये रंग कभी आउट ऑफ़ फैशन नहीं होते। राजघरानों की पोशाकों से लेकर आधुनिक सेलिब्रिटी वेडिंग तक, पेस्टल का आकर्षण हर दौर में कायम रहा है।
इसीलिए, इस शादी के मौसम में अगर आप “भारी चमक” के बीच एक सधी हुई, शाही और ट्रेंडसेटिंग झलक दिखाना चाहते हैं, तो पेस्टल रंगों का चयन सबसे समझदारी भरा कदम होगा।
जहाँ हर कोई चमकदार साड़ियों, भारी लहंगों और मेटैलिक टोन में खोया है, वहीं हल्का गुलाबी, नीला या ऑफ-व्हाइट पहनना न केवल अलग दिखने का बल्कि सुरुचिपूर्ण बनने का तरीका है। पेस्टल अब फैशन का “नया क्लासिक” बन चुके हैं—जो सादगी में ही वैभव और आकर्षण की परिभाषा बदल रहे हैं।
इस सीजन की फैशन कहानी यही कहती है — शोर से नहीं, सादगी से चमको।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

