पुणे में एसीबी का बड़ा एक्शन ईओडब्ल्यू के पुलिस अधिकारी को 46.5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया, दो करोड़ की मांग का आरोप

पुणे में एसीबी का बड़ा एक्शन ईओडब्ल्यू के पुलिस अधिकारी को 46.5 लाख की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया, दो करोड़ की मांग का आरोप

प्रेषित समय :22:09:15 PM / Mon, Nov 3rd, 2025
Reporter : पलपल रिपोर्टर

पुणे: महाराष्ट्र के पुणे में एंटी-करप्शन ब्यूरो (ACB) ने एक सनसनीखेज कार्रवाई करते हुए पिंपरी चिंचवड़ पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में तैनात एक पुलिस उपनिरीक्षक को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा है। आरोपी अधिकारी पर दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है, जबकि उसे पहली किस्त के तौर पर 46.5 लाख रुपये लेते समय गिरफ्तार किया गया।

एसीबी के अनुसार, आरोपी का नाम प्रमोद रविंद्र चिंतामणि (35) है, जो भोसरी के दिघी रोड स्थित गंगोत्री पार्क का निवासी बताया गया है। उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है।

यह कार्रवाई तब हुई जब एक 48 वर्षीय वकील ने एसीबी के पास शिकायत दर्ज कराई कि एक केस से जुड़े मामले में अधिकारी ने उससे भारी रकम की मांग की है। एसीबी के मुताबिक, वकील के मुवक्किल के खिलाफ इस वर्ष बावधन पुलिस स्टेशन में एक अपराध दर्ज किया गया था, जिसमें मुवक्किल के पिता को भी गिरफ्तार किया गया था। इसी मामले की जांच ईओडब्ल्यू कर रही थी।

शिकायतकर्ता के मुताबिक, आरोपी उपनिरीक्षक प्रमोद चिंतामणि ने जांच में राहत दिलाने और आगे की कार्रवाई रोकने के बदले दो करोड़ रुपये की रिश्वत मांगी थी। शिकायत मिलने के बाद एसीबी की पुणे इकाई ने एक ट्रैप ऑपरेशन की योजना बनाई।

रविवार को जब शिकायतकर्ता ने आरोपी को पहली किस्त के तौर पर 46.5 लाख रुपये सौंपे, तब एसीबी की टीम ने मौके पर दबिश देकर उसे रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। इस दौरान पूरी कार्रवाई को एसीबी अधिकारियों ने वीडियो रिकॉर्ड किया ताकि साक्ष्य के रूप में अदालत में पेश किया जा सके।

एसीबी ने बताया कि यह कार्रवाई पुणे के एसीबी एसपी विवेक फडके के मार्गदर्शन में की गई। कार्रवाई में डीवाईएसपी माधव पवार और उनकी टीम शामिल रही। फिलहाल आरोपी को हिरासत में लेकर आगे की पूछताछ की जा रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या इस रिश्वत कांड में अन्य अधिकारी या मध्यस्थ भी शामिल हैं।

एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि प्रारंभिक जांच से यह स्पष्ट हुआ है कि आरोपी ने मामले में जानबूझकर देरी की और पीड़ित पक्ष पर दबाव बनाकर रकम की मांग की थी। अधिकारी ने कहा, “हमें पुख्ता जानकारी मिली थी कि आरोपी एक बड़ी रकम मांग रहा है। शिकायत सत्यापित करने के बाद हमने जाल बिछाया और उसे रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ लिया।”

इस घटना के सामने आने के बाद पुणे पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। ईओडब्ल्यू जैसी संवेदनशील शाखा में तैनात अधिकारी का इस तरह भ्रष्टाचार में लिप्त पाया जाना विभाग की छवि पर गंभीर सवाल खड़े कर रहा है।

पुलिस मुख्यालय ने मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपी के निलंबन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। साथ ही यह भी जांच की जा रही है कि आरोपी किन अन्य मामलों की जांच कर रहा था और कहीं उसने वहां भी अवैध लाभ तो नहीं उठाया।

सूत्रों के अनुसार, आरोपी चिंतामणि के पास से रिश्वत की रकम, मोबाइल फोन और कुछ दस्तावेज भी जब्त किए गए हैं, जो जांच में महत्वपूर्ण सबूत साबित हो सकते हैं।

राज्य एसीबी के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि यह कार्रवाई यह दर्शाती है कि भ्रष्टाचार पर शून्य सहिष्णुता की नीति पर सख्ती से अमल किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी विभाग हो, यदि कोई सरकारी अधिकारी रिश्वत लेते पाया जाता है, तो उसके खिलाफ तुरंत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पिछले कुछ महीनों में एसीबी ने कई उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार मामलों का खुलासा किया है। केवल पुणे और पिंपरी चिंचवड़ क्षेत्र में ही इस वर्ष 25 से अधिक अधिकारी रिश्वत लेते हुए पकड़े गए हैं, जिनमें कई पुलिसकर्मी भी शामिल हैं।

इस नवीनतम गिरफ्तारी ने एक बार फिर यह सवाल उठाया है कि क्या पुलिस विभाग के भीतर ईमानदारी और पारदर्शिता के लिए और कड़े कदम उठाने की जरूरत है। नागरिक संगठनों ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि एसीबी को ऐसे मामलों में शीर्ष स्तर तक जांच का दायरा बढ़ाना चाहिए, ताकि भ्रष्टाचार की जड़ तक पहुंचा जा सके।

एसीबी सूत्रों का कहना है कि जांच पूरी होने के बाद आरोपी को अदालत में पेश किया जाएगा, जहां से उसकी आगे की पुलिस हिरासत तय होगी। फिलहाल उसे पुणे में एसीबी मुख्यालय में पूछताछ के लिए रखा गया है।

यह मामला एक बार फिर साबित करता है कि रिश्वत और भ्रष्टाचार के खिलाफ समाज में सतर्कता और साहस के साथ आवाज उठाना कितना आवश्यक है। शिकायतकर्ता वकील ने जिस दृढ़ता से मामला उठाया, उसी के चलते एक भ्रष्ट अधिकारी को कानून के शिकंजे में लाया जा सका।

Source : palpalindia ये भी पढ़ें :-