ग्वालियर. मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक नगरी ग्वालियर में रविवार का दिन उस समय एक बड़े त्रासदीपूर्ण हादसे का गवाह बनने से बाल-बाल बचा, जब एक तेज रफ्तार एसयूवी बीच सड़क पर अचानक आग के गोले में बदल गई। गोला का मंदिर थाना क्षेत्र अंतर्गत कालपी पुल रोड पर हुई इस घटना ने पूरे इलाके में हड़कंप मचा दिया, लेकिन ड्राइवर की असाधारण सूझबूझ और मौके पर मौजूद स्थानीय नागरिकों की त्वरित प्रतिक्रिया ने कार सवार पूरे परिवार को सुरक्षित बचा लिया। जिस परिवार के लिए यह यात्रा मुरार के सेवन नंबर चौराहे से भिंड रोड की ओर एक विवाह समारोह में शामिल होने के उत्साह से भरी थी, वह अचानक जिंदगी और मौत के बीच महज कुछ सेकंडों की लड़ाई में तब्दील हो गई। यह घटना एक बार फिर वाहनों के रखरखाव और सड़क पर त्वरित प्रतिक्रिया के महत्व को रेखांकित करती है।
घटना शाम के समय आदर्श कॉलोनी सिग्नल के पास हुई, जब चलती हुई एसयूवी के बोनट से अचानक धुआँ और लपटें उठनी शुरू हुईं। यह दृश्य सड़क पर चल रहे अन्य वाहनों और राहगीरों के लिए बेहद भयावह था। धुआँ पलक झपकते ही इतना घना हो गया कि कुछ ही सेकंड में लपटों ने विकराल रूप धारण करना शुरू कर दिया। कार के भीतर एक ही परिवार के सदस्य, जिनमें महिलाएँ और छोटे बच्चे भी शामिल थे, मौजूद थे और वे पल भर के लिए सकते में आ गए। लेकिन, इस गंभीर स्थिति में भी ड्राइवर ने घबराहट पर नियंत्रण रखा और अपने अनुभव का सहारा लिया। खतरे को भांपते हुए उसने तुरंत वाहन को सड़क के किनारे रोका, बिना किसी देरी के दरवाज़े खोले और सबसे पहले बच्चों और महिला को कार से बाहर निकालने में मदद की। यह निर्णय ही निर्णायक साबित हुआ, क्योंकि यदि एक मिनट की भी देरी होती, तो स्थिति पूरी तरह नियंत्रण से बाहर हो सकती थी।
स्थानीय नागरिकों, जिन्हें अक्सर ऐसे आपात स्थितियों में पहला प्रतिक्रिया देने वाला माना जाता है, ने भी सराहनीय साहस दिखाया। आग की लपटों की परवाह न करते हुए, वे तुरंत मदद के लिए दौड़े और तेजी से परिवार के सदस्यों को कार से दूर सुरक्षित स्थान पर ले गए। उन्होंने तुरंत पुलिस और अग्निशमन दल को सूचित किया। जब तक दमकल की गाड़ियाँ मौके पर पहुँचीं, तब तक दुर्भाग्यवश, एसयूवी पूरी तरह से आग की चपेट में आ चुकी थी और देखते ही देखते स्टील और प्लास्टिक के मलबे के ढेर में तब्दील हो गई। हालांकि, संपत्ति का नुकसान बड़ा था, लेकिन जीवन की हानि टल गई, जो इस पूरे घटनाक्रम का सबसे बड़ा सकारात्मक पहलू रहा।
प्रारंभिक जाँच के अनुसार, आग लगने का संभावित कारण इंजन का अत्यधिक गर्म होना (Overheating) या इलेक्ट्रिकल शॉर्ट सर्किट बताया जा रहा है। यह तथ्य देश में वाहन अग्नि दुर्घटनाओं के पैटर्न को दर्शाता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि आजकल की आधुनिक कारों में वायरिंग का जटिल जाल होता है, और कई बार अनधिकृत आफ्टर-मार्केट एक्सेसरीज (After-Market Accessories), जैसे कि म्यूजिक सिस्टम, अतिरिक्त लाइटें या हॉर्न के लिए लगाई गई घटिया वायरिंग, आग लगने का मुख्य कारण बनती हैं। इसके अलावा, मानसून के बाद के मौसम में नमी के कारण तारों में जंग लगना या इंजन डिब्बे में तेल या ईंधन का रिसाव होना भी आग को भड़काने में सहायक हो सकता है। यह घटना वाहन मालिकों के लिए एक गंभीर चेतावनी है कि वे लंबी दूरी की यात्रा से पहले अपने वाहन के इलेक्ट्रिकल सिस्टम, इंजन कूलेंट स्तर और ईंधन लाइनों की गहन जाँच अवश्य कराएँ।
इस घटना के बाद, गोला का मंदिर पुलिस स्टेशन ने जली हुई एसयूवी को सड़क से हटाकर किनारे कर दिया है और आग लगने के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए विस्तृत जाँच शुरू कर दी है। पुलिस का मुख्य ध्यान अब मोटर वाहन विशेषज्ञों से राय लेना और यह सुनिश्चित करना है कि कहीं कोई बाहरी हस्तक्षेप या किसी प्रकार की लापरवाही तो नहीं थी। लेकिन, प्राथमिक तौर पर यह माना जा रहा है कि यह पूरी तरह से एक तकनीकी या यांत्रिक विफलता का मामला था। दमकल विभाग के अधिकारियों ने भी नागरिकों के सहयोग की सराहना की, जिन्होंने समय रहते परिवार को बाहर निकाल लिया और घटनास्थल पर तुरंत सूचना दी।
यह दुखद घटना ग्वालियर जैसे बढ़ते शहर की सड़कों पर यातायात सुरक्षा और वाहन रखरखाव के प्रति जागरूकता की कमी को भी उजागर करती है। एसयूवी एक प्रीमियम सेगमेंट का वाहन है, और इस तरह की गाड़ियों में आग लगना उपभोक्ताओं के बीच चिंता पैदा करता है। इस घटना से यह सबक मिलता है कि हर वाहन चालक को अपनी कार में एक छोटा, पहुँच योग्य अग्निशामक यंत्र (Fire Extinguisher) अवश्य रखना चाहिए और आपातकाल की स्थिति में 'रुकें, बाहर निकलें और दूर रहें' के सिद्धांत का सख्ती से पालन करना चाहिए। सुरक्षित बचाव की यह कहानी ग्वालियर के लोगों के साहस और ड्राइवर की समय पर ली गई जिम्मेदारी की मिसाल है, जिसने एक विवाह समारोह की खुशी को मातम में बदलने से रोक लिया। प्रशासन को चाहिए कि वह ऐसे हादसों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सार्वजनिक जागरूकता अभियान चलाए और वाहन फिटनेस मानकों की जाँच को और कठोर करे।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

