पटना: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए सियासी पारा अपने चरम पर है। इस चुनाव में एक अजीबोगरीब ट्रेंड देखने को मिल रहा है, जहाँ प्रमुख राजनीतिक दलों के जेल में बंद उम्मीदवार भी अपने राजनीतिक आकाओं के बूते पर चुनावी मैदान में डटे हुए हैं। सोमवार को राष्ट्रीय जनता दल (RJD) प्रमुख लालू प्रसाद और NDA के दिग्गज नेताओं ने अपने-अपने जेल में बंद प्रत्याशियों के समर्थन में भव्य रोडशो आयोजित कर अपनी ताकत का प्रदर्शन किया।
लालू प्रसाद, जो स्वयं कई बीमारियों से जूझ रहे हैं, ने सोमवार को अपनी पार्टी के उम्मीदवार रितलाल यादव के पक्ष में दानापुर में एक लंबा रोडशो किया। रितलाल यादव वर्तमान में भागलपुर विशेष केंद्रीय जेल में बंद हैं। उन्हें सुरक्षा कारणों से मई में पटना की बेउर सेंट्रल जेल से यहाँ स्थानांतरित किया गया था। रितलाल ने इसी साल अप्रैल में एक जबरन वसूली मामले में आत्मसमर्पण किया था।
लालू प्रसाद के रोडशो के दौरान समर्थकों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिला। उनके काफिले पर जगह-जगह JCB मशीनों का इस्तेमाल कर फूलों की वर्षा की गई, जिससे माहौल पूरी तरह से चुनावी उत्सव में बदल गया। लालू प्रसाद का स्वागत करने के लिए सड़कों पर भारी भीड़ उमड़ी। इस दौरान उनकी सबसे बड़ी बेटी और सांसद मीसा भारती भी उनके साथ मौजूद रहीं, जो लगातार जनता से रितलाल यादव के लिए वोट मांग रही थीं।
NDA भी पीछे नहीं
लालू प्रसाद की तरह ही, NDA गठबंधन ने भी अपने जेल में बंद प्रत्याशी को पूरा समर्थन दिया है। जनता दल (यूनाइटेड) के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने मोकामा में बाहुबली से नेता बने अनंत सिंह के पक्ष में मोर्चा संभाला। अनंत सिंह, जो JD(U) के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं, को पिछले रविवार को मोकामा में जन सुराज पार्टी के एक समर्थक दुलार चंद यादव की हत्या के मामले में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया था।
सोमवार को अनंत सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के एक दिन बाद, ललन सिंह ने तत्काल प्रभाव से अनंत सिंह का चुनाव प्रचार अभियान अपने हाथ में ले लिया। इस रोडशो में उनके साथ उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी भी मौजूद थे। दोनों नेताओं ने एक खुली जीप में सवार होकर पंडारक से मोकामा तक 30 किलोमीटर लंबा रोडशो किया। ललन सिंह ने मोकामा के लोगों से मुलाकात की और अनंत सिंह को वोट देने की भावुक अपील की।
हत्या के आरोपों पर सफाई और साजिश का दावा
मोकामा में रोडशो के दौरान ललन सिंह ने अनंत सिंह पर लगे हत्या के आरोपों पर सफाई दी। उन्होंने दावा किया कि यह पूरी घटना सहजस्फूर्त नहीं थी, बल्कि कई वीडियो से यह खुलासा होता है कि इसके पीछे एक गहरी साजिश थी। उन्होंने कहा, "पुलिस को इस मामले की गहन जांच करनी चाहिए। मैं पुलिस से आग्रह करता हूं कि वे इसमें शामिल सभी लोगों को बेनकाब करें।" यह बयान स्पष्ट रूप से अनंत सिंह को राजनीतिक साजिश का शिकार बताने की कोशिश थी।
विधानसभा चुनाव पर अपनी बात रखते हुए ललन सिंह ने जोर देकर कहा, "बिहार में मोदी और नीतीश की 'जय जय' हो रही है। बिहार में NDA की सरकार फिर से बनेगी। हम सभी नीतीश जी के नेतृत्व में चुनाव लड़ रहे हैं।"
बाहुबलियों पर जनता का भरोसा
बिहार की राजनीति में यह कोई नई बात नहीं है कि जेल में बंद बाहुबली उम्मीदवार चुनावी मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। रितलाल यादव और अनंत सिंह दोनों ही अपने-अपने क्षेत्रों में मजबूत पकड़ और जातीय समीकरणों के लिए जाने जाते हैं।
रितलाल यादव, जिनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं, को दानापुर और आसपास के यादव मतदाताओं का बड़ा समर्थन प्राप्त है। लालू प्रसाद का स्वयं उनके लिए प्रचार में उतरना यह दर्शाता है कि RJD इस सीट को कितनी गंभीरता से ले रही है। वहीं, मोकामा में अनंत सिंह का दबदबा जगजाहिर है। हत्या के आरोपों के बावजूद, JD(U) ने उन पर भरोसा जताया है, जो दर्शाता है कि पार्टी जीत के लिए उनके बाहुबल और जनाधार को नजरअंदाज नहीं कर सकती।
यह चुनाव प्रचार स्पष्ट संकेत देता है कि बिहार की राजनीति में जातीय समीकरण और बाहुबलियों का प्रभाव अभी भी निर्णायक भूमिका निभाता है, भले ही उम्मीदवार सलाखों के पीछे हों। दोनों प्रमुख गठबंधनों द्वारा अपने जेल में बंद उम्मीदवारों के लिए शीर्ष नेताओं का प्रचार में उतरना, उन सीटों पर जीत सुनिश्चित करने के लिए उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-

